Rishabh Pant Opinion: ऋषभ पंत… तुमसे ना हो पाएगा, कप्तानी त्यागकर कीपिंग ही क्यों नहीं करते

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Rishabh Pant Opinion: ऋषभ पंत… तुमसे ना हो पाएगा, कप्तानी त्यागकर कीपिंग ही क्यों नहीं करते

Rishabh Pant Opinion: ऋषभ पंत… तुमसे ना हो पाएगा, कप्तानी त्यागकर कीपिंग ही क्यों नहीं करते

ऋषभ पंत की किस्मत ही तो कहेंगे इसे कि उन्हें श्रेयस अय्यर के चोटिल होने पर दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी मिली और फिर जब केएल राहुल चोटिल हुए तो टीम इंडिया का नेतृत्व करने का मौका मिला। IPL में उनकी टीम इस बार प्लेऑफ में जगह नहीं बना पाई। इस वजह से उनकी आलोचना हो रही थी कि तभी साउथ अफ्रीका के खिलाफ T20 सीरीज शुरू होने से ठीक एक दिन पहले केएल राहुल चोटिल हो गए और बीसीसीआई ने कप्तानी का जिम्मा पंत के हवाले कर दिया।

कप्तानी मिलने के बाद ऋषभ पंत कॉन्फिडेंट थे कि टीम अच्छा करेगी, लेकिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ दिल्ली और कटक में खेले गए दोनों मुकाबलों में भारत को हार मिली। इसके बाद वह एक बार फिर आलोचकों के निशाने पर आ गए। वजह सिर्फ कप्तानी नहीं है। उनका बल्ला भी उस तरह नहीं गरजा, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। टीम में उनसे सीनियर भी कई खिलाड़ी हैं तो सवाल उठने लगा कि पंत की जगह हार्दिक पंड्या को कप्तान बनाया जाना चाहिए।
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IPL 2022 में भी देखने को मिला था कि पंत प्रेशर को झेल नहीं पा रहे थे। राजस्थान रॉयल्स मैच में हुए विवाद ने उनकी इंटरनेशनल बेइज्जती कराई। उनकी कप्तानी कौशल पर सवाल उठे। कइयों को तो मानना था कि इस घटना से उनकी काबिलियत पर सबसे बड़ा धब्बा लगा है। वैसे सवाल तो उनकी बैटिंग पर भी उठा था। न तो उनके बल्ले से शॉट निकल रहे थे और न ही कोई मैच वह फिनिश नहीं कर पा रहे थे।

सोशल मीडिया पर फैंस भी खूब मौज ले रहे हैं। कुछ ने तो यहां तक कहा कि पंत या उनके जैसे खिलाड़ी IPL की थकान उतारने के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते हैं। उनका इंटरनेशनल क्रिकेट में रवैया बड़ा ही सामान्य होता है। न तो वह फाइट करते हैं और न ही जीत का जज्बा। दिल्ली और कटक में टीम इंडिया और कप्तान का यह अप्रोच हर किसी को खल गया।

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इसलिए कप्तानी आई सवालों के घेरे में
पंत की कप्तानी क्षमता पर तब और सवालों की बरसात हो गई, जब उन्होंने विकेटों के पतझड़ के बावजूद दिनेश कार्तिक से पहले अक्षर पटेल को मौका दिया। डीके ने मुश्किल हालातों में 21 गेंदों में ताबड़तोड़ नाबाद 30 रन ठोके थे। इसमें आखिरी ओवर में लगाए गए 1 चौका और 2 छक्के भी शामिल थे। कार्तिक ने IPL में RCB के लिए बल्ले से खूब कमाल किया था। इसके दम पर ही उनकी टीम इंडिया में वापसी कराई गई थी। उन्हें फिनिशर के तौर देखा जा रहा है, लेकिन अगर हालात मुश्किल हों तो वह मिडिल ओवरों में भी मोर्चा संभाल सकते हैं। उन्हें इंटरनेशनल मुकाबलों का अनुभव भी है। बांग्लादेश के खिलाफ निदाहास ट्रॉफ के फाइनल में खेली गई पारी भला किसे भूली होगी।

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कप्तानी से पीछे भी हट सकते थे
वैसे, बात तो यह भी अहम है कि अगर पंत कप्तानी के लिए तैयार नहीं हैं तो उन्हें खुद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और सिलेक्टर्स के सामने अपनी बात रखनी चाहिए थी। वह नियमित कप्तान तो हैं नहीं। वह चाहते तो पीछे हट सकते थे। हार्दिक पंड्या गुजरात टाइटंस को IPL जितवाकर आए हैं तो वह भी टीम को लीड करने के लिए बुरा विकल्प नहीं होते। उनके पास विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर खेलने का विकल्प है। और जब तक उनकी फॉर्म अच्छी नहीं होती तब तक उन्हें यही करना भी चाहिए। हालांकि, इन सभी मुद्दों के बावजूद बीसीआई प्रमुख सौरव गांगुली, जो दिल्ली कैपिटल्स स्टाफ का भी हिस्सा रह चुके हैं, को पंत पर भरोसा होगा।

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