Russia Ukraine Crisis: ब्रिटेन की चेतावनी- यूक्रेन पर हमला किया तो भुगतने होंगे परिणाम? रूस का पलटवार- हमें उपदेश न दें

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Russia Ukraine Crisis: ब्रिटेन की चेतावनी- यूक्रेन पर हमला किया तो भुगतने होंगे परिणाम? रूस का पलटवार- हमें उपदेश न दें


Russia Ukraine Crisis: ब्रिटेन की चेतावनी- यूक्रेन पर हमला किया तो भुगतने होंगे परिणाम? रूस का पलटवार- हमें उपदेश न दें

मॉस्को: यूक्रेन और रूस (Russia Ukraine News) के बीच विवाद शांत करने की कूटनीतिक कोशिशें तेज हो गई हैं। अमेरिका के फेल होने के बाद अब फ्रांस और ब्रिटेन ने रूस से बातचीत (Russia Ukraine Crisis) का जिम्मा संभाला है। ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रूस इस समय रूस दौरे (Liz Truss Russia Visit) पर हैं। उन्होंने मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से यूक्रेन संकट पर बातचीत की है। ब्रिटिश विदेश मंत्री ने सर्गेई लावरोव को बैठक (Sergey Lavrov Liz Truss Meeting) में ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो उसे गंभीर परिणाम (UK Warns Russia) भुगतने होंगे। जिस पर पलटवार करते हुए रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि पश्चिमी देश हमें उपदेश देने की कोशिश न करें। इससे बातचीत की पूरी प्रक्रिया ही बाधित हो सकती है। उधर, यूक्रेन की सीमा पर रूस के करीब 1 लाख सैनिक भारी हथियारों के साथ अलर्ट मोड में तैनात हैं। जिसे देखते हुए यूक्रेन के समर्थन में उतरे नाटो ने भी सैन्य तैनाती को बढ़ा दिया है।

ब्रिटिश विदेश मंत्री की चेतावनी पर रूस का पलटवार
बैठक में ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रूस ने चेताया कि रूस को पड़ोसी यूक्रेन पर हमला करने के गंभीर परिणाम चुकाने होंगे। उन्होंने रूस से अनुरोध किया कि वह यूक्रेन की स्वतंत्रता एवं संप्रभुता का सम्मान करने के अपने अंतरराष्ट्रीय समझौते की प्रतिबद्धता का पालन करे। बैठक के दौरान कड़ा रुख अपनाने वाले लावरोव ने भी दो टूक कहा कि पश्चिमी देश मॉस्को को उपदेश नहीं दें। लावरोव ने कहा कि वैचारिक दृष्टिकोण और अंतिम चेतावनी के रास्ते आगे नहीं बढ़ा जा सकता। माना जा रहा है कि ब्रिटेन और रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक का भी कोई परिणाम निकलता नहीं दिख रहा है। दरअसल लिज ट्रूस पहले से ही रूस विरोधी बयान देती रही हैं। उन्होंने दिसंबर में जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान भी कहा था कि यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के प्रति बड़ी रणनीतिक भूल होगी और मॉस्को को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति के रूस दौरे के भी नहीं निकले कोई परिणाम
इससे दो दिन पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मॉस्को पहुंचे थे। उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन को लेकर लंबी बातचीत की थी। तब मैक्रों ने भरोसा जताया था कि रूस अब यूक्रेन संकट को और अधिक नहीं बढ़ाएगा। मैक्रों मॉस्को का दौरा कर सीधे यूक्रेन की राजधानी कीव भी पहुंचे थे। इस बैठक में व्लादिमीर पुतिन ने इमैनुएल मैक्रों से कहा था कि अमेरिका और नाटो ने रूस की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को सिरे से खारिज कर दिया है। अब ये दोनों हमें लेक्चर देने की कोशिश कर रहे हैं कि रूस को अपनी सेना कहा और कैसे तैनात करनी चाहिए। उन्होंने यूक्रेन पर आरोप लगाया कि उसने 2015 के मिंस्क समझौते को मानने से इनकार कर पहले ही तनाव को बढ़ा दिया है। ऐसे में रूस के पास खुद की रक्षा करने का पूरा अधिकार है।

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ब्रिटेन बोला- यूरोप में भयानक युद्ध का डर
खुफिया रिपोर्टों से पता चला है कि कम से कम 90000 रूसी सैनिक, भारी तोपखाने और टैंकों के साथ यूक्रेन की सीमा के नजदीक तैनात हैं। मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले साल की शुरुआत में यह संख्या बढ़कर 175000 हो सकती है। ब्रिटिश सशस्त्र बलों के रक्षा स्टाफ के नए प्रमुख एडमिरल सर टोनी राडाकिन ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध दूसरे विश्व युद्ध के बाद से 75 से अधिक वर्षों के लिए यूरोप में सबसे बड़ी लड़ाई हो सकती है।

Russia Britain.

जवाबी कारर्वाई के लिए यूक्रेनी सेना भी तैयार
रूस ने पिछले रई महीनों से यूक्रेन की सीमा पर टैंक, मिसाइलों और दूसरे हथियारों के साथ अपने हजारों सैनिकों को तैनात किया हुआ है।अप्रैल 2021 में भी रूस ने यूक्रेन की सीमा पर सैनिकों और हथियारों को तैनात किया था। इस बार की तैनाती क्रीमिया में रूस समर्थित विद्रोहियों पर यूक्रेनी सेना के ड्रोन हमले के बाद की गई है। यूक्रेन ने आरोप लगाया था कि इन विद्रोहियों के हमले में उसके दो सैनिक हताहत हुए थे।

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ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रूस और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव हाथ मिलाते हुए



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