Reservation In NDA: क्रांति रातों-रात नहीं होती, आरक्षण की मांग पर सुप्रीम कोर्ट का जवाब, महिलाओं को शामिल करने पर भी हुई सुनवाई h3>
नई दिल्ली: राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए सीटों के आरक्षण (Reservation In NDA) के मुद्दे पर इस स्तर से निपटने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को कहा कि सामाजिक क्रांति रातोंरात नहीं आती और इसमें समय लगता है। दूसरी ओर शीर्ष अदालत ने भारतीय सशस्त्र बलों में एनडीए की पूर्व महिला कैडेटों को शामिल करने और उनकी तैनाती के लिए अध्ययन करने के लिए केंद्र को जुलाई तक का समय दिया।
‘महिलाओं को एनडीए में प्रवेश बहुत बड़ा नीतिगत फैसला’
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार (Central Government) ने डिटेल हलफनामा दायर कर एनडीए 2021 और एनडीए 2022 में महिलाओं को शामिल किए जाने के बारे में बताया। सुप्रीम कोर्ट को केंद्र ने बताया कि एनडीए के प्रत्येक कोर्स में 370 वेकेंसी होती है और यह तीनों सर्विसेज के लिए है। 208 इंडियन आर्मी के लिए, 120 कैडेट्स इंडियन एयर फोर्स के लिए और 42 इंडियन नेवी में जाते हैं। महिलाओं को एनडीए में प्रवेश बहुत बड़ा नीतिगत फैसला है। ऐसे में इसके लिए वक्त दिया जाना चाहिए कि कैसे कितनी संख्या में रखा जाना है, लंबे समय के लिए क्या पहलू होंगे तमाम मसलों पर विस्तार से हलफनामा दायर करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया जाए।
इस मामले में कुश कालरा की अर्जी थी जिसके तहत महिलाओं को एनडीए में प्रवेश की गुहार लगाई गई थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया था। कि महिलाओं को एनडीए में प्रवेश दिया जाए। केंद्र ने बताया कि कुल 5 लाख 75 हजार 854 आवेदकों ने एनडीए का एग्जाम के लिए आवेदन दिया था और 3 लाख 57 हजार 197 ने पेपर दिए और 1022 महिलाओं समेत कुल 8009 कैंडिडेट्स नवंबर 2021 के लिखित परीक्षा में सेलेक्ट हुए थे।
‘नेवी के तीन ब्रांच में महिलाओं को रखा जाएगा’
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा कि एनडीए के जरिये नेवी (Indian Navy) के तीन ब्रांच में महिलाओं को रखा जाएगा। नेवी एजुकेशन, आर्मामेंट इंस्पेक्टोरेट और लॉजिस्टिक में महिलाओं को रखा जाएगा। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर 2021 को एनडीए एंट्रेंस में महिलाओं को इजाजत देने के अपने आदेश को वापस लेने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था।सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आर्म्ड फोर्स इमरजेंसी की स्थिति को डील करने में सक्षम है, हम महिलाओं का एनडीए में एंट्री एक साल के लिए नहीं टाल सकते।
कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस दलील को अस्वीकार कर दिया था जिसमें केंद्र सरकार ने कहा था कि महिलाओं को इस साल एनडीए एंट्रेस (NDA Entrance Exam) में बैठने की इजाजत देने वाले शीर्ष अदालत के आदेश वापस लिए जाएं। केंद्र सरकार का कहना था कि महिला कैंडिडेट को मई 2022 में एनडीए एंट्रेंस में बैठने की इजाजत हो क्योंकि इस दौरान ट्रेनिंग और अन्य मैकेनिज्म तैयार करना है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह परिवर्तन का फेज है और हम परिवर्तन को टाल नहीं सकते।
याचिकाकर्ता कुश कालरा के वकील ने दलील दी थी कि हर साल दो एग्जाम होते हैं और अगर मई 2022 में महिलाओं को बैठने की इजाजत दी गई तो इसका मतलब यह होगा कि महिलाओं का दाखिला 2023 में हो पाएगा। डिफेंस मिनिस्ट्री की ओर से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एश्वर्य भाटी ने कहा था कि महिला कैंडिडेट के प्रवेश के लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाएगा। इसके तहत महिलाओं के इंडक्शन और ट्रेनिंग का तरीका होगा।
