Rajasthan Health system: ICU में महिला की पलके कुतर गया चूहा, बस इतनी ही नहीं अव्यवस्थाओं का यहां हाल, पढ़ें कब- कब दिखा लापरवाही का आलम h3>
अर्जुन अरविंद, कोटा: एजुकेशन सिटी के रूप में अपनी खास पहचान रखने वाला कोटा इन दिनों लगातार बिगड़ते हेल्थ सिस्टम को लेकर चर्चा में है। मंगलवार को भी यहां ऐसी घटना घटी, जिसने हर किसी को हिलाकर रख दिया। यहां कोटा संभाग के सबसे बड़े अस्पताल कहे जाने वाले एमबीएस अस्पताल में घोर लापरवाही सामने आई। दरअसल यहां 28 वर्षीय रूपवती नाम की महिला 46 दिनों से एमबीएस अस्पताल के भर्ती थी,उनका पूरा शरीर पैरेलाइज है। इसी बात का फायदा उठाकर यहां चूहों ने आईसीयू में उनके आंखों की पलकों को कुतर दिया। अब आईसीयू जैसी स्थानों पर महिला रोगी की पलक को कुतरने की घटना के बाद यह अस्पताल प्रशासन से साफ- सफाई से लेकर मरीजों की देखभाल तक पर सवाल उठ रहे हैं।
पढ़िये कोटा के चार बड़े अस्पतालों का हाल
बड़ी बात यह है कि कोटा के एमबीएस अस्पताल का यह लापरवाही से जुड़ा पहला मामला नहीं है। अप्रैल से मई महीने के बीच लगातार ऐसे कई वाकई सामने आए है, जब यहां स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल उठे है। उल्लेखनीय है कि कोटा में यह हाल तब है कि जबकि 28 अप्रैल और 13 मई को राजस्थान के चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा ने कोटा का दो बार दौरा किया है। कोटा में अन्य स्थानों से भी स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा हाल जनता के सामने आते रहा हैं। पढ़िये चार ऐसे घटनाक्रम , जिससे कोटा के अस्पतालों सुर्खियों में छाए हुए हैं। वहीं विपक्ष चार घटनाक्रम को लेकर सरकार को घेरे हुए हैं।
25 अप्रैल की रात को कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बिजली पैनल की केबल में बड़ा फॉल्ट हुआ। 3 घंटे तक अस्पताल में बिजली गुल रही। इस दौरान चितौड जिले के रावतभाटा की 65 साल की महिला नंदू बाई की वेंटिलेटर पर इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस दौरान बड़ी बात यह रही कि यहां डॉक्टर मोबाइल की टॉर्च के जरिेए महिला का इलाज करते दिखे थे। हालांकि लापरवाही की ऐसी तस्वीरें सामने आने के बाद भी कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन और राजस्थान सरकार के चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा ने बिजली गुल होने की घटना को महिला की मौत का कारण नहीं माना था।
13 मई को खुद चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा कोटा प्रवास पर आए हुए थे। जब वे कलेक्ट्रेट के सभागार में चिकित्सा महकमें की मीटिंग ले रहे थे। तभी कोटा के महाराव भीमसिंह चिकित्सालय के रूम नंबर 106 शल्य चिकित्सा कक्ष की करीब आधे घंटे बिजली गुल रही। इस दौरान चिकित्सा कर्मियों को मोबाइल पर टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज करना पड़ गया था। इस की भी तस्वीरें सामने आई।
15 मई की रात को कोटा जिले के मंडाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा प्रबंधन की बड़ी पोल खुली। यहां पुलिस के जवान बनवारी प्रजापति ने इलाज के अभाव में 6 साल की बेटी आरोही प्रजापति को खो दिया। यहां जब पुलिस जवान बनवारी अस्पताल पहुंचे, तो चिकित्सक अस्पताल में नहीं मिले, कंपाउंडर ने फोन पर डॉक्टर को पेशेंट की जानकारी दी। फिर कंपाउंडर को ट्रीटमेंट समझा दिया। कंपाउंडर ने ट्रीटमेंट देकर बेटी को पिता के साथ घर भेज दिया, लेकिन इसके बाद बच्ची की तबीयत फिर बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।
