Reservation Politics in Bihar: लालू यादव के हथियार से बिहार में I.N.D.I.A गठबंधन पर पलटवार, समझें BJP का ‘सम्राट प्लान’

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Reservation Politics in Bihar: लालू यादव के हथियार से बिहार में I.N.D.I.A गठबंधन पर पलटवार, समझें BJP का ‘सम्राट प्लान’

Reservation Politics in Bihar: लालू यादव के हथियार से बिहार में I.N.D.I.A गठबंधन पर पलटवार, समझें BJP का ‘सम्राट प्लान’

पटना: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अब I.N.D.I.A गठबंधन को उनके ही एक तरह से पेटेंट मुद्दों पर बार कर आपनी आक्रामक पारी की शुरुआत कर दी है। तकरीबन तीन दशक से आरक्षण की राजनीति कर सत्ता की चाबी थामे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बीजेपी ने कई कोणों से हमला बोल दिया है। कल ही पिछड़ों के नेता शहीद जगदेव प्रसाद की 49वीं पुण्यतिथि पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने जमकर आरक्षण का केवल अपने हित में इस्तेमाल करने का आरोप लालू प्रसाद पर लगाया।

आरक्षण मुद्दे पर हमलावर हुये सम्राट

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार पिछले 35 साल से बिहार पर राज कर रहे हैं। पर बिहार का क्या हाल है, यह सबको पता है। इन तीन दशकों का सबसे बड़े शोषक लालू प्रसाद और नीतीश कुमार हैं तीसरा और कोई नहीं है। जहां तक कांग्रेस की बात है तो इनपर जगदेव बाबू की हत्या करवाने का आरोप लगते रहा है। आज अगर जगदेव बाबू हमारे बीच नहीं हैं तो इसके लिए कांग्रेस सबसे अधिक दोषी है।

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आरक्षण की चर्चा करते हुए कहा कि लालू यादव ने एक भी व्यक्ति को आरक्षण का लाभ नहीं दिया। उनका आरक्षण मॉडल परिवार तक सीमित है। पहले उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को आरक्षण देकर सीएम बनाया, उसके बाद अपने बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को आरक्षण दिया। लालू यादव ने आरक्षण अपनी बेटी मीसा भारती को दिया। नीतीश कुमार पर भी सवर्ण विरोधी का आरोप लगाते कहा कि सवर्ण आयोग का गठन किया गया, उसकी रिपोर्ट पर आज तक कोई काम नहीं हुआ।
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आरक्षण मुद्दे पर सावधान है बीजेपी

बीजेपी इस बार लोकसभा के चुनावी संग्राम के बहुत पहले ही खासकर आरक्षण के मुद्दे पर सावधान है। प्रदेश बीजेपी साल 2015 के विधान सभा चुनाव के बाद आरक्षण के मुद्दे पर फूंक फूंक कर कदम रख रही है। दरअसल, साल 2015 के विधान सभा चुनाव के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान को तोड़ मडोड कर पेश कर राजद सुप्रीमो ने बीजेपी के मुख से जीती हुई बाजी छीन कर ले गए। जबकि तब मोहन भागवत ने सिर्फ इतना कहा था कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए। आरक्षण का लाभ दरअसल काफी गरीब पिछड़ों और अतिपिछड़ों को नहीं मिल रहा है। तब लालू प्रसाद ने मोहन भागवत के इस बयान को यह कहते हुए जनता के बीच परोसा की आरक्षण समाप्त हो जायेगा।
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आरक्षण की सही तस्वीर रखने का अभियान चला रही है बीजेपी

इस बार बीजेपी आरक्षण के सवाल पर जागरूक है। इसलिए बीजेपी ने राजद का पोल खोलना शुरू कर दिया है। राजद के आरक्षण को परिवार तक ही सीमित बनाए रखने के कई उदाहरण जनता के बीच रखना शुरू कर दिया है। कहा यह भी जा रहा है कि कांग्रेस और राजद में कोई दूसरा बड़े पद पर नहीं आ सकता। जबकि राजद में बड़े बड़े नेता हैं पर लालू जब अक्षम हो गए सीएम बनने से तो अपनी पत्नी को सीएम बना दिया। आरक्षण का दुरुपयोग तो राजद कर रही है। बीजेपी जातीय जनगणना के प्रति अभी से ही यह कहना शुरू कर चुकी है कि जातीय सर्वे का प्रस्ताव तब पास हुआ था जब राज्य की सरकार में बीजेपी शामिल थी।

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