Rajbhar blames Akhilesh: कभी अखिलेश पर दंभ भरते थे राजभर, अब सपा मुखिया को सुभासपा खत्म करने वाला क्‍यों बता रहे?

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Rajbhar blames Akhilesh: कभी अखिलेश पर दंभ भरते थे राजभर, अब सपा मुखिया को सुभासपा खत्म करने वाला क्‍यों बता रहे?

Rajbhar blames Akhilesh: कभी अखिलेश पर दंभ भरते थे राजभर, अब सपा मुखिया को सुभासपा खत्म करने वाला क्‍यों बता रहे?

लखनऊ: राजनीति में किस करवट ऊंट बैठ जाए कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। अगर बात देश की सबसे ज्यादा विधानसभा और लोकसभा सीट वाले राज्य की हो तो और हलचल बढ़ जाती है। 2024 में लोकसभा चुनाव होना है और एक बार फिर यूपी राजनीति में भगदड़ शुरू हो गई है। कभी अखिलेश यादव के साथ आकर ओम प्रकाश राजभर उन पर खूब दंभ भरते थे और बीजेपी के चार दिन बचे हुए हैं… कहते देखा जाता था, लेकिन फिर अचानक ऐसा हुआ कि ओम प्रकाश राजभर और अखिलेश यादव एक-दूसरे को फूटी आंख देखना पसंद नहीं करना चाहते हैं। सुभासपा में जहां कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं तो वहीं सोमवार को मऊ पहुंचे ओम प्रकाश राजभर नाराजगी दूर करने में जुटे रहे। जब उनसे पार्टी से कार्यकर्ताओं के इस्तीफे पर पूछा गया तो उन्होंने इसका दोषी अखिलेश यादव को बताया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव सुभासपा को खत्म करना चाहते हैं।

बीजेपी से बगावत, सपा से दोस्ती
2022 यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ओम प्रकाश राजभर का बीजेपी से सीटों को लेकर मतभेद हो गए और राजभर ने बीजेपी से बगावत करके सपा से दोस्ती कर ली, लेकिन 2022 से पहले 2017 विधानसभा चुनाव में सुभासपा के कई विधायक रहे, क्योंकि बीजेपी से दोस्ती का उसको फायदा मिला। सुभासपा का वोट शेयर 5 फीसदी से सीधा 34 फीसदी पर पहुंच गया। अगर 2012 यूपी विधानसभा की बात करें तो सुभासपा अकेले 52 सीटों पर लड़ी थी। सुभासपा को कोई सीट नहीं मिली थी, बल्कि उसके 48 उम्मीदवार जमानत नहीं बचा पाए। हालांकि, सुभासपा को 5 फीसदी वोट मिला था, जोकि पूर्वांचल की राजनीति में काफी मायने रखता है। 2012 में सुभासपा को पौने पांच लाख वोट मिले थे। इस बात पर बीजेपी ने गौर किया। वाराणसी, गाजीपुर और बलिया की कई सीटों पर सुभासपा को बीजेपी से ज्यादा वोट मिले थे। जहां राजभर को ये बात समझ में आ गई कि अकेले लड़कर कोई फायदा नहीं तो वहीं बीजेपी को भी लगा की पूर्वांचल में सुभासपा यूपी गद्दी के लिए लाभदायक हो सकती है। 2017 में दोनों साथ आ गए और सुभासपा ने इस चुनाव में बीजेपी के समर्थन से 4 सीटें जीत लीं। यही नहीं सुभासपा का वोट 2017 में 34 फीसदी हो गया। 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी से सुभासपा से मतभेद हो गए और राजभर अखिलेश के साथ चले गए।

अखिलेश यादव के साथ राजभर ने कई रैलियां की और बीजेपी पर हमला बोला
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में ओम प्रकाश राजभर और अखिलेश यादव ने मिलकर कई रैलियां कीं। राजभर ने कई बार मंच से बीजेपी पर हमला बोला। अबकी बार भाजपा साफ! समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर आए साथ, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों के साथ सभी वर्गों को धोखा देने वाली भाजपा सरकार के दिन बचे हैं चार… जैसे हमले राजभर ने बीजेपी पर खूब बोले थे।

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के परिणामों ने बढ़ाई दोनों में दूरियां
जिस तरह से सुभासपा और सपा ने मिलकर यूपी चुनाव 2022 लड़ा था और दोनों उम्मीद कर रहे थे कि बीजेपी राज्य से चली जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, जब परिणाम आए तो वो अप्रत्याशित थे। रिजल्ट के बाद से अखिलेश यादव और ओम प्रकाश राजभर के बीच दूरियां साफ देखी जाने लगी। एक-दूसरे हार के लिए जिम्मेदार ठहराने लगे। इस चुनाव में जहां सपा को नुकसान हुआ था तो वहीं सुभासपा का काफी फायदा हुआ था। सपा के साथ मिलकर सुभासपा 2022 में 18 सीटों पर चुनाव लड़ी और 6 पर जीत हासिल की थी। वहीं, सपा समेत उसकी सहयोगियों को 111 सीटों पर जीत मिली थी, जिसमें सुभासपा की 6 सीटें भी शामिल थीं।

राष्ट्रपति चुनाव में दोनों में दिखी खटास
राष्ट्रपति चुनाव में सपा ने यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का ऐलान किया, लेकिन सुभासपा के विधायकों पर क्रास वोटिंग का अखिलेश यादव ने आरोप लगाया। यहीं से दोनों के बीच और खटास बढ़नी शुरू हो गई।

समाजवादी पार्टी को ठहराया जिम्मेदार
पार्टी को तोड़ने के लिए समाजवादी पार्टी साजिश रच रही है ,क्योंकि हम हक की लड़ाई के लिए हमेशा आवाज उठाते हैं, जोकि अन्य दलों को नागवार लगता है। अंबेडकरनगर में मेरे पार्टी को समाप्त करने के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से ऐलान किया था कि सुहेलदेव भारती समाज पर्टी को समाप्त कर दो, लेकिन इसका मेरे पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ता, बल्कि पार्टी और मजबूत हुई है।

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