RCB vs SRH, IPL 2022: RCB को 23 अप्रैल का इतना खौफ क्यों? 2017 में 49 रन पर हुई थी ढेर, अब फिर शर्मसार h3>
मुंबई: विराट कोहली (Virat Kohli), फाफ डु प्लेसिस (Faf Du Plessis), ग्लेन मैक्सवेल (Glenn Maxwell)… ये वो नाम हैं, जो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) टीम का हिस्सा हैं और ऐसे धाकड़ बल्लेबाजों के रहते शायद ही कोई सपने में भी टीम को 68 रनों पर ढेर होते देखे। लेकिन ऐसा हुआ। सनराइजर्स हैदराबाद ने न केवल उसे 68 रनों पर ऑलआउट किया, बल्कि महज 8 ओवरों में मैच भी जीत लिया। आरसीबी ऐसे खेल रही थी मानो वह आईपीएल में सबसे छोटे स्कोर 49 रनों की सालगिरह मना रही हो। दरअसल, यही वह टीम है, जो 23 अप्रैल, 2017 में कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ 49 रनों पर ढेर हो गई थी। उस वक्त भी इस टीम में बड़े नाम शामिल थे।
शर्मनाक रिकॉर्ड
- आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का यह दूसरा शर्मनाक स्कोर है। 2017 में यही टीम 9.4 ओवरों में कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ 49 रन पर ऑलआउट हो गई थी।
- यह ओवरऑल छठा सबसे कम स्कोर है, जबकि इस सीजन का सबसे छोटा स्कोर है। दिग्गज बल्लेबाजों की से भरी इस टीम को वाकई गेम प्लान को लेकर माथापच्ची करने की जरूरत है।
डुप्लेसिस ने माना लापरवाही से खेले बल्लेबाज
कप्तान डु प्लेसिस ने मैच के बाद कहा, ‘हमने शुरुआती कुछ ओवरों में चार-पांच विकेट खोकर मैच को गंवा दिया था। शुरुआत में गेंदबाजों को मदद मिल रही थी लेकिन आपको इससे निपटने का तरीका आना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘बाद में पिच आसान होते चली गई और अगर हमने शुरुआत में विकेट नहीं गंवाए होते तो बड़ा स्कोर खड़ा कर सकते थे। हमें लगा था कि यह पिच बल्लेबाजी के लिए आसान होगी लेकिन किसी भी पिच पर शुरुआती ओवरों में आपको सावधानी बरतनी होती है।’
टीम ने शुरुआत में विकेट गंवाए और इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। बाद में पिच आसान हो गई, जिससे बल्लेबाजी में मदद मिली।
फाफ डु प्लेसिस, RCB कप्तान
आखिर कैसे ढेर हुई RCB की टीम
इसमें कोई शक नहीं कि 68 रन पर समेटने का श्रेय हैदराबाद के कप्तान केन विलियमसन और उनके गेंदबाजों मार्को जेनसन और टी. नटराजन को सबसे अधिक जाता है, लेकिन यहां एक बात और भी है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बैंगलोर के बल्लेबाज मैदान पर जमने के बारे में सोच ही नहीं रहे थे। जो भी बल्लेबाज आया वह बड़ा शॉट खेलना चाहता था या फिर भी अपनी गलती का शिकार हुआ। विराट कोहली की ही बात अगर करेंगे तो वह लगातार दूसरी बार गोल्डन डक हुए। लगभग उसी अंदाज में आउट हुए, जिस तरह दुष्मांथा चमीरा ने उन्हें आउट किया था।
हैदराबाद की प्लानिंग को देनी होगी दाद
जब हैदराबाद टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी तो लगा केन विलियमसन के पास हर बल्लेबाज का तोड़ है। सबसे पहले तो हाई आर्म एक्शन वाले मार्को जेनसन ने अपने सीनियर फाफ डु प्लेसिस को शिकार बनाया तो विराट कोहली के लिए विलियमसन ने स्लिप और गली में कैचिंग पोजीशन पर फील्डर लगाते हुए ट्रैप बिछा दिया। तारीफ करनी होगी जेनसन की, जिन्होंने वही गेंद की, जिसपर कोहली पिछले मैच में आउट हुए थे। इसी तरह से हर विलियमसन की हर चाल कामयाब रही और रिजल्ट उसकी सिर्फ 8 ओवर में 9 विकेट की धांसू जीत से मिला।
2017 में कोई बल्लेबाज नहीं छू सका था दहाई का आंकड़ा
