RSS अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में बांग्लादेश पर प्रस्ताव पारित: कहा- हिंदुओं का उत्पीड़न मानवाधिकारों का उल्लंघन; लगातार भारत विरोधी बयानबाजी आपसी संबंधों के लिए नुकसानदायक h3>
बेंगलुरु2 घंटे पहले
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अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक का 23 मार्च को आखिरी दिन है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने शनिवार को बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कट्टरपंथी इस्लामवादी तत्वों के हाथों हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न का सामना करने पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
बेंगलुरु में चल रही बैठक के दूसरे दिन RSS ने बांग्लादेश पर एक प्रस्ताव पारित किया। जिसमें कहा गया कि हिंदुओं का उत्पीड़न मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक गंभीर मामला है।
सभा ने कहा कि पिछले साल हुई हिंसा के सरकार का समर्थन गंभीर चिंता का विषय है। लगातार भारत विरोधी बयानबाजी दोनों देशों के बीच संबंधों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है।
बेंगलुरु में चल रही संघ की प्रतिनिधि सभा में इस बार कुल 1482 स्वयंसेवक और पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं। इसी साल RSS की स्थापना के 100 साल पूरे होने जा रहे हैं, सभा इस पर भी प्रस्ताव लाएगी।
भारत सरकार से अपील- बांग्लादेशी हिंदुओं की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करे
सभा के सदस्यों ने प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि भारत सरकार ने बांग्लादेश के हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ खड़े रहने और उनकी सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्धता जताई है। सरकार ने यह मुद्दा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ-साथ कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उठाया है। प्रतिनिधि सभा ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि वह बांग्लादेश के हिंदू समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वहां की सरकार से निरतंर संवाद बनाए रखने के साथ साथ हर सम्भव प्रयास जारी रखे।
सभा का प्रस्ताव- यूएनओ हस्तक्षेप करे
प्रतिनिधि सभा ने प्रस्ताव में कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों और वैश्विक समुदाय को बांग्लादेश में हिन्दूओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर एक्शन लेना चाहिए। उसे बांग्लादेश सरकार पर इन हिंसक गतिविधियों को रोकने का दबाव बनाना चाहिए। प्रतिनिधि सभा ने हिन्दू समुदाय एवं दुनिया के बाकी देशों के नेताओं, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से अपील की कि वे बांग्लादेशी हिंदू तथा अल्पसंख्यक समाज के समर्थन में एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएं।
एक साल में बढ़ीं 10 हजार शाखाएं
संघ की गतिविधियां इस समय 73,646 स्थानों पर हो रही हैं, जिनमें से 51,710 स्थानों पर प्रतिदिन शाखाएं लगती हैं। इस साल संघ की शाखाओं में 10,000 की वृद्धि हुई है, जिससे कुल संख्या 83,129 हो गई है। साप्ताहिक गतिविधियां भी पिछले वर्ष की तुलना में 4,430 बढ़ी हैं। वर्तमान में संघ की कुल 1,15,276 गतिविधियां देशभर में संचालित हो रही हैं।
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बेंगलुरु2 घंटे पहले
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अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक का 23 मार्च को आखिरी दिन है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने शनिवार को बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कट्टरपंथी इस्लामवादी तत्वों के हाथों हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न का सामना करने पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
बेंगलुरु में चल रही बैठक के दूसरे दिन RSS ने बांग्लादेश पर एक प्रस्ताव पारित किया। जिसमें कहा गया कि हिंदुओं का उत्पीड़न मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक गंभीर मामला है।
सभा ने कहा कि पिछले साल हुई हिंसा के सरकार का समर्थन गंभीर चिंता का विषय है। लगातार भारत विरोधी बयानबाजी दोनों देशों के बीच संबंधों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है।
बेंगलुरु में चल रही संघ की प्रतिनिधि सभा में इस बार कुल 1482 स्वयंसेवक और पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं। इसी साल RSS की स्थापना के 100 साल पूरे होने जा रहे हैं, सभा इस पर भी प्रस्ताव लाएगी।
भारत सरकार से अपील- बांग्लादेशी हिंदुओं की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करे
सभा के सदस्यों ने प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि भारत सरकार ने बांग्लादेश के हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ खड़े रहने और उनकी सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्धता जताई है। सरकार ने यह मुद्दा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ-साथ कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उठाया है। प्रतिनिधि सभा ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि वह बांग्लादेश के हिंदू समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वहां की सरकार से निरतंर संवाद बनाए रखने के साथ साथ हर सम्भव प्रयास जारी रखे।
सभा का प्रस्ताव- यूएनओ हस्तक्षेप करे
प्रतिनिधि सभा ने प्रस्ताव में कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों और वैश्विक समुदाय को बांग्लादेश में हिन्दूओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर एक्शन लेना चाहिए। उसे बांग्लादेश सरकार पर इन हिंसक गतिविधियों को रोकने का दबाव बनाना चाहिए। प्रतिनिधि सभा ने हिन्दू समुदाय एवं दुनिया के बाकी देशों के नेताओं, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से अपील की कि वे बांग्लादेशी हिंदू तथा अल्पसंख्यक समाज के समर्थन में एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएं।
एक साल में बढ़ीं 10 हजार शाखाएं
संघ की गतिविधियां इस समय 73,646 स्थानों पर हो रही हैं, जिनमें से 51,710 स्थानों पर प्रतिदिन शाखाएं लगती हैं। इस साल संघ की शाखाओं में 10,000 की वृद्धि हुई है, जिससे कुल संख्या 83,129 हो गई है। साप्ताहिक गतिविधियां भी पिछले वर्ष की तुलना में 4,430 बढ़ी हैं। वर्तमान में संघ की कुल 1,15,276 गतिविधियां देशभर में संचालित हो रही हैं।