REET Paper Leak Case : अब Gehlot सरकार का ‘काउंटर अटैक’, Vasundhara सरकार की खोल डाली ‘कुंडली’ ! | REET Paper Leak Case Gehlot Vasundhara Latest Updates | Patrika News h3>
REET Paper Leak Case Gehlot on Vasundhara Government Latest Updates : REET पर ‘रार’ बरकरार… अब गहलोत सरकार का ‘काउंटर अटैक’, वसुंधरा सरकार के पेपर लीक प्रकरणों की जारी कर डाली फहरिस्त
जयपुर
Updated: February 10, 2022 03:07:20 pm
जयपुर।
राजस्थान विधानसभा में भाजपा विधायक दल रीट परीक्षा पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग आक्रामक और पुरज़ोर तरीके से उठा रहा है। लेकिन सत्तापक्ष भी अपने इरादों से टस-से-मस होता नहीं दिख रहा है। सत्तापक्ष इस प्रकरण पर विपक्ष द्वारा चौतरफा हो रहे ‘हमलों’ से बचाव के लिए कई दलीलों के साथ सदन में उतरा है। इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है, कि सत्र के दूसरे दिन सत्तापक्ष ने विपक्ष पर ‘काउंटर अटैक’ कर दिया।
फिर सरकार के ‘रक्षक’ बने धारीवाल
गहलोत सरकार का पक्ष रखकर बच्चाक का ज़िम्मा एक बार फिर कैबिनेट मंत्री व संसदीय कार्य मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल ने संभाला। प्रश्न काल के दौरान हो रहे भारी शोर-शराबे के बीच रीट से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए धारीवाल ने विरोधी दल को आड़े हाथ लिया। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के दौरान हुए पेपर लीक प्रकरणों का हवाला देते हुए मौजूदा सरकार का बचाव किया। गहलोत के इस सबसे विश्वस्त मंत्री ने पूर्व में हुई कई परीक्षाओं में पेपर लीक प्रकरणों को गिना डाला।
‘पूर्ववर्ती सरकार ने तो थाना स्तर पर करवाई जांच’
संसदीय कार्य मंत्री शान्ति धारीवाल ने कहा कि रीट जैसी बड़ी परीक्षा पर सवाल उठने के बाद ही सरकार ने इसकी जांच एसओजी को सौंप दी। जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने तो उनके कार्यकाल के दौरान हुए पेपर आउट प्रकरणों की जांच थाना स्तर पर ही करवाई। धारीवाल ने पहले के प्रकरणों को सीबीआई के सुपुर्द नहीं किये जाने को लेकर विपक्ष से जवाब भी माँगा। हालांकि वेल में नारेबाजी कर रहे विपक्ष के किसी भी नेता ने इसका जवाब नहीं दिया और हंगामा जारी रखा।
‘काउंटर अटैक’ से घिरा विपक्ष
संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने पूर्ववर्ती सरकार के दौरान हुए पेपर लीक प्रकरणों को याद दिलाया। उन्होंने ऐसे प्रकरणों में मौजूदा सरकार और पूर्ववर्ती सरकार के बीच तुलनात्मक रिपोर्ट पेश की। उन्होंने कुछ ख़ास बातें कहीं, जिनमें-
– भाजपा सरकार में वर्ष 2016 और वर्ष 2018 में रीट पेपर आउट हुए
– भाजपा शासन में कुल पांच बार हुए पेपर आउट
– रीट सहित अन्य पेपर लीक प्रकरणों की जांच एसओजी को नहीं, सिर्फ थाना स्तर पर ही
– वर्ष 2014 में आरएएस, आरजेएस का पेपर आउट हुआ, पर सीबीआई जाँच नहीं करवाई
– रीट पेपर प्रकरण- 2021 में अब तक 38 से ज्यादा लोग गिरफ्तार
– नए बिल में कड़े प्रावधाव की तैयारी में है सरकार
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REET Paper Leak Case Gehlot on Vasundhara Government Latest Updates : REET पर ‘रार’ बरकरार… अब गहलोत सरकार का ‘काउंटर अटैक’, वसुंधरा सरकार के पेपर लीक प्रकरणों की जारी कर डाली फहरिस्त
जयपुर
Updated: February 10, 2022 03:07:20 pm
जयपुर।
राजस्थान विधानसभा में भाजपा विधायक दल रीट परीक्षा पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग आक्रामक और पुरज़ोर तरीके से उठा रहा है। लेकिन सत्तापक्ष भी अपने इरादों से टस-से-मस होता नहीं दिख रहा है। सत्तापक्ष इस प्रकरण पर विपक्ष द्वारा चौतरफा हो रहे ‘हमलों’ से बचाव के लिए कई दलीलों के साथ सदन में उतरा है। इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है, कि सत्र के दूसरे दिन सत्तापक्ष ने विपक्ष पर ‘काउंटर अटैक’ कर दिया।
फिर सरकार के ‘रक्षक’ बने धारीवाल
गहलोत सरकार का पक्ष रखकर बच्चाक का ज़िम्मा एक बार फिर कैबिनेट मंत्री व संसदीय कार्य मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल ने संभाला। प्रश्न काल के दौरान हो रहे भारी शोर-शराबे के बीच रीट से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए धारीवाल ने विरोधी दल को आड़े हाथ लिया। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के दौरान हुए पेपर लीक प्रकरणों का हवाला देते हुए मौजूदा सरकार का बचाव किया। गहलोत के इस सबसे विश्वस्त मंत्री ने पूर्व में हुई कई परीक्षाओं में पेपर लीक प्रकरणों को गिना डाला।
‘पूर्ववर्ती सरकार ने तो थाना स्तर पर करवाई जांच’
संसदीय कार्य मंत्री शान्ति धारीवाल ने कहा कि रीट जैसी बड़ी परीक्षा पर सवाल उठने के बाद ही सरकार ने इसकी जांच एसओजी को सौंप दी। जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने तो उनके कार्यकाल के दौरान हुए पेपर आउट प्रकरणों की जांच थाना स्तर पर ही करवाई। धारीवाल ने पहले के प्रकरणों को सीबीआई के सुपुर्द नहीं किये जाने को लेकर विपक्ष से जवाब भी माँगा। हालांकि वेल में नारेबाजी कर रहे विपक्ष के किसी भी नेता ने इसका जवाब नहीं दिया और हंगामा जारी रखा।
‘काउंटर अटैक’ से घिरा विपक्ष
संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने पूर्ववर्ती सरकार के दौरान हुए पेपर लीक प्रकरणों को याद दिलाया। उन्होंने ऐसे प्रकरणों में मौजूदा सरकार और पूर्ववर्ती सरकार के बीच तुलनात्मक रिपोर्ट पेश की। उन्होंने कुछ ख़ास बातें कहीं, जिनमें-
– भाजपा सरकार में वर्ष 2016 और वर्ष 2018 में रीट पेपर आउट हुए
– भाजपा शासन में कुल पांच बार हुए पेपर आउट
– रीट सहित अन्य पेपर लीक प्रकरणों की जांच एसओजी को नहीं, सिर्फ थाना स्तर पर ही
– वर्ष 2014 में आरएएस, आरजेएस का पेपर आउट हुआ, पर सीबीआई जाँच नहीं करवाई
– रीट पेपर प्रकरण- 2021 में अब तक 38 से ज्यादा लोग गिरफ्तार
– नए बिल में कड़े प्रावधाव की तैयारी में है सरकार
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