Rapid Rail News: रैपिड रेल पैसेंजर्स को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं, आरामदायक प्रीमियम कोच, स्पेशल वेटिंग एरिया के साथ-साथ और भी बहुत कुछ h3>
नई दिल्लीःरैपिड रेल में प्रीमियम क्लास के लिए एक कोच रिजर्व रहेगा। बाकी कोच के मुकाबले इस कोच में सफर करने वाले मुसाफिरों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि इसके के लिए मुसाफिरों को अधिक कीमत भी चुकानी होगी। प्रीमियम क्लास कोच में प्रवेश के लिए प्लैटफॉर्म पर एक विशेष लाउंज होगा। ट्रेन की स्पीड को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक आरआरटीएस स्टेशन पर प्लैटफॉर्म स्क्रीन दरवाजें होंगे। रैपिड रेल जैसे ही प्लैटफॉर्म पर आएगी, ट्रेन के साथ साथ प्लैटफॉर्म पर लगे दरवाजें भी खुल जाएंगे।
जब रैपिड रेल पटरी पर दौड़ने लगेगी, तब टिकट काउंटर पर पहुंचने के बाद मुसाफिर को अगर सामान्य टिकट चाहिए तो वह स्टेशन का नाम बताकर टिकट के पैसे देकर अपनी टिकट ले लेंगे, लेकिन यदि मुसाफिर प्रीमियम क्लास कोच में सफर का आनंद उठाना चाहता है, तो उसे काउंटर पर बताना होगा। रैपिड रेल तक पहुंचने के लिए सभी मुसाफिर एक ही एएफसी गेट से एंट्री करेंगे, लेकिन प्रीमियम क्लास कोच में सफर करने वाले मुसाफिरों को विशेष लाउंज तक पहुंचने के लिए एक और एएफसी गेट पार करना होगा। यानी बाकी मुसाफिरों को एक बार एएफसी गेट पर टिकट पंच करना होगा, जबकि प्रीमियम क्लास कोच में सफर करने वाले मुसाफिर को दो एएफसी गेट पार करने होंगे। प्लैटफॉर्म के जिस हिस्से पर प्रीमियम क्लास कोच रुकेगा, वहां मुसाफिरों के लिए अलग से वेटिंग एरिया बनाया गया है। प्रीमियम क्लास कोच बाकी कोचों में मिलने वाली सुविधाओं से काफी अलग होगा। बाकी कोच के मुकाबले इसकी सीटें भी ज्यादा आरामदायक होगी। ट्रेन में दिल्ली मेट्रो की तरह एक कोच महिलाओं के लिए भी आरक्षित होगा।
रैपिड रेल के ट्रेनसेट का डिजाइन हैदराबाद में एल्सटॉम के ग्लोबल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर में डिजाइन किया गया है। गुजरात के सावली में इन ट्रेनसेटों का निर्माण किया जा रहा है। एनसीआरटीसी के एमडी विनय कुमार सिंह ने कहा कि आरआरटीएस राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में खतरनाक वायु प्रदूषण, गंभीर भीड़भाड़ और असहनीय शहरी फैलाव को स्थायी रूप से कम करेगा। आरआरटीएस एनसीआर के लोगों को तेज, विश्वसनीय, सुरक्षित और आरामदायक परिवहन सेवा प्रदान करने के अपने वादे को प्राप्त करने के बेहद करीब पहुंच गई है। क्योंकि बहुत जल्द सावली से ट्रेनसेट गाजियाबाद स्थित डिपो पर पहुंचने वाले हैं। 2023 तक प्रायोरिटी सेक्शन शुरू करने का लक्ष्य तय समय में पूरा कर लिया जाएगा। इन हाई स्पीड, हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेनों को 180 किमी प्रति घंटे की गति के लिए डिजाइन किया गया है। दिल्ली और मेरठ के बीच की यात्रा मात्र 60 मिनट से भी कम समय में पूरी कर ली जाएगी।
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जब रैपिड रेल पटरी पर दौड़ने लगेगी, तब टिकट काउंटर पर पहुंचने के बाद मुसाफिर को अगर सामान्य टिकट चाहिए तो वह स्टेशन का नाम बताकर टिकट के पैसे देकर अपनी टिकट ले लेंगे, लेकिन यदि मुसाफिर प्रीमियम क्लास कोच में सफर का आनंद उठाना चाहता है, तो उसे काउंटर पर बताना होगा। रैपिड रेल तक पहुंचने के लिए सभी मुसाफिर एक ही एएफसी गेट से एंट्री करेंगे, लेकिन प्रीमियम क्लास कोच में सफर करने वाले मुसाफिरों को विशेष लाउंज तक पहुंचने के लिए एक और एएफसी गेट पार करना होगा। यानी बाकी मुसाफिरों को एक बार एएफसी गेट पर टिकट पंच करना होगा, जबकि प्रीमियम क्लास कोच में सफर करने वाले मुसाफिर को दो एएफसी गेट पार करने होंगे। प्लैटफॉर्म के जिस हिस्से पर प्रीमियम क्लास कोच रुकेगा, वहां मुसाफिरों के लिए अलग से वेटिंग एरिया बनाया गया है। प्रीमियम क्लास कोच बाकी कोचों में मिलने वाली सुविधाओं से काफी अलग होगा। बाकी कोच के मुकाबले इसकी सीटें भी ज्यादा आरामदायक होगी। ट्रेन में दिल्ली मेट्रो की तरह एक कोच महिलाओं के लिए भी आरक्षित होगा।
रैपिड रेल के ट्रेनसेट का डिजाइन हैदराबाद में एल्सटॉम के ग्लोबल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर में डिजाइन किया गया है। गुजरात के सावली में इन ट्रेनसेटों का निर्माण किया जा रहा है। एनसीआरटीसी के एमडी विनय कुमार सिंह ने कहा कि आरआरटीएस राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में खतरनाक वायु प्रदूषण, गंभीर भीड़भाड़ और असहनीय शहरी फैलाव को स्थायी रूप से कम करेगा। आरआरटीएस एनसीआर के लोगों को तेज, विश्वसनीय, सुरक्षित और आरामदायक परिवहन सेवा प्रदान करने के अपने वादे को प्राप्त करने के बेहद करीब पहुंच गई है। क्योंकि बहुत जल्द सावली से ट्रेनसेट गाजियाबाद स्थित डिपो पर पहुंचने वाले हैं। 2023 तक प्रायोरिटी सेक्शन शुरू करने का लक्ष्य तय समय में पूरा कर लिया जाएगा। इन हाई स्पीड, हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेनों को 180 किमी प्रति घंटे की गति के लिए डिजाइन किया गया है। दिल्ली और मेरठ के बीच की यात्रा मात्र 60 मिनट से भी कम समय में पूरी कर ली जाएगी।
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