Russia Ukraine War: अमेरिका, ब्रिटेन, पोलैंड, तुर्की… यूक्रेन को अत्याधुनिक हथियार देने की मची होड़, क्या तय है रूस से युद्ध h3>
कीव: रूस से जारी तनाव के बीच नाटो (NATO)सदस्य देशों ने यूक्रेन को अत्याधुनिक हथियारों की सप्लाई शुरू कर दी है। यूक्रेन को हथियार भेजने में अमेरिका, ब्रिटेन, पोलैंड, तुर्की, लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया समेत कई अन्य पश्चिमी देश शामिल हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि पूर्वी यूरोप में जारी तनाव जल्द ही युद्ध को शुरू कर सकता है। उधर, रूस ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि उसकी सीमा के पास नाटो के हथियार अस्वीकार्य हैं। अगर यूक्रेन में इन हथियारों को तैनात किया जाता है और वह नाटो इस क्षेत्र में अपना विस्तार जारी रखता है तो इसके परिणामों के लिए रूस जिम्मेदार नहीं होगा।
ब्रिटेन ने यूक्रेन को भेजी मिसाइलें
ब्रिटेन ने यूक्रेन को हाल में ही एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों का जखीरा भेजा है। ये मिसाइलें आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाकर फायर की जा सकती हैं। इन मिसाइलों की मदद से यूक्रेन जंग के दौरान रूसी हेलीकॉप्टरों, ड्रोन और दूसरे फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट्स को उड़ा सकता है। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय में सशस्त्र बलों के मंत्री जेम्स हेप्पी ने हथियारों को भेजे जाने की पुष्टि करते हुए कहा था कि यूनाइटेड किंगडम ने यूक्रेन को कई हजारों हल्की एंटी टैंक मिसाइलें भेजी हैं। उन्होंने तारीफ करते हुए कहा कि यूक्रेन एक गर्वित संप्रभु राष्ट्र है और वहां के लोग अपने देश के हर इंच के लिए लड़ने को तैयार हैं।
तुर्की ने भी यूक्रेन को सौंपे सैकड़ों अटैक ड्रोन
तुर्की ने भी यूक्रेन की सहायता के लिए सैकड़ों की संख्या में बायरकटार TB2 ड्रोन सौंपा है। इन ड्रोन्स की मदद से यूक्रेन की सेना रूसी सीमा की रखवाली भी कर रही है। हाल में ही खबर आई थी कि तुर्की में बने इन ड्रोन के जरिए यूक्रेन ने रूस समर्थित अलगाववादियों को निशाना बनाया था। यूक्रेन की सेना ने कहा था कि तुर्की निर्मित बायरकटार ड्रोन से एक हॉवित्जर को नष्ट कर दिया और डॉनबोस इलाके में सक्रिय कई हथियारबंद विद्रोही मार डाला। यूक्रेन का दावा था कि इन विद्रोहियों के 122 मिमी डी-30 हॉवित्जर के हमले में उसके दो सैनिकों की मौत हुई है। जिसके बाद रूस ने दावा किया था कि उसने तुर्की में बने 40 बेराकटार ड्रोन को मार गिराया है, हालांकि सबूत के तौर पर उसने सिर्फ एक को ही प्रदर्शित किया है।
रूस और यूक्रेन की सैन्य ताकत जानें
सैन्य ताकत
यूक्रेन
रूस
कुल सैनिक
110000
2900000
एक्टिव सैनिक
200000
900000
रिजर्व सैनिक
900000
2000000
लड़ाकू विमान
98
1511
हमलावर हेलीकॉप्टर
34
544
टैंक
2596
12240
आर्मर्ड व्हीकल
12303
30122
तोप
2040
7571
स्त्रोत- ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स
लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया भी भेज रहे हथियार
अमेरिका ने हाल में ही लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया को अपने देश में बने हथियारों को यूक्रेन भेजने की मंजूरी दी थी। एक्सपोर्ट कंट्रोल कानूनों के अनुसार, अमेरिका में बने हथियारों को किसी तीसरे देश को सौंपने से पहले विदेश विभाग की मंजूरी लेना जरूरी होता है। इस मंजूरी के तहत एस्टोनिया जेवलिन एंटी टैंक मिसाइलों को यूक्रेन को सौंपेगा। वहीं, लिथुआनिया स्ट्रिंगर मिसाइलों को यूक्रेन भेजने की तैयारी में है। इन मिसाइलों की मदद से हवा और जमीन पर मौजूद खतरों से निपटा जा सकता है।
यूक्रेन के पक्ष में क्यों खड़ा है अमेरिका
यूक्रेन और अमेरिका के बीच पिछले दो दशकों से राजनीतिक और रणनीतिक संबंध काफी मजबूत हुए हैं। यूक्रेन अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का पूर्णकालिक सदस्य बनना चाहता है। वर्तमान में यूक्रेन नाटो का अस्थायी सदस्य है। इसके बावजूद अमेरिका के लिए यूक्रेन रणनीतिक रूप से काफी अहम देश है। ऐसे में यूक्रेन को बचाने के लिए अमेरिका ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। यूक्रेन के साथ जारी तनाव को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव वियना में चर्चा कर रहे हैं। इससे पहले दोनों देशों के उप विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन को लेकर बैठक की थी। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन दो बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात कर चुके हैं।
यूक्रेन को लगातार हथियार सप्लाई कर रहा अमेरिका
