RCP राज्यसभा जाएंगे? जवाब देने से पहले नीतीश के मुस्कुराने का मतलब क्या है

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RCP राज्यसभा जाएंगे? जवाब देने से पहले नीतीश के मुस्कुराने का मतलब क्या है

RCP राज्यसभा जाएंगे? जवाब देने से पहले नीतीश के मुस्कुराने का मतलब क्या है

पटना : केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ( RCP Singh ) राज्यसभा जाएंगे या नहीं, यह बीजेपी के रहमोकरम पर निर्भर करेगा। नीतीश कुमार ( Bihar CM Nitish Kumar ) के रवैया से तो ऐसा ही लगता है। रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आरसीपी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बहुत कुछ तो नहीं कहा लेकिन कहने का जो लहजा था, उसीसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आरसीपी का भविष्य नीतीश के हाथ में नहीं है! बीजेपी ही तय करेगी कि आरसीपी दिल्ली जाएंगे या नहीं।

दरअसल, बिहार में राज्यसभा ( Rajya Sabha Chunav 2022 ) की पांच सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं। संख्याबल के हिसाब से देखा जाए तो इन 5 सीटों में आरजेडी और बीजेपी को 2-2 और जेडीयू के हाथ एक सीट आनी है। जेडीयू पहले ही अनिल हेगड़े को उम्मीदवार बना दिया है। ऐसे में आरसीपी राज्यसभा तब ही जा सकते हैं जब बीजेपी और जेडीयू में उन्हें उम्मीदवार बनाने पर सहमति बने। हालांकि अब तक बीजेपी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
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नीतीश के ‘समय’ का मतलब क्या है?
रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के लिए जेडीयू ऑफिस पहुंचे थे। मुलाकात करने के बाद जब बाहर आए तो पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आरसीपी राज्यसभा जाएंगे? सवाल का जवाब देने से पहले नीतीश कुमार मुस्कुराए, फिर बोले कि चिंता मत कीजिए। समय आने पर सब बता दिया जाएगा। समय का मतलब समझने के लिए सबसे पहले संख्याबल को समझना होगा।
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यहां फंसा है पेंच
संख्या बल के हिसाब से देखा जाए तो नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को राज्यसभा की एक ही सीट मिल सकती है। अगर नीतीश को आरसीपी को राज्यसभा भेजना होता तो वे अपने कोटे से आरसीपी को उम्मीदवार बनाते, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। नीतीश ने आरसीपी की जगह हेगड़े को उम्मीदवार बनाकर पेंच फंसा दिया। नीतीश के इस दांव के बाद अब गेंद बीजेपी के पास है। अब बीजेपी को तय करना है कि गोल करना है या गेंद को मैदान से बाहर भेजना है।
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अगर बीजेपी आरसीपी के नाम पर सहमति नहीं देती है तो उनकी राज्यसभा की सदस्यता के साथ-साथ मंत्री पद भी जाना तय है। हालांकि बीजेपी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। बीजेपी के पास धर्मसंकट यह है कि अपने सदस्यों को राज्यसभा भेजे या एक सीट का नुकसान झेले।
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आरसीपी से नाराज हैं नीतीश?
नीतीश के इस सियासी चाल के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री आरसीपी से नाराज चल रहे हैं? या आरसीपी को आगे कर कोई नया सियासी दांव चला है? जेडीयू सूत्रों का कहना है कि सच्चाई यही है कि नीतीश कुमार आरसीपी से नाराज चल रहे हैं। नीतीश आरसीपी की बीजेपी से बढ़ती नजदीकियों से खुश नहीं है। यही कारण है कि नीतीश कुमार ने आरसीपी की जगह हेगड़े को उम्मीदवार बना दिया।

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