RailTel Data Center: डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए रेलटेल ने की खास तैयारी, रेलवे की जमीन का होगा इस्तेमाल!

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RailTel Data Center: डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए रेलटेल ने की खास तैयारी, रेलवे की जमीन का होगा इस्तेमाल!


RailTel Data Center: डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए रेलटेल ने की खास तैयारी, रेलवे की जमीन का होगा इस्तेमाल!

नई दिल्ली
RailTel Data Center: ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में डिजिटल परिवर्तन और कुशल डिजिटल डिलीवरी की गति में तेजी लाने के लिए रेलटेल ने पार्टनरों के साथ संयुक्त रूप से देश के विभिन्न भागों में ऐसे क्षेत्रों में कई “एज डेटा सेंटर” बनाने का निर्णय लिया है। रेलटेल की यह नई पहल भारत सरकार के डिजिटल इंडिया के मिशन को बढ़ावा देगी।

एज डेटा सेंटर नेटवर्क के एज पर स्थित छोटे डेटा सेंटर होते हैं, जो अंतिम उपयोगकर्ताओं और उपकरणों की दूरी को कम कर देते हैं। एज पर इस प्रकार की सुविधा होने से शीघ्रता से निष्पादन और विलंबता में कमी आएगी। इस प्रकार संगठनों को इसे संसाधित करने के लिए डेटा को दूर-दराज के डेटा केंद्रों में स्थानांतरित नहीं करना होगा। डेटा सेंटर प्रबंधकों के लिए विलंब होना हमेशा एक समस्या रही है और आजकल बड़े डेटा, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स, क्लाउड और स्ट्रीमिंग सेवाओं और अन्य प्रौद्योगिकी प्रवृत्तियों जैसे नेक्स्ट जनरेशन एप्लिकेशन्स की विस्तृत श्रृंखला को देखते हुए यह एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गया है।

रेलटेल रेलवे परिसर/भूमि पर 102 स्थानों विशेषकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में ऐसे एज डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए पार्टनरों की तलाश कर रही है। संभावित बिजनेस एसोसिएट्स/पार्टनर भारत में पंजीकृत कंपनी होनी चाहिए। इस गतिविधि से लगभग 500 करोड़ रुपए के निवेश अवसर मिलेगा। रेलटेल द्वारा उद्योग को पार्टनर बनाने हेतु अभिरुचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित करने के साथ ही इन एज डेटा केंद्रों को स्थापित करने की प्रक्रिया को शुरु किया गया है।

प्रस्तावित योजना के अंतर्गत, प्रत्येक लोकेशन पर परिकल्पित एज डाटा सेंटर की प्रारंभिक क्षमता लगभग 20 रैक (प्रत्येक 5 किलोवाट से 10 किलोवाट) की हो सकती है। हालांकि, अलग-अलग लोकेशनों पर स्पेस, पॉवर और अन्य कारकों की आवश्यकता और उपलब्धता के अनुसार परिवर्तनीय रैक और बिजली घनत्व वाले एज डेटा सेंटर की भी संभावनाएं भी देखी जा सकती हैं।

रेलटेल के पास लगभग 9300 से अधिक प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस ( PoP) और रेलवे ट्रैक के साथ और भारतीय रेलवे के परिसर में व्यापक ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी है, जो इस प्रकार के एज डेटा सेंटर की स्थापना के लिए मूल अवसंरचना को सुगमता से उपलब्ध कराती है। रेलटेल के पास चयनित बिजनेस एसोसिएट्स को दूरसंचार/इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का उत्तरदायित्व होगा।

एलटीई, टीसीएएस आदि जैसे रेलवे के महत्वपूर्ण एप्लिकेशन्स के लिए डेटा सेंटर के उपयोग को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास क्षेत्रों सहित बाजार की आवश्यकता के आधार पर सेवा की पेशकश चयनित पार्टनरों को साथ में लेकर तैयार की जाएगी, जिसमें एक या एक से अधिक बेसिक सर्विस प्लेटफार्म शामिल हो सकते हैं जैसे रैक कोलोकेशन, मैनेज्ड कोलोकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर-एज-ए-सर्विस (IaaS), प्लेटफॉर्म -एज-ए-सर्विस (PaaS), (क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं की श्रेणियां) आदि।

एज डेटा सेंटर, रेलवॉयर ब्रॉडबैंड ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लोकप्रिय सामग्री के ‘कैशिंग’ (caching) के लिए आईटी अवसंरचना को स्थापित करने के लिए रेलटेल को सक्षम करेगा क्योंकि कैश्ड (cached) सामग्री को नेटवर्क के लांग स्ट्रेच में यात्रा करने के बजाय स्थानीय रूप से उपलब्ध कराया जाएगा। इसी तरह कंटेंट प्लेयर्स के साथ ‘पीयरिंग’ (Peering) के लिए आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी इन एज डेटा सेंटर्स में तैनात किया जा सकता है जो कंटेंट की डिलीवरी के लिए कॉस्ट इकोनॉमिक्स को बेहतर करेगा (जैसे यूट्यूब, हॉटस्टार आदि)।

ये केंद्र रेलटेल को नेटवर्क के लचीलेपन में सुधार करने और रेलटेल की “रेलवॉयर” ब्रॉडबैंड सेवाओं के ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करेंगे। रेलटेल का वर्तमान ग्राहक आधार लगभग 4.4 लाख है और इस तरह के एज डेटा सेंटर के आने से यह और वृद्धि होगी। रेलटेल के पास पहले से ही 2 अपटाइम यूएसए प्रमाणित डेटा केंद्र हैं-एक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (गुरुग्राम) में और दूसरा सिकंदराबाद में।

इसके बारे में बात करते हुए पुनीत चावला, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, रेलटेल ने कहा, “ऐसे स्थानीय डेटा सेंटर्स की मदद से, ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटल कौशल, वित्तीय समावेशन, डिजिटल साक्षरता आदि से संबंधित कम समय में एप्लिकेशन्स के साथ सेवा उपलब्ध करायी जा सकती है। एज डेट सेंटर इन क्षेत्रों की आबादी बेहतर अनुभव और डिजिटल सेवाओं उपलब्ध कराने में सहायक होंगे और जो डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान होगा। यह कदम डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा। यह स्थानीय पेशेवर कुशल जनशक्ति को इस परिवर्तन में भाग लेने का अवसर भी उपलब्ध कराएगा।

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