मेडिकल सर्विसेज के डीजी और एक्सपर्ट बॉडी महिला कैंडिडेट के तीनों डिफेंस सर्विसेज में प्रवेश के लिए मेडिकल स्टैंडर्ड तय करेगा। इसके लिए उनके उम्र, यंग एज, उनके ट्रेनिंग की प्रकृति और नेवी, एयरफोर्स और आर्मी की ऑपरेशनल और फंक्शनल जरूरत के तहत ट्रेनिंग का क्राइटेरिया तय करेगा।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार (Central Government) ने डिटेल हलफनामा दायर कर एनडीए 2021 और एनडीए 2022 में महिलाओं को शामिल किए जाने के बारे में बताया। सुप्रीम कोर्ट को केंद्र ने बताया कि एनडीए के प्रत्येक कोर्स में 370 वेकेंसी होती है और यह तीनों सर्विसेज के लिए है। 208 इंडियन आर्मी के लिए, 120 कैडेट्स इंडियन एयर फोर्स के लिए और 42 इंडियन नेवी में जाते हैं। महिलाओं को एनडीए में प्रवेश बहुत बड़ा नीतिगत फैसला है। ऐसे में इसके लिए वक्त दिया जाना चाहिए कि कैसे कितनी संख्या में रखा जाना है, लंबे समय के लिए क्या पहलू होंगे तमाम मसलों पर विस्तार से हलफनामा दायर करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया जाए।
इस मामले में कुश कालरा की अर्जी थी जिसके तहत महिलाओं को एनडीए में प्रवेश की गुहार लगाई गई थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया था। कि महिलाओं को एनडीए में प्रवेश दिया जाए। केंद्र ने बताया कि कुल 5 लाख 75 हजार 854 आवेदकों ने एनडीए का एग्जाम के लिए आवेदन दिया था और 3 लाख 57 हजार 197 ने पेपर दिए और 1022 महिलाओं समेत कुल 8009 कैंडिडेट्स नवंबर 2021 के लिखित परीक्षा में सेलेक्ट हुए थे।
‘नेवी के तीन ब्रांच में महिलाओं को रखा जाएगा’
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा कि एनडीए के जरिये नेवी (Indian Navy) के तीन ब्रांच में महिलाओं को रखा जाएगा। नेवी एजुकेशन, आर्मामेंट इंस्पेक्टोरेट और लॉजिस्टिक में महिलाओं को रखा जाएगा। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर 2021 को एनडीए एंट्रेंस में महिलाओं को इजाजत देने के अपने आदेश को वापस लेने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था।सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आर्म्ड फोर्स इमरजेंसी की स्थिति को डील करने में सक्षम है, हम महिलाओं का एनडीए में एंट्री एक साल के लिए नहीं टाल सकते।
कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस दलील को अस्वीकार कर दिया था जिसमें केंद्र सरकार ने कहा था कि महिलाओं को इस साल एनडीए एंट्रेस (NDA Entrance Exam) में बैठने की इजाजत देने वाले शीर्ष अदालत के आदेश वापस लिए जाएं। केंद्र सरकार का कहना था कि महिला कैंडिडेट को मई 2022 में एनडीए एंट्रेंस में बैठने की इजाजत हो क्योंकि इस दौरान ट्रेनिंग और अन्य मैकेनिज्म तैयार करना है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह परिवर्तन का फेज है और हम परिवर्तन को टाल नहीं सकते।
याचिकाकर्ता कुश कालरा के वकील ने दलील दी थी कि हर साल दो एग्जाम होते हैं और अगर मई 2022 में महिलाओं को बैठने की इजाजत दी गई तो इसका मतलब यह होगा कि महिलाओं का दाखिला 2023 में हो पाएगा। डिफेंस मिनिस्ट्री की ओर से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एश्वर्य भाटी ने कहा था कि महिला कैंडिडेट के प्रवेश के लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाएगा। इसके तहत महिलाओं के इंडक्शन और ट्रेनिंग का तरीका होगा।
मेडिकल सर्विसेज के डीजी और एक्सपर्ट बॉडी महिला कैंडिडेट के तीनों डिफेंस सर्विसेज में प्रवेश के लिए मेडिकल स्टैंडर्ड तय करेगा। इसके लिए उनके उम्र, यंग एज, उनके ट्रेनिंग की प्रकृति और नेवी, एयरफोर्स और आर्मी की ऑपरेशनल और फंक्शनल जरूरत के तहत ट्रेनिंग का क्राइटेरिया तय करेगा।