Russia Ukraine War: इन जरूरी उत्पादों का खड़ा हो गया भारी संकट, दुनियाभर के लोगों के लिए होगी बड़ी चुनौती h3>
नई दिल्ली: युद्ध (War) कोई भी हो, अपने पीछे काफी काफी दुख-दर्द छोड़ जाता है। कुछ ऐसे भीषण परिणाम, जो युद्ध में शामिल नहीं रहे लोगों को भी लंबे समय तक प्रभवित करते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) में भी ऐसा ही हो रहा है। यूक्रेनी लोगों को कई आवश्यक वस्तुओं के लाले पड़ गए हैं। यूक्रेनी खाद्य वस्तुओं (Food) और दवाइयों (Medicine) के लिए दौड़ रहे हैं। वहीं, रूस पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध (Sanctions on Russia) लगने से रूसी कारोबार चौपट हो रहा है। इस युद्ध से सिर्फ यूक्रेन और रूसी लोग ही प्रभावित नहीं है, बल्कि इसका आर्थिक असर दुनियाभर मे देखने को मिल रहा है। वैश्विक वित्तीय कंपनी गोल्डमैन सैश (Goldman Sachs) के अनुसार वैश्विक ग्रोथ रेट (Global Growth Rate) का अनुमान घटाया रहा है और साल 2023 में अमेरिका में मंदी (Recession in US) की गुंजाइश बढ़कर 35 फीसद हो गई है। यह युद्ध सिर्फ यूक्रेन और रूस के लिए नहीं, बल्कि दुनियाभर के लोगों के लिए दर्द बन रहा है।
दुनियाभर में भुखमरी बढ़ने की आशंका
रूस पर लगे भारी प्रतिबंधों और सप्लाई-चेन में आई बाधाओं से तेल और दूसरी कमोडिटीज की कीमतों में भारी उछाल आया है। इससे जरूरी वस्तुओं की कीमतों में विश्वभर में तेजी देखने को मिल रही है। गैस और पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Gas and Petrol-Diesel Prices) में वृद्धि से खाद्य वस्तुओं में भी महंगाई (Inflation in Food Items) काफी ज्यादा बढ़ गई हैं। इससे विश्व में भुखमरी का संकट (Hunger Crisis) पैदा होने की आशंका है।
यहां तीन दिन से भी कम का खाना बचा
फ्रांस सरकार भूखे लोगों के लिए फूड वाउचर्स बांटने के बारे में सोच रही है। वहीं, एक कमोडिटीज ट्रेडिंग कंपनी का कहना है कि डीजल की सप्लाई (Diesel Supply) इतनी कम है कि उनके पंप बंद करने की नौबत आ गई है। यूक्रेन से कई शरणार्थी पड़ोसी देशों में जा रहे हैं। इन लोगों के पास अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता नहीं है। यूक्रेन के कुछ इलाकों में तीन दिन से भी कम समय का खाना बचा है। लोगों की मदद करने वाली एक एजेंसी Mercy Corps ने चेतावनी दी है कि देश में मानवीय सिस्टम पूरी तरह टूट चुका है। रिपोर्ट के अनुसार खारकीव और सुमी की करीब 70 फीसद जनसंख्या पूरी तरह मदद पर निर्भर है। यूक्रेनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार यूक्रेन में कुछ जगहों पर मेडिकल सप्लाई भी पूरी तरह टूट चुकी है।
गरीब देशों के लिए बुरे हालात
गैस की कीमतों में वृद्धि (Gas Price Hike) और खाद की सप्लाई घटने (Fertilizer Supply Shrinking) से खाद्य वस्तुओं की कीमतों (Food Prices) में उछाल देखने को मिल रहा है। गेहूं (Wheat), मक्का (Corn), खाद्य तेल ( Vegetable oils) और सोयाबीन (Soybean) की कीमतें आसमान पर हैं। ऐसे में जो देश पहले से ही खाद्य असुरक्षा (Food Insecurity) से जूझ रहे हैं, उन देशों के लिए समस्या काफी बढ़ गई है। विकासशील देशों पर भी कीमतों में वृद्धि का बड़ा असर दिखना शुरू हो गया है।
फ्रांस ला रहा फूड वाउचर्स सिस्टम
फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार मध्यम और निम्न-मध्यम परिवारों की मदद के लिए फूड वाउचर्स (Food Vouchers) लाने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने इस समस्या को ‘वैश्विक खाद्य संकट’ (Worldwide Food Crisis) नाम दिया है। उन्होंने मंगलवार को एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैं एक फूड वाउचर सिस्टम लाना चाहता हूं, जिससे मध्यम और निम्न वर्गीय परिवारों को आसानी से भोजन मिल सके।’
थाली पर आई आंच
यहां बता दें कि वैश्विक स्तर पर गेहूं की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं। यह इसलिए है, क्योंकि गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक देशों रूस और यूक्रेन से सप्लाई नहीं आ रही है। खाद की सप्लाई बहुत कम है और एनर्जी की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। इसका असर देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक भी पहुंच गया है। फरवरी में यूएस फूड प्राइसेज एक फीसद बढ़ गई थीं। सप्लाई चेन बाधित होने से बढ़ती कीमतों के कारण इजिप्ट को इस हफ्ते ब्रेड की कीमतों को फिक्स करना पड़ा है। यूक्रेन पर रूस के हमले के तीन हफ्ते के अंदर कई जगहों पर गैर-सब्सिडाइज ब्रेड की कीमतों (Bread Prices) में 25 फीसद का उछाल आ गया है।