अमेरिका पिछले कई साल से यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई कर रहा है। इस पूर्व सोवियत देश की सेना में अमेरिकी हथियारों की भरमार है। बाइडेन प्रशासन ने पिछले साल दिसंबर में यूक्रेन को 200 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त डिफेंसिव सिक्योरिटी असिस्टेंस मुहैया करवाई थी। इसके अलावा 60 बिलियन डॉलर के घातक और गैर-घातक उपकरणों की सप्लाई की मंजूरी दी थी।
ब्रिटेन ने यूक्रेन को भेजी मिसाइलें
ब्रिटेन ने यूक्रेन को हाल में ही एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों का जखीरा भेजा है। ये मिसाइलें आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाकर फायर की जा सकती हैं। इन मिसाइलों की मदद से यूक्रेन जंग के दौरान रूसी हेलीकॉप्टरों, ड्रोन और दूसरे फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट्स को उड़ा सकता है। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय में सशस्त्र बलों के मंत्री जेम्स हेप्पी ने हथियारों को भेजे जाने की पुष्टि करते हुए कहा था कि यूनाइटेड किंगडम ने यूक्रेन को कई हजारों हल्की एंटी टैंक मिसाइलें भेजी हैं। उन्होंने तारीफ करते हुए कहा कि यूक्रेन एक गर्वित संप्रभु राष्ट्र है और वहां के लोग अपने देश के हर इंच के लिए लड़ने को तैयार हैं।
तुर्की ने भी यूक्रेन को सौंपे सैकड़ों अटैक ड्रोन
तुर्की ने भी यूक्रेन की सहायता के लिए सैकड़ों की संख्या में बायरकटार TB2 ड्रोन सौंपा है। इन ड्रोन्स की मदद से यूक्रेन की सेना रूसी सीमा की रखवाली भी कर रही है। हाल में ही खबर आई थी कि तुर्की में बने इन ड्रोन के जरिए यूक्रेन ने रूस समर्थित अलगाववादियों को निशाना बनाया था। यूक्रेन की सेना ने कहा था कि तुर्की निर्मित बायरकटार ड्रोन से एक हॉवित्जर को नष्ट कर दिया और डॉनबोस इलाके में सक्रिय कई हथियारबंद विद्रोही मार डाला। यूक्रेन का दावा था कि इन विद्रोहियों के 122 मिमी डी-30 हॉवित्जर के हमले में उसके दो सैनिकों की मौत हुई है। जिसके बाद रूस ने दावा किया था कि उसने तुर्की में बने 40 बेराकटार ड्रोन को मार गिराया है, हालांकि सबूत के तौर पर उसने सिर्फ एक को ही प्रदर्शित किया है।
रूस और यूक्रेन की सैन्य ताकत जानें
सैन्य ताकत | यूक्रेन | रूस |
कुल सैनिक | 110000 | 2900000 |
एक्टिव सैनिक | 200000 | 900000 |
रिजर्व सैनिक | 900000 | 2000000 |
लड़ाकू विमान | 98 | 1511 |
हमलावर हेलीकॉप्टर | 34 | 544 |
टैंक | 2596 | 12240 |
आर्मर्ड व्हीकल | 12303 | 30122 |
तोप | 2040 | 7571 |
स्त्रोत- ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स
लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया भी भेज रहे हथियार
अमेरिका ने हाल में ही लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया को अपने देश में बने हथियारों को यूक्रेन भेजने की मंजूरी दी थी। एक्सपोर्ट कंट्रोल कानूनों के अनुसार, अमेरिका में बने हथियारों को किसी तीसरे देश को सौंपने से पहले विदेश विभाग की मंजूरी लेना जरूरी होता है। इस मंजूरी के तहत एस्टोनिया जेवलिन एंटी टैंक मिसाइलों को यूक्रेन को सौंपेगा। वहीं, लिथुआनिया स्ट्रिंगर मिसाइलों को यूक्रेन भेजने की तैयारी में है। इन मिसाइलों की मदद से हवा और जमीन पर मौजूद खतरों से निपटा जा सकता है।
यूक्रेन के पक्ष में क्यों खड़ा है अमेरिका
यूक्रेन और अमेरिका के बीच पिछले दो दशकों से राजनीतिक और रणनीतिक संबंध काफी मजबूत हुए हैं। यूक्रेन अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का पूर्णकालिक सदस्य बनना चाहता है। वर्तमान में यूक्रेन नाटो का अस्थायी सदस्य है। इसके बावजूद अमेरिका के लिए यूक्रेन रणनीतिक रूप से काफी अहम देश है। ऐसे में यूक्रेन को बचाने के लिए अमेरिका ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। यूक्रेन के साथ जारी तनाव को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव वियना में चर्चा कर रहे हैं। इससे पहले दोनों देशों के उप विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन को लेकर बैठक की थी। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन दो बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात कर चुके हैं।
यूक्रेन को लगातार हथियार सप्लाई कर रहा अमेरिका
अमेरिका पिछले कई साल से यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई कर रहा है। इस पूर्व सोवियत देश की सेना में अमेरिकी हथियारों की भरमार है। बाइडेन प्रशासन ने पिछले साल दिसंबर में यूक्रेन को 200 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त डिफेंसिव सिक्योरिटी असिस्टेंस मुहैया करवाई थी। इसके अलावा 60 बिलियन डॉलर के घातक और गैर-घातक उपकरणों की सप्लाई की मंजूरी दी थी।