Russia Hit Squad: व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर हुई थी विपक्षी नेता बोरिस नेम्त्सोव की हत्या? खुफिया रिपोर्ट में बड़ा दावा h3>
मॉस्को: यूक्रेन संकट के बीच रूस के विपक्षी नेता बोरिस नेम्त्सोव की हत्या (Boris Nemtsov Murder) को लेकर बड़ा दावा किया गया है। बीबीसी ने खोजी वेबसाइट्स बेलिंगकैट और द इनसाइडर के हवाले से कहा है कि बोरिस नेम्त्सोव (Boris Nemtsov) की हत्या से पहले रूसी खुफिया एजेंटों (Russian Intelligence Agency) ने उनका एक साल तक पीछा किया था। नेम्त्सोव राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के घोर विरोधी थे। पुतिन के सत्ता में आने के बाद से 2015 में उनकी हत्या हो गई थी। यह पुतिन के कार्यकाल की सबसे हाई-प्रोफाइल राजनीतिक हत्या मानी जाती है। हालांकि, रूस हमेशा से इस हत्या के पीछे सरकारी एजेंसी के हाथ होने से इनकार करता रहा है।
13 यात्राओं पर किया गया था पीछा
बेलिंगकैट, द इनसाइडर और बीबीसी ने दावा किया है कि उनके पास ऐसे सबूत हैं कि बोरिस नेम्त्सोव की हत्या से पहले 13 यात्राओं पर उनका पीछा किया गया था। बोरिस नेमत्सोव 1990 के दशक में सोवियत संघ के बड़े नेता के रूप में उभरे थे। उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के अधीन उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था। तब उन्हें बोरिस येल्तसिन के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था। हालांकि, तभी व्लादिमीर पुतिन का राजनीतिक कद इतना बढ़ गया कि बोरिस नेम्त्सोव को रूसी राजनीति के हाशिये पर धकेल दिया गया।
पुतिन के धुर आलोचक थे बोरिस नेम्त्सोव
जिसके बाद से बोरिस नेम्त्सोव रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कटु आलोचक के रूप में उभरे। उन्होंने 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया पर रूस के कब्जे को लेकर पुतिन की खूब आलोचना की थी। उन्होंने भ्रष्टाचार को उजागर करने और पूर्वी यूक्रेन पर रूस के हमले की खुलकर निंदा की थी। जिसके बाद 27 फरवरी 2015 को नेम्त्सोव की क्रेमलिन से कुछ ही गज की दूरी पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बड़ी बात यह थी कि हत्या के कुछ दिन बाद ही वे युद्ध के खिलाफ विरोध का नेतृत्व करने वाले थे।
चेचेन मूल के पांच लोगों को किया गया था गिरफ्तार
नेम्त्सोव की हत्या के मामले में रूस ने जल्दीबाजी में चेचेन मूल के पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें हत्या के आरोप में जेल भेज दिया गया। लेकिन आधिकारिक जांच ने सबसे जरूरी सवालों का जवाब नहीं ढूंढा गया कि नेम्त्सोव की हत्या का आदेश किसने और क्यों दिया था। उनकी हत्या के सात साल बाद बीबीसी ने खोजी वेबसाइटों बेलिंगकैट और द इनसाइडर के साथ दावा किया है कि उनके पास सबूत हैं कि नेम्त्सोव की हत्या से पीछे रूसी खुफिया एजेंसी से जुड़े हिट स्कॉड के एक एजेंट ने साल भर उनका पीछा किया था।
ट्रेन और फ्लाइट रिजर्वेशन डेटा से हुआ खुलासा
लीक हुए ट्रेन और फ्लाइट रिजर्वेशन डेटा का इस्तेमाल करते हुए बताया गया है कि इस खुफिया एजेंट ने नेम्त्सोव का कम से कम 13 यात्राओं पर पीछा किया था। इस एजेंट ने हत्या से सिर्फ दस दिन पहले 17 फरवरी 2015 को आखिरी बार नेम्त्सोव का पीछा किया था। इन दस्तावेजों के अनुसार, एजेंट का नाम वालेरी सुखारेव है। सभी सबूत बताते हैं कि यह एजेंट उस समय रूस की मुख्य सुरक्षा एजेंसी FSB में काम करता था।
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बेलिंगकैट, द इनसाइडर और बीबीसी ने दावा किया है कि उनके पास ऐसे सबूत हैं कि बोरिस नेम्त्सोव की हत्या से पहले 13 यात्राओं पर उनका पीछा किया गया था। बोरिस नेमत्सोव 1990 के दशक में सोवियत संघ के बड़े नेता के रूप में उभरे थे। उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के अधीन उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था। तब उन्हें बोरिस येल्तसिन के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था। हालांकि, तभी व्लादिमीर पुतिन का राजनीतिक कद इतना बढ़ गया कि बोरिस नेम्त्सोव को रूसी राजनीति के हाशिये पर धकेल दिया गया।
पुतिन के धुर आलोचक थे बोरिस नेम्त्सोव
जिसके बाद से बोरिस नेम्त्सोव रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कटु आलोचक के रूप में उभरे। उन्होंने 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया पर रूस के कब्जे को लेकर पुतिन की खूब आलोचना की थी। उन्होंने भ्रष्टाचार को उजागर करने और पूर्वी यूक्रेन पर रूस के हमले की खुलकर निंदा की थी। जिसके बाद 27 फरवरी 2015 को नेम्त्सोव की क्रेमलिन से कुछ ही गज की दूरी पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बड़ी बात यह थी कि हत्या के कुछ दिन बाद ही वे युद्ध के खिलाफ विरोध का नेतृत्व करने वाले थे।
चेचेन मूल के पांच लोगों को किया गया था गिरफ्तार
नेम्त्सोव की हत्या के मामले में रूस ने जल्दीबाजी में चेचेन मूल के पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें हत्या के आरोप में जेल भेज दिया गया। लेकिन आधिकारिक जांच ने सबसे जरूरी सवालों का जवाब नहीं ढूंढा गया कि नेम्त्सोव की हत्या का आदेश किसने और क्यों दिया था। उनकी हत्या के सात साल बाद बीबीसी ने खोजी वेबसाइटों बेलिंगकैट और द इनसाइडर के साथ दावा किया है कि उनके पास सबूत हैं कि नेम्त्सोव की हत्या से पीछे रूसी खुफिया एजेंसी से जुड़े हिट स्कॉड के एक एजेंट ने साल भर उनका पीछा किया था।
ट्रेन और फ्लाइट रिजर्वेशन डेटा से हुआ खुलासा
लीक हुए ट्रेन और फ्लाइट रिजर्वेशन डेटा का इस्तेमाल करते हुए बताया गया है कि इस खुफिया एजेंट ने नेम्त्सोव का कम से कम 13 यात्राओं पर पीछा किया था। इस एजेंट ने हत्या से सिर्फ दस दिन पहले 17 फरवरी 2015 को आखिरी बार नेम्त्सोव का पीछा किया था। इन दस्तावेजों के अनुसार, एजेंट का नाम वालेरी सुखारेव है। सभी सबूत बताते हैं कि यह एजेंट उस समय रूस की मुख्य सुरक्षा एजेंसी FSB में काम करता था।