RSS vs Rahul Gandhi: राहुल गांधी ज्यादा जिम्मेदारी से करें बात, समाज में आरएसएस की स्वीकार्यता… दत्तात्रेय होसबाले ने दी नसीहत
‘नेता के तौर पर ज्यादा जिम्मेदारी से बात करें’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ राहुल गांधी के बयानों के बारे में दत्तात्रेय होसबोले से सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा कि वह जरूर अपने राजनीतिक एजेंडे के तहत ऐसा कर रहे होंगे, लेकिन आरएसएस राजनीतिक क्षेत्र में काम नहीं करता है, इसलिए उनकी संघ से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के आखिरी दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में होसबाले ने कहा, ‘एक राजनीतिक दल के नेता के तौर पर उन्हें ज्यादा जिम्मेदारी के साथ बात करनी चाहिए और संघ के विस्तार और समाज में उसकी स्वीकार्यकर्ता की वास्तविकता देखनी चाहिए।’
‘जिन लोगों ने भारत को जेल में बदला वो लोकतंत्र पर न बोलें’
ब्रिटेन में राहुल गांधी की टिप्पणी के बारे में एक सवाल के जवाब में आरएसएस नेता ने कहा, ‘जिनलोगों ने भारत को जेल में तब्दील कर दिया था, उन्हें देश में लोकतंत्र पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।’ मुसलमानों तक संघ की पहुंच कायम करने के संबंध में एक सवाल के जवाब में होसबाले ने कहा कि आरएसएस के नेता मुस्लिम बुद्धिजीवियों और उनके आध्यात्मिक नेताओं से उनके निमंत्रण पर ही मिल रहे हैं। होसबाले ने इस दौरान कहा कि आरएसएस समलैंगिक विवाह (होमोसेक्सुअल मैरिज) के विषय पर केंद्र सरकार के नजरिए से सहमत है और सरकार की तरह वह भी मानता है कि विवाह केवल विपरीत लिंग के दो लोगों के बीच हो सकता है।
राहुल गांधी ने लंदन में क्या कहा था
राहुल गांधी ब्रिटेन के सात दिवसीय दौरे पर गए थे। यहां कैम्ब्रिज में स्पीच देते हुए उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘देश में लोकतंत्र पर सीधा हमला हो रहा है। विपक्षी पार्टी के नेताओं पर केस दर्ज किए जा रहे हैं। न्यायपालिका और मीडिया पर कब्जा हो गया है। बहुत से नेताओं के फोन में पेगासस था। मेरे फोन में भी जासूसी सॉफ्टवेयर था। एजेंसी के कुछ अफसरों ने मुझे सलाह दी थी कि संभलकर बात कीजिए, क्योंकि फोन की रिकॉर्डिंग की जा रही है। भारत में हम लोग लगातार एक दबाव महसूस कर रहे हैं। हम लोगों ने संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया तो हम लोगों को जेल के अंदर डाल दिया गया। मेरे खिलाफ कई केस भी दर्ज हुए। कई ऐसे मामलों में भी केस हुआ जो बनते ही नहीं हैं।’