RJD से दूर हो रहे नीतीश NDA में फिर लौटेंगे? जीतन राम मांझी ने कयासों को दी हवा h3>
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2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जोर शोर से अपनी तैयारी कर रही हैं। एक ओर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए तो दूसरी और नीतीश कुमार के प्रयास से विपक्षी दलों की दिल्ली की गद्दी पर काबिज होने की मुहिम जोरों पर है। इस बीच पिछले कुछ दिनों से चर्चा तेज हो गई है आरजेडी और नीतीश कुमार के बीच दूरी बढ़ रही है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए की ओर कदम बढ़ा सकते हैं? नीतीश कुमार से हाल ही में अलग हुए हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इन कयासों को हवा दे दी है।
शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में आयोजित होने वाले मलमास मेले का निरीक्षण किया। इसका आयोजन पर्यटन मंत्रालय द्वारा किया जाता है जिसके मंत्री तेजस्वी यादव हैं। लेकिन, मेले में लगे एक भी बैनर-पोस्टर में तेजस्वी की तस्वीर नहीं दिखी। चारों तरफ नीतीश कुमार ही छाए रहे। इस चर्चा ने जोर पकड़ लिया कि कहीं नीतीश और तेजस्वी में खटपट तो नहीं चल रही। बिहार सरकार चला रहे महागठबंधन में कुछ गड़बड़ तो नहीं है। इसी बीच जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। दिल्ली में एक न्यूज़ चैनल के साथ बातचीत में उन्होंने नीतीश कुमार के फिर से एनडीए की ओर मुखातिब होने के कयासों को हवा दे दी। उन्होंने आरजेडी के साथ नीतीश कुमार के गठबंधन को बेमेल बताया है और कहा कि यह राज्य के हित में नहीं है।
यह भी पढ़ें- बिहार: मलमास मेले के पोस्टर और होर्डिंग्स से गायब दिखे तेजस्वी, हर जगह सिर्फ नीतीश ही आए नजर
महागठबंधन से अलग होकर हाल ही में एनडीए में शामिल जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार का पहला बदलना कोई नई बात नहीं है। देखना अहम होगा कि वह कब बदलते हैं और किस तरह से बदलते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में आरजेडी-जेडीयू के बीच चल रहा गठबंधन बिल्कुल बेमेल है। दोनों दलों के वैचारिक स्तर और समाज में उनकी स्वीकार्यता के नजरिए से भी यह सही नहीं है। इस गठबंधन का ज्यादा दिनों तक बने रहना राज्य के हित में नहीं है। नीतीश कुमार राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं। वह सभी बातों को समझते हैं। वह किस समय क्या करेंगे यह कहा नहीं जा सकता। मांझी ने यह भी कहा कि जब एनडीए के साथ सरकार थी तो अच्छा काम हुआ। महागठबंधन की सरकार बनने पर कमजोर पड़ गया। अगर नीतीश एनडीए में शामिल हो जाते हैं तो अच्छा रहेगा।
इसे भी पढ़ें- चंद्रशेखर-केके पाठक विवाद से महागठबंधन में टकराव! राजद MLC बोले- सीएम नीतीश खो चुके हैं कंट्रोल
उधर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक विवाद को लेकर भी राजद और जदयू के बीच तनातनी बढ़ गई है। लालू परिवार के करीबी आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर हैं। कई दिनों से सोशल मीडिया के माध्यम से राजद एमएलसी सीएम पर निशाना साध रहे हैं। जवाब में जदयू प्रवक्ता ने भी चेतावनी दे दी है की पार्टी कार्यकर्ताओं का सब्र कभी भी टूट सकता है।
इससे पहले नीतीश कुमार के करीब रहे जन सुराज अभियान पर निकले प्रशांत किशोर ने भी कहा था कि जदयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश के जरिए नीतीश कुमार का भाजपा नेताओं से कनेक्शन बना हुआ है। इन तमाम हालातों में जीतन राम मांझी के ताजा बयान को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
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2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जोर शोर से अपनी तैयारी कर रही हैं। एक ओर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए तो दूसरी और नीतीश कुमार के प्रयास से विपक्षी दलों की दिल्ली की गद्दी पर काबिज होने की मुहिम जोरों पर है। इस बीच पिछले कुछ दिनों से चर्चा तेज हो गई है आरजेडी और नीतीश कुमार के बीच दूरी बढ़ रही है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए की ओर कदम बढ़ा सकते हैं? नीतीश कुमार से हाल ही में अलग हुए हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इन कयासों को हवा दे दी है।
शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में आयोजित होने वाले मलमास मेले का निरीक्षण किया। इसका आयोजन पर्यटन मंत्रालय द्वारा किया जाता है जिसके मंत्री तेजस्वी यादव हैं। लेकिन, मेले में लगे एक भी बैनर-पोस्टर में तेजस्वी की तस्वीर नहीं दिखी। चारों तरफ नीतीश कुमार ही छाए रहे। इस चर्चा ने जोर पकड़ लिया कि कहीं नीतीश और तेजस्वी में खटपट तो नहीं चल रही। बिहार सरकार चला रहे महागठबंधन में कुछ गड़बड़ तो नहीं है। इसी बीच जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। दिल्ली में एक न्यूज़ चैनल के साथ बातचीत में उन्होंने नीतीश कुमार के फिर से एनडीए की ओर मुखातिब होने के कयासों को हवा दे दी। उन्होंने आरजेडी के साथ नीतीश कुमार के गठबंधन को बेमेल बताया है और कहा कि यह राज्य के हित में नहीं है।
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महागठबंधन से अलग होकर हाल ही में एनडीए में शामिल जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार का पहला बदलना कोई नई बात नहीं है। देखना अहम होगा कि वह कब बदलते हैं और किस तरह से बदलते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में आरजेडी-जेडीयू के बीच चल रहा गठबंधन बिल्कुल बेमेल है। दोनों दलों के वैचारिक स्तर और समाज में उनकी स्वीकार्यता के नजरिए से भी यह सही नहीं है। इस गठबंधन का ज्यादा दिनों तक बने रहना राज्य के हित में नहीं है। नीतीश कुमार राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं। वह सभी बातों को समझते हैं। वह किस समय क्या करेंगे यह कहा नहीं जा सकता। मांझी ने यह भी कहा कि जब एनडीए के साथ सरकार थी तो अच्छा काम हुआ। महागठबंधन की सरकार बनने पर कमजोर पड़ गया। अगर नीतीश एनडीए में शामिल हो जाते हैं तो अच्छा रहेगा।
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उधर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक विवाद को लेकर भी राजद और जदयू के बीच तनातनी बढ़ गई है। लालू परिवार के करीबी आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर हैं। कई दिनों से सोशल मीडिया के माध्यम से राजद एमएलसी सीएम पर निशाना साध रहे हैं। जवाब में जदयू प्रवक्ता ने भी चेतावनी दे दी है की पार्टी कार्यकर्ताओं का सब्र कभी भी टूट सकता है।
इससे पहले नीतीश कुमार के करीब रहे जन सुराज अभियान पर निकले प्रशांत किशोर ने भी कहा था कि जदयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश के जरिए नीतीश कुमार का भाजपा नेताओं से कनेक्शन बना हुआ है। इन तमाम हालातों में जीतन राम मांझी के ताजा बयान को हल्के में नहीं लिया जा सकता।