Rajasthan : इकोलॉजिकल जोन में अवाप्ति पर 50% तक मुआवजा | Rajasthan: Up to 50% compensation on receipt in ecological zone | Patrika News

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Rajasthan : इकोलॉजिकल जोन में अवाप्ति पर 50% तक मुआवजा | Rajasthan: Up to 50% compensation on receipt in ecological zone | Patrika News

Rajasthan : इकोलॉजिकल जोन में अवाप्ति पर 50% तक मुआवजा | Rajasthan: Up to 50% compensation on receipt in ecological zone | Patrika News

2005 के बाद के मामलों में विकसित भूमि देने के लिए कई अतिरिक्त विकल्प दिए गए हैं। खास यह है कि इकोलॉजिकल जोन में विशेष प्रोजेक्ट के लिए 50 प्रतिशत तक विकसित भूमि देने का प्रावधान पहली बार लागू किया है। नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग ने बुधवार को इसके आदेश जारी कर दिए। इससे अफसरों की मनमर्जी खत्म करने और पूरी प्रक्रिया को सरल बनाने का दावा किया है। निकायों विकल्प देने के लिए 31 दिसम्बर 2022 अंतिम तिथि होगी।

सभी आदेश, अधिसूचना समाहित: इसमें पूर्व में जारी सभी परिपत्र, आदेश और अधिसूचनाओं को समाहित किया गया है।

मुआवजे की जमीन कब मिलेगी, दो तरह की स्थिति स्पष्ट

  • अवाप्तशुदा भूमि पर खातेदार का कब्जा होने के कारण निकाय ने योजना की क्रियान्वित नहीं की हो
  • निकाय ने मुआवजा राशि न्यायालय में जमा नहीं कराई हो। न ही खातेदार को नगद मुआवजा दिया हो।

इसलिए पड़ी नई नीति बनाने की जरूरत..

  • निकायों में अवाप्ति के कई बड़ी संख्या में प्रकरण लंबे समय से अटके हैं।
  • मुआवजा नहीं मिलने के कारण मौके पर खातेदारों का कब्जा है। इस कारण कहीं सड़क रूकी हुई है तो कहीं स्कीम अटक गई तो कहीं प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पा रहा। इनमें मास्टर प्लान की सड़क, बायपास, सेक्टर सड़क, ओवरब्रिज, एलीवेटेड रोड, स्लिप लेन अन्य कार्य हैं।
  • कई निकायों में मुआवजा देने के नाम पर पिक एंड चूज के खेल की शिकायत मिलती रही।

खातेदार इन स्थितियों में दे सकेंगे विकल्प.

  • जमीन अधिग्रहण के अवार्ड में विकसित भूमि देने का उल्लेख हो या खातेदार ने पहले विकल्प दे दिया हो।
  • खातेदार ने नकद मुआवजा नहीं लिया हो और ना ही निकाय ने न्यायालय में जमा किया हो।
  • खातेदार ने नकद मुआवजा नहीं लिया और मौके पर उसका कब्जा है। न्यायालय में मामला लंबित है।

इकोलॉजिकल जोन: मिलेगा 1000 वर्गमीटर का विकसित भूखंड …

मास्टर प्लान में इकोलॉजिकल जोन या परिधि नियंत्रण क्षेत्र में विशेष प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहित की जाती है तो 50 प्रतिशत तक विकसित भूखंड दिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार से स्वीकृति लेनी होगी। इसके तहत 1000 वर्गमीटर का विकसित भूखंड दिया जाएगा। यहां 10 से 20 प्रतिशत कवरेज एरिया प्रावधान लागू हैं। इन क्षेत्रों में रिसोर्ट, मोटल, फार्म हाउस, इको फ्रेंडली हाउस और स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स सहित अन्य निर्धारित गतिविधि अनुज्ञेय हैं।

बंदिश: इन मामलों में लागू नहीं…

  • ऐसे मामले जिनमें मुआवजे का अवार्ड नकद राशि का है
  • निकाय ने भूमि का कब्जा ले लिया हो
  • योजना की पूर्ण क्रियान्विति की जा चुकी हो
  • न्यायालय में अवार्ड राशि जमा है या खातेदार को अवार्ड राशि का भुगतान किया जा चुका है और योजना की पूर्ण क्रियान्विति की चुकी है।
  • अलसर व सिलिंग एक्ट के तहत अवाप्त भूमि हो।
  • राजकीय विभाग या नगरीय विकास के स्वामित्व की भूमि के मामले।
  • ऐसे प्रकरण, जिनका सक्षम समिति में निर्णय हो चुका होगा। उन प्रकरणों को दोबारा नहीं खोला जाएगा, भले ही इन मामलों में सरकार से स्वीकृति मिलना बाकी हो।
  • तीन माह में निपटाने होंगे प्रकरण भूमि अधिग्रहण के मुआवजा प्रकरण निकायों को 3 महीने में निपटाना होगा। इसके लिए ऐसे मामलों की सूची बनाई जाएगी।



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