क्रूड ऑयल पर बड़ा संकट
यूएस के तेल को कई देशों द्वारा बैन कर देने के चलते ऊर्जा कीमतें (Energy prices) पूरे विश्वभर में बढ़ गई हैं। अगर यूरोप पूरी तरह से रूसी तेल ( Russian crude oil) पर प्रतिबंध लगाता है, तो रूस को सप्लाई 30 लाख बैरल प्रति दिन घटानी होगी। इससे दुनियाभर में ऑयल सप्लाई का काफी बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा। हालांकि, अगर ओपेक देश (OPEC nations) तेजी से उत्पादन बढ़ाते हैं, तो यह संकट कुछ कम हो सकता है। यह एक ऐसा कदम में जिसे उठाने में ओपेक देश झिझकते रहे हैं।
कारोबार जगत के 20 से अधिक सेक्टर से जुड़े बेहतरीन आर्टिकल और उद्योग से जुड़ी गहन जानकारी के लिए आप इकनॉमिक टाइम्स की स्टोरीज पढ़ सकते हैं। इकनॉमिक टाइम्स की ज्ञानवर्धक जानकारी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 90349993
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दुनियाभर में भुखमरी बढ़ने की आशंका
यहां तीन दिन से भी कम का खाना बचा
फ्रांस सरकार भूखे लोगों के लिए फूड वाउचर्स बांटने के बारे में सोच रही है। वहीं, एक कमोडिटीज ट्रेडिंग कंपनी का कहना है कि डीजल की सप्लाई (Diesel Supply) इतनी कम है कि उनके पंप बंद करने की नौबत आ गई है। यूक्रेन से कई शरणार्थी पड़ोसी देशों में जा रहे हैं। इन लोगों के पास अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता नहीं है। यूक्रेन के कुछ इलाकों में तीन दिन से भी कम समय का खाना बचा है। लोगों की मदद करने वाली एक एजेंसी Mercy Corps ने चेतावनी दी है कि देश में मानवीय सिस्टम पूरी तरह टूट चुका है। रिपोर्ट के अनुसार खारकीव और सुमी की करीब 70 फीसद जनसंख्या पूरी तरह मदद पर निर्भर है। यूक्रेनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार यूक्रेन में कुछ जगहों पर मेडिकल सप्लाई भी पूरी तरह टूट चुकी है।
गरीब देशों के लिए बुरे हालात
गैस की कीमतों में वृद्धि (Gas Price Hike) और खाद की सप्लाई घटने (Fertilizer Supply Shrinking) से खाद्य वस्तुओं की कीमतों (Food Prices) में उछाल देखने को मिल रहा है। गेहूं (Wheat), मक्का (Corn), खाद्य तेल ( Vegetable oils) और सोयाबीन (Soybean) की कीमतें आसमान पर हैं। ऐसे में जो देश पहले से ही खाद्य असुरक्षा (Food Insecurity) से जूझ रहे हैं, उन देशों के लिए समस्या काफी बढ़ गई है। विकासशील देशों पर भी कीमतों में वृद्धि का बड़ा असर दिखना शुरू हो गया है।
फ्रांस ला रहा फूड वाउचर्स सिस्टम
फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार मध्यम और निम्न-मध्यम परिवारों की मदद के लिए फूड वाउचर्स (Food Vouchers) लाने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने इस समस्या को ‘वैश्विक खाद्य संकट’ (Worldwide Food Crisis) नाम दिया है। उन्होंने मंगलवार को एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैं एक फूड वाउचर सिस्टम लाना चाहता हूं, जिससे मध्यम और निम्न वर्गीय परिवारों को आसानी से भोजन मिल सके।’
थाली पर आई आंच
यहां बता दें कि वैश्विक स्तर पर गेहूं की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं। यह इसलिए है, क्योंकि गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक देशों रूस और यूक्रेन से सप्लाई नहीं आ रही है। खाद की सप्लाई बहुत कम है और एनर्जी की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। इसका असर देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक भी पहुंच गया है। फरवरी में यूएस फूड प्राइसेज एक फीसद बढ़ गई थीं। सप्लाई चेन बाधित होने से बढ़ती कीमतों के कारण इजिप्ट को इस हफ्ते ब्रेड की कीमतों को फिक्स करना पड़ा है। यूक्रेन पर रूस के हमले के तीन हफ्ते के अंदर कई जगहों पर गैर-सब्सिडाइज ब्रेड की कीमतों (Bread Prices) में 25 फीसद का उछाल आ गया है।
क्रूड ऑयल पर बड़ा संकट
यूएस के तेल को कई देशों द्वारा बैन कर देने के चलते ऊर्जा कीमतें (Energy prices) पूरे विश्वभर में बढ़ गई हैं। अगर यूरोप पूरी तरह से रूसी तेल ( Russian crude oil) पर प्रतिबंध लगाता है, तो रूस को सप्लाई 30 लाख बैरल प्रति दिन घटानी होगी। इससे दुनियाभर में ऑयल सप्लाई का काफी बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा। हालांकि, अगर ओपेक देश (OPEC nations) तेजी से उत्पादन बढ़ाते हैं, तो यह संकट कुछ कम हो सकता है। यह एक ऐसा कदम में जिसे उठाने में ओपेक देश झिझकते रहे हैं।
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