Rajasthan Politics: कांग्रेस कार्यशाला में नहीं पहुंचे सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी रंधावा ने किया तीखा प्रहार, नहीं थम रही रार

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Rajasthan Politics: कांग्रेस कार्यशाला में नहीं पहुंचे सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी रंधावा ने किया तीखा प्रहार, नहीं थम रही रार

Rajasthan Politics: कांग्रेस कार्यशाला में नहीं पहुंचे सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी रंधावा ने किया तीखा प्रहार, नहीं थम रही रार

Rajasthan Congress Crisis: राजस्थान कांग्रेस में आपसी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। सचिन पायलट के अनशन के साथ फिर से शुरू ही राज भी थमने के बजाय बढ़ती जा रही है। बुधवार को इस मामले में पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बयान दिया है।

 

जयपुर:राजस्थान कांग्रेस में शुरू हुई रार बढ़ती जा रही है। पार्टी के भीतर की कलह सड़क पर आने के बाद अब दोनों तरफ से जुबानी हमले भी तेज हो गए हैं। एक दिन पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की सभा से मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने पार्टी आलाकमान को चैलेंज किया था। और अब बुधवार को पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का बयान सामने आया है। रंधावा ने बुधवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कथित भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई की मांग के तरीके को गलत बताया। उन्होंने कहा कि एक दिन का अनशन करने के बजाय इस मुद्दे को राजस्थान विधानसभा में उठाना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि पायलट जो कुछ कहना चाहते थे, उन्हें वह विधानसभा में कहना चाहिए था। क्योंकि विधानसभा से बड़ा कोई मंच नहीं है।

कांग्रेस कार्यशाला में नहीं पहुंचे सचिन पायलट


कांग्रेस की ओर से बुधवार को जयपुर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट इस कार्यशाला में नहीं पहुंचे। यहां 11 बजे कार्यक्रम शुरू होना था लेकिन 2 बाद ही शुरू हो पाया। कार्यशाला के मंच पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ कुल 14 लोग बैठे थे। लेकिन यहां सचिन पायलट नहीं पहुंचे। कार्यशाला के दौरान और बाद में पार्टी के भीतर और बाहर पायलट की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय रही।
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तो मुख्यमंत्री गहलोत को भी जवाब देना पड़ता

उधर, पायलट की ओर से पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में किए एक दिन के अनशन पर रंधावा का बयान भी सामने आया। पत्रकारों से बातचीत में रंधावा ने कहा कि भ्रष्टाचार पर कार्रवाई का मामला व‍िधानसभा में उठया जा सकता था। उससे बड़ा कोई मंच नहीं है। वहीं विपक्ष था, वहीं मुख्‍यमंत्री बैठे थे, वहीं कांग्रेस के सभी विधायक मौजूद थे, वहां पूरी भाजपा थी। पायलट को वहीं पर यह मामला उठाना चाहिए था। पूछना चाहिए था क‍ि हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आज तक क्‍या किया ? विधानसभा से बड़ा मंच कोई नहीं है। रंधावा ने आगे कहा कि पायलट मुद्दा उठाते तो मुख्‍यमंत्री को बहस के जवाब के दौरान इसका भी उत्तर देना पड़ता।
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पायलट ने क्या कहा? भ्रष्टाचार का मामला क्या था?

पायलट ने अपने अनशन के दौरान 2013 से 2018 तक बीजेपी शासन के दौरान हुए भ्रष्टाचार का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि तब कांग्रेस विपक्ष में थी। विपक्ष में रहते उन्होंने और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार की जांच की मांग उठाई थी। साथ 2018 के विधानसभा चुनावों में जनता से बीजेपी के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का वादा भी किया था। लेकिन कांग्रेस की सरकार बनी तो वो वादे पूरे नहीं हुए।

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