उस समय आरसीबी टीम में एक-एक से बढ़कर एक खिलाड़ी थे। तब भी कप्तान (तत्कालीन) विराट कोहली खाता नहीं खोल सके थे। क्रिस गेल (7), विराट कोहली (0), मंदीप सिंह (1), एबी डिविलियर्स (8), केदार जाधव (9), स्टुअर्ट बिन्नी (8), पवन नेगी (2), सैमुअल बद्री (0), टाइमल मिल्स (2), श्रीनाथ अरविंद (5*) और युजवेंद्र चहल (0) ताश के पत्तों की तरह ढह गए थे। नाथन कुल्टर नाइल, क्रिस वोक्स और कोलिन डि ग्रैंडहोम ने 3-3 विकेट झटके थे, जबकि एक विकेट उमेश यादव के खाते में गया था।
- आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का यह दूसरा शर्मनाक स्कोर है। 2017 में यही टीम 9.4 ओवरों में कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ 49 रन पर ऑलआउट हो गई थी।
- यह ओवरऑल छठा सबसे कम स्कोर है, जबकि इस सीजन का सबसे छोटा स्कोर है। दिग्गज बल्लेबाजों की से भरी इस टीम को वाकई गेम प्लान को लेकर माथापच्ची करने की जरूरत है।
डुप्लेसिस ने माना लापरवाही से खेले बल्लेबाज
कप्तान डु प्लेसिस ने मैच के बाद कहा, ‘हमने शुरुआती कुछ ओवरों में चार-पांच विकेट खोकर मैच को गंवा दिया था। शुरुआत में गेंदबाजों को मदद मिल रही थी लेकिन आपको इससे निपटने का तरीका आना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘बाद में पिच आसान होते चली गई और अगर हमने शुरुआत में विकेट नहीं गंवाए होते तो बड़ा स्कोर खड़ा कर सकते थे। हमें लगा था कि यह पिच बल्लेबाजी के लिए आसान होगी लेकिन किसी भी पिच पर शुरुआती ओवरों में आपको सावधानी बरतनी होती है।’
टीम ने शुरुआत में विकेट गंवाए और इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। बाद में पिच आसान हो गई, जिससे बल्लेबाजी में मदद मिली।
फाफ डु प्लेसिस, RCB कप्तान
आखिर कैसे ढेर हुई RCB की टीम
इसमें कोई शक नहीं कि 68 रन पर समेटने का श्रेय हैदराबाद के कप्तान केन विलियमसन और उनके गेंदबाजों मार्को जेनसन और टी. नटराजन को सबसे अधिक जाता है, लेकिन यहां एक बात और भी है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बैंगलोर के बल्लेबाज मैदान पर जमने के बारे में सोच ही नहीं रहे थे। जो भी बल्लेबाज आया वह बड़ा शॉट खेलना चाहता था या फिर भी अपनी गलती का शिकार हुआ। विराट कोहली की ही बात अगर करेंगे तो वह लगातार दूसरी बार गोल्डन डक हुए। लगभग उसी अंदाज में आउट हुए, जिस तरह दुष्मांथा चमीरा ने उन्हें आउट किया था।
हैदराबाद की प्लानिंग को देनी होगी दाद
जब हैदराबाद टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी तो लगा केन विलियमसन के पास हर बल्लेबाज का तोड़ है। सबसे पहले तो हाई आर्म एक्शन वाले मार्को जेनसन ने अपने सीनियर फाफ डु प्लेसिस को शिकार बनाया तो विराट कोहली के लिए विलियमसन ने स्लिप और गली में कैचिंग पोजीशन पर फील्डर लगाते हुए ट्रैप बिछा दिया। तारीफ करनी होगी जेनसन की, जिन्होंने वही गेंद की, जिसपर कोहली पिछले मैच में आउट हुए थे। इसी तरह से हर विलियमसन की हर चाल कामयाब रही और रिजल्ट उसकी सिर्फ 8 ओवर में 9 विकेट की धांसू जीत से मिला।
2017 में कोई बल्लेबाज नहीं छू सका था दहाई का आंकड़ा
उस समय आरसीबी टीम में एक-एक से बढ़कर एक खिलाड़ी थे। तब भी कप्तान (तत्कालीन) विराट कोहली खाता नहीं खोल सके थे। क्रिस गेल (7), विराट कोहली (0), मंदीप सिंह (1), एबी डिविलियर्स (8), केदार जाधव (9), स्टुअर्ट बिन्नी (8), पवन नेगी (2), सैमुअल बद्री (0), टाइमल मिल्स (2), श्रीनाथ अरविंद (5*) और युजवेंद्र चहल (0) ताश के पत्तों की तरह ढह गए थे। नाथन कुल्टर नाइल, क्रिस वोक्स और कोलिन डि ग्रैंडहोम ने 3-3 विकेट झटके थे, जबकि एक विकेट उमेश यादव के खाते में गया था।