Real Sector Mess: रियल एस्टेट के गोरखधंधे से निकला मलबा, इसमें दबे ये पांच रियल्टर, जानिए कौन-कौन हैं लिस्ट में

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Real Sector Mess: रियल एस्टेट के गोरखधंधे से निकला मलबा, इसमें दबे ये पांच रियल्टर, जानिए कौन-कौन हैं लिस्ट में

Real Sector Mess: रियल एस्टेट के गोरखधंधे से निकला मलबा, इसमें दबे ये पांच रियल्टर, जानिए कौन-कौन हैं लिस्ट में

​सुपरटेक

सुपरटेक और आरके अरोड़ा का नाम उस वक्त खूब चर्चा में आया, जब सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के ट्विन्स टावर को ढहाने का आदेश दिया। कभी दिल्ली-एनसीआर के बड़े बिल्डरों में शुमार आरके अरोड़ा की तरक्की से लेकर बर्बादी तक की कहानी भी दिलचस्प है। आरके अरोड़ा सुपरटेक के फाउंडर हैं। सुपरटेक के अलावा 34 और कंपनियों के भी मालिक हैं। सुपरटेक ने 70 हजार से अधिक फ्लैट का निर्माण किया। शुरुआत में बायर्स को ऑन लाइम फ्लैट का हैंडओवर मिल रहा था। लोगों का भरोसा अरोड़ा पर बढ़ने लगा। लेकिन गलत गतिविधियों के कारण साल 2022 में कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया गया।

​आम्रपाली

​आम्रपाली

रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली के प्रोजेक्ट्स में करीब 46,000 लोगों ने अपना पैसा लगाया था। लेकिन उसके प्रोजेक्ट्स अधूरे ही रह गए। फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि आम्रपाली के संस्थापक और पूर्व चेयरमैन अनिल कुमार शर्मा और दूसरे डायरेक्टरों ने होमबायर्स के पैसों की हेराफेरी की। आरोप है कि उन्होंने धन का हेरफेर करके, ‘डमी’ कंपनियां, फर्जी बिल बनाकर, कम कीमत पर फ्लैट बेचकर, फेमा तथा एफडीआई मानदंडों का उल्लंघन करके और धन शोधन के जरिए बैंकों को धोखा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शर्मा को गिरफ्तार किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने NBCC को आम्रपाली के 46,575 यूनिटों वाले 16 प्रोजेक्ट पूरे करने की जिम्मेदारी सौंपी हैं। इनमें से 9 प्रोजेक्ट नोएडा में और बाकी ग्रेटर नोएडा में है।

​जेपी इन्फाटेक

​जेपी इन्फाटेक

देश की नामचीन रियल एस्टेट कंपनी जेपी इन्फ्राटेक के प्रोजेक्ट्स में फ्लैट बुक कराने वाले करीब 22 हजार होमबायर्स 2016 से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। होम बायर्स ने साल 2010 में जेपी इन्फ्रा में फ्लैट बुक कराए थे। लेकिन कंपनी प्रोजेक्ट पूरा करने में नाकाम रही। जेपी इन्फ्रा के खिलाफ कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन की प्रोसेस अगस्त 2017 में शुरू हुई थी। कंपनी को कर्ज देने वाली कंपनियों ने 9,783 करोड़ रुपये का दावा किया है। एनसीएलटी ने कर्ज के बोझ से दबी जेपी इन्फ्रा को खरीदने के लिए मुंबई के सुरक्षा ग्रुप की बोली को मंजूरी दी है।

​एचडीआईएल

​एचडीआईएल

मुंबई की कंपनी एचडीआईएल भी इनसॉल्वेंसी के दौर से गुजर रही है। कभी मुंबई की इस तीसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी के प्रमोटर्स पर पैसों की हेराफेरी का आरोप हैं। इस कारण मुंबई में कंपनी के कई प्रोजेक्ट्स कई साल से अटक पड़े हैं। एचडीआईएल के डायरेक्टर सारंग वाधवा और राकेश वाधवा को पीएमसी घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। कंपनी 2007 में लिस्ट हुई थी। कंपनी ने आईपीओ से मिली रकम को जमीन खरीदने में लगाया। कंपनी ने 2012-13 से डिफॉल्ट करना शुरू किया और फिर इसकी हालत खराब होती गई।

​यूनिटेक

​यूनिटेक

​यूनिटेक के नोएडा में 10 प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। कंपनी के प्रोजेक्ट्स में करीब 12 हजार लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे लेकिन उन्हें कई साल बाद भी अपने फ्लैट का इंतजार है। यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा कई तरह का आरोपों का सामना कर रहे हैं। चंद्रा के बेट संजय चंद्रा और अजय चंद्रा के खिलाफ भी पीएमएलए के केस चल रहे हैं। घर खरीदारों के धन की हेराफेरी करने के आरोप में चंद्रा बंधुओं गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में रखा गया था, इसके बाद शीर्ष के न्यायालय के आदेश पर उन्हें मुंबई के तलोजा जेल में स्थानांतरित किया गया। प्रवर्तन निदेशालय का मानना है कि इस मामले में 6000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मनी लॉन्ड्रिंग की गई है।

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