Rahul Gandhi के जिस ऑक्सफोर्ड में भाषण पर मचा बवाल, Varun Gandhi ने ठुकराया निमंत्रण… क्या फिर BJP के करीबी?
क्या है पूरा मामला?
यूके की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पीलीभीत के बीजेपी सांसद वरुण गांधी को एक डिबेट में आमंत्रण दिया था। द हाउस बिलीव्स मोदी इज ऑन द राइट पाथ विषय पर बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। वरुण गांधी ने इस आमंत्रण को ठुकरा दिया। ऑक्सफोर्ड में उन्हें विषय के विरोध में बोलना था। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में आमंत्रित किया गया था। इस दौरान उनके भाषण को लेकर देश की राजनीति अभी तक गरमाई हुई है। भाजपा लगातार उन पर हमले कर रही है। ऐसे में वरुण गांधी को मिले आमंत्रण पर कांग्रेस की ओर से सवाल किए जा रहे थे। लेकिन, अब वरुण के तेवर ने सभी को चुप करा दिया है।
वरुण ने साफ तौर पर कहा है कि इस तरह के मुद्दों को देश के भीतर ही उठाया जाना चाहिए। विदेश में इन मुद्दों पर बात करना सही नहीं है। हमें देश की बात विदेश में करने का शौक नहीं है बात नहीं होनी चाहिए। वरुण ने कहा कि । देश के भीतर ही इस प्रकार के मुद्दों पर बोलने के कई मौके आने की भी बात उन्होंने की।
निशाने पर कहीं राहुल गांधी तो नहीं
वरुण गांधी के इस हमले को राहुल गांधी पर निशाने के रूप में देखा जा रहा है। राहुल गांधी ने जिस प्रकार से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भारत को लेकर बातें रखीं, उसको लेकर कहा जा रहा है कि विदेश में उन्होंने अपने देश की बुराई की। इस मामले पर भाजपा राहुल गांधी से माफी की मांग कर रही है। संसद में यह मामला लगातार गूंज रहा है। ऐसे में वरुण गांधी का बयान राहुल गांधी पर बड़ा हमला के रूप में देखा जा रहा है। वरुण गांधी की छवि राष्ट्रवादी नेता के रूप में रही है। ऐसे में उनके हमले को लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रही हैं।
राहुल ने पिछले दिनों दिया था वरुण पर बयान
राहुल गांधी ने पिछले दिनों भारत जोड़ो यात्रा के दौरान वरुण गांधी पर बड़ा बयान दिया था। कांग्रेस में वरुण गांधी को लाए जाने को लेकर किए गए सवालों पर उन्होंने कहा था कि वरुण के विचार आरएसएस से मिलते-जुलते रहे हैं। वे कांग्रेस की विचारधारा के विपरीत रहे हैं। निजी संबंधों के रहने के बाद भी उन्होंने वरुण की कांग्रेस में संभावित एंट्री पर एक प्रकार से रोक लगा दी। वरुण अपने बयानों से पहले पार्टी में घिर रहे थे। उनके लोकसभा चुनाव 2024 में उम्मीदवारी पर सवाल उठने लगे थे।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के आमंत्रण पर उनके कदम ने कांग्रेस को तो चुप कराया ही है, भाजपा में उनके विरोधियों को भी शांत कर दिया है। एक प्रकार से वरुण गांधी भाजपा की नीति पर वापस लौटते दिख रहे हैं। पिछले दिनों उनकी मां और वरिष्ठ भाजपा सांसद मेनका गांधी ने टिकट मिलने या न मिलने की स्थिति में भाजपा में ही रहने की बात कही थी। ऐसे में वरुण भी पार्टी की नीतियों की तरफ लौटने का संकेत देते दिख रहे हैं।