16 मई की रात को कोटा महाराव भीमसिंह चिकित्सालय की स्ट्रोक यूनिट में लकवाग्रस्त 30 साल की रूपमती नामक महिला रोगी को रात के समय चूहे ने उसकी आंख की पलक पर काटा। आंख की पलक के दो टुकड़े कर दिए। इसके बाद पति देवेंद्र को पत्नी रूपमती के रोने की आवाज आने पर घटना का पता चला।
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पढ़िये कोटा के चार बड़े अस्पतालों का हाल
बड़ी बात यह है कि कोटा के एमबीएस अस्पताल का यह लापरवाही से जुड़ा पहला मामला नहीं है। अप्रैल से मई महीने के बीच लगातार ऐसे कई वाकई सामने आए है, जब यहां स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल उठे है। उल्लेखनीय है कि कोटा में यह हाल तब है कि जबकि 28 अप्रैल और 13 मई को राजस्थान के चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा ने कोटा का दो बार दौरा किया है। कोटा में अन्य स्थानों से भी स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा हाल जनता के सामने आते रहा हैं। पढ़िये चार ऐसे घटनाक्रम , जिससे कोटा के अस्पतालों सुर्खियों में छाए हुए हैं। वहीं विपक्ष चार घटनाक्रम को लेकर सरकार को घेरे हुए हैं।
25 अप्रैल की रात को कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बिजली पैनल की केबल में बड़ा फॉल्ट हुआ। 3 घंटे तक अस्पताल में बिजली गुल रही। इस दौरान चितौड जिले के रावतभाटा की 65 साल की महिला नंदू बाई की वेंटिलेटर पर इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस दौरान बड़ी बात यह रही कि यहां डॉक्टर मोबाइल की टॉर्च के जरिेए महिला का इलाज करते दिखे थे। हालांकि लापरवाही की ऐसी तस्वीरें सामने आने के बाद भी कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन और राजस्थान सरकार के चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा ने बिजली गुल होने की घटना को महिला की मौत का कारण नहीं माना था।
13 मई को खुद चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा कोटा प्रवास पर आए हुए थे। जब वे कलेक्ट्रेट के सभागार में चिकित्सा महकमें की मीटिंग ले रहे थे। तभी कोटा के महाराव भीमसिंह चिकित्सालय के रूम नंबर 106 शल्य चिकित्सा कक्ष की करीब आधे घंटे बिजली गुल रही। इस दौरान चिकित्सा कर्मियों को मोबाइल पर टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज करना पड़ गया था। इस की भी तस्वीरें सामने आई।
15 मई की रात को कोटा जिले के मंडाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा प्रबंधन की बड़ी पोल खुली। यहां पुलिस के जवान बनवारी प्रजापति ने इलाज के अभाव में 6 साल की बेटी आरोही प्रजापति को खो दिया। यहां जब पुलिस जवान बनवारी अस्पताल पहुंचे, तो चिकित्सक अस्पताल में नहीं मिले, कंपाउंडर ने फोन पर डॉक्टर को पेशेंट की जानकारी दी। फिर कंपाउंडर को ट्रीटमेंट समझा दिया। कंपाउंडर ने ट्रीटमेंट देकर बेटी को पिता के साथ घर भेज दिया, लेकिन इसके बाद बच्ची की तबीयत फिर बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।
16 मई की रात को कोटा महाराव भीमसिंह चिकित्सालय की स्ट्रोक यूनिट में लकवाग्रस्त 30 साल की रूपमती नामक महिला रोगी को रात के समय चूहे ने उसकी आंख की पलक पर काटा। आंख की पलक के दो टुकड़े कर दिए। इसके बाद पति देवेंद्र को पत्नी रूपमती के रोने की आवाज आने पर घटना का पता चला।
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