Rajasthan News: गहलोत सरकार के प्रशासनिक ‘गढ़’ में ED की एंट्री, मचा हड़कंप, जानें क्या है वजह? | Enforcement Directorate team probing case of Rs 2.5 crore, gold brick found in DOIT office reached Secretariat | News 4 Social h3>
जयपुर. डीओआईटी के कार्यालय में मिले ढाई करोड़ रुपए व सोने की ईंट के मामले की पड़ताल कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम बुधवार को सचिवालय पहुंची। ईडी जवाब-तलब करने के लिए नोटिस देने पहुंची थी। सचिवालय में विभाग के अधिकारी उपस्थित नहीं मिले तो टीम आयोजना भवन स्थित ‘डीओआईटी मुख्यालय पहुंची। ईडी ने नोटिस देकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां मांगी हैं।
ईडी ने डीओआईटी के संयुक्त निदेशक वेद प्रकाश यादव को 8 अगस्त को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के बाद ईडी ने नोटिस देकर डीओआईटी से जानकारी मांगी थी। पर्याप्त जानकारी नहीं मिलने पर ईडी दुबारा नोटिस देने पहुंची थी। बताया गया है कि टीम पहले डीओआईटी के अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोड़ा के कार्यालय पहुंची। उस समय अरोड़ा कार्यालय में नहीं थे।
खरीद प्रक्रिया से जुड़ा था वेद प्रकाश
ईडी की गिरफ्त में आया वेद प्रकाश यादव का पदस्थापन डीओआईटी की कंपनी राजकॉम्प इन्फो सर्विसेज लि. में था। इसके पास स्टोर इंचार्ज का जिम्मा भी था। यहां कई तरह की खरीद में उसकी सीधी भूमिका थी। बताया जा रहा है कि ईडी ने इसी को लेकर कई तरह की जानकारी मांगी है। ईडी ने नोटिस में जानकारी देने के लिए समय सीमा भी तय की है। ईडी पड़ताल कर रही है कि खरीद में कौन-कौन शामिल थे। कार्यालय में मिली नकदी व सोना का इससे क्या सम्बंध है, इसकी भी ईडी पड़ताल कर रही है।
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इसके बाद वे सचिव कार्यालय पहुंचे सचिव कार्यालय मुख्य सचिव कार्यालय के पास है। डीओआईटी सचिव आनंधी भी कार्यालय में नहीं थीं। इसके बाद ईडी की टीम आयोजना भवन स्थित डीओआईटी मुख्यालय पहुंची। वहां टीम निदेशक (प्रशासन) सुनील छाबड़ा से भी मिली। टीम आयुक्त इंद्रजीत सिंह के कार्यालय भी पहुंची थी।
नहीं उगलवा पाई थी एसीबी
ईडी से पहले वेद प्रकाश को एसीबी ने गिरफ्तार किया था। एसीबी ने पड़ताल कर 18 जुलाई को वेद प्रकाश के खिलाफ अदालत में चालान पेश कर दिया था। चालान में एसीबी ने नकदी व सोना वेद प्रकाश का ही माना है। उसके खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति के आरोप में चालान पेश किया गया है। इसके बाद उसकी जमानत हो गई थी।
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