Punjab election result: कम वोटिंग लेकिन मालवा में पड़े जमकर वोट, पंजाब में कांग्रेस, बीजेपी, अकाली दल..किसको होगा फायदा? h3>
चंडीगढ़: पंजाब में रविवार को करीब 70% मतदान हुआ। कई जिलों में 75% के आसपास और कुछेक जगह पर 80% से भी ज्यादा वोट पड़े तो कुछ इलाकों में 60 या उससे भी कम वोटिंग की भी बात कही जा रही थी। आप के असर वाले मालवा में पिछली बार से कम वोटिंग हुई है। कांग्रेस की कमजोरी वाले माझा संभाग में लगभग पिछली बार जितने ही वोट पड़े हैं। दोआबा में ठीकठाक मतदान की चर्चा है। इस सबके बीच बहुकोणीय मुकाबले के गणित को लेकर सभी दल उलझन में हैं। कांग्रेस, ‘आप’, अकाली-बसपा, बीजेपी-कैप्टन, किसानों का दल, यानी सभी इस मुकाबले में कल हुए मतदान से अपनी उम्मीदों की तलाश में उलझे हैं।
पिछली बार 77 फीसदी वोटिंग हुई थी। वहीं कम वोटिंग में सबसे ज्यादा वोट इस बार मालवा इलाके में पड़े हैं। मालवा आम आदमी पार्टी (AAP) का गढ़ माना जाता है। इस इलाके में डेरा सच्चा सौदा ने अकाली और बीजेपी के लिए कई सीटों पर समर्थन दिया है। मालवा बेल्ट में 69 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां डेरा का असर माना जाता है।
पंजाब में कहां पड़े कितने पर्सेंट वोट
तलवंडी साबो विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 83.67 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि अमृतसर पश्चिम सीट में सबसे कम 50.10 प्रतिशत वोटिंग हुई। मनसा में 73.45%, मलेरकोटला में 72.84%, पटियाला में 62.10%, अमृतसर पूर्व में 59.77%, जलालाबाद में 80.10%, लंबी में 72%, धुरी में 78.89%, भदौर में 70% वोटिंग हुई।
पंजाब में बहुकोणीय मुकाबला
इस चुनाव में पंजाब में इस बार कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), शिरोमणि अकाली दल-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी-पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी के गठबंधन के साथ बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।
कांग्रेस ने बहुमत का किया दावा
आंकड़ों पर गौर करें तो मालवा क्षेत्र में आने वाले कई जिलों में 65 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। इस क्षेत्र में 117 में से 69 सीटें आती हैं। अमृतसर के कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा, ‘पंजाब चुनाव रिजल्ट आने के बाद कांग्रेस के अलावा, अन्य कोई दल सरकार नहीं बना पाएंगे क्योंकि कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने वाला है। कम मतदान यह दिखाता है कि कांग्रेस को फायदा होने वाला है।’
कांग्रेस ने बताया यह समीकरण
चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी करते हुए औजला ने कहा कि अकाली दल को 20 से 25 सीटें मिल सकती हैं जबकि भाजपा को एक या दो सीटें मिल सकती हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) भी करीब 20 से 25 सीटें जीत सकती है। औजला ने कहा कि माझा क्षेत्र में 25 सीटें हैं जिनमें कांग्रेस पार्टी 15 से अधिक सीटें जीतने जा रही है। इस तरह कांग्रेस पार्टी पूरे पंजाब में 65 से 70 सीटें जीतने जा रही है।
‘कांग्रेस का वोट कैडर आधारित‘
औजला के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी मालवा क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करेगी क्योंकि मतदाता 4-5 भागों में बंटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि डेरा सच्चा सौदा (DSS) के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को जमानत मिलने से बीजेपी को वोट मिलेगा। कुछ वोट संयुक्त किसान मोर्चा में गिर गए होंगे जबकि कुछ अकाली दल और आम आदमी पार्टी को भी मिले होंगे। लेकिन कांग्रेस के पास कैडर आधारित वोट है।
बन रहे ये समीकरण
मालवा की 69 सीटों में से 40 से ज्यादा सीटों पर डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव रहता है। डेरे से निर्देश पर अनुयायी एकजुट होकर वोट करते हैं। मालवा में 15 जिले ऐसे हैं जहां हर बार ज्यादा वोटिंग होती है। पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 में आम आदमी पार्टी को इसी क्षेत्र से ज्यादा सीटें मिली थीं। पिछले चुनाव में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और ड्रग्स का मुद्दा था। लोग कांग्रेस से नाराज थे और आप को खूब वोट किया था। इस बार कांग्रेस सरकार से लोगों की खास नाराजगी नहीं है। ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस और आप के बीच ही मुकाबला है, लेकिन डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के बीजेपी को वोट देने के बाद यहां का समीकरण बिगड़ सकता है।
पंजाब चुनाव
पंजाब में कहां पड़े कितने पर्सेंट वोट
तलवंडी साबो विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 83.67 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि अमृतसर पश्चिम सीट में सबसे कम 50.10 प्रतिशत वोटिंग हुई। मनसा में 73.45%, मलेरकोटला में 72.84%, पटियाला में 62.10%, अमृतसर पूर्व में 59.77%, जलालाबाद में 80.10%, लंबी में 72%, धुरी में 78.89%, भदौर में 70% वोटिंग हुई।
पंजाब में बहुकोणीय मुकाबला
इस चुनाव में पंजाब में इस बार कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), शिरोमणि अकाली दल-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी-पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी के गठबंधन के साथ बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।
कांग्रेस ने बहुमत का किया दावा
आंकड़ों पर गौर करें तो मालवा क्षेत्र में आने वाले कई जिलों में 65 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। इस क्षेत्र में 117 में से 69 सीटें आती हैं। अमृतसर के कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा, ‘पंजाब चुनाव रिजल्ट आने के बाद कांग्रेस के अलावा, अन्य कोई दल सरकार नहीं बना पाएंगे क्योंकि कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने वाला है। कम मतदान यह दिखाता है कि कांग्रेस को फायदा होने वाला है।’
कांग्रेस ने बताया यह समीकरण
चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी करते हुए औजला ने कहा कि अकाली दल को 20 से 25 सीटें मिल सकती हैं जबकि भाजपा को एक या दो सीटें मिल सकती हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) भी करीब 20 से 25 सीटें जीत सकती है। औजला ने कहा कि माझा क्षेत्र में 25 सीटें हैं जिनमें कांग्रेस पार्टी 15 से अधिक सीटें जीतने जा रही है। इस तरह कांग्रेस पार्टी पूरे पंजाब में 65 से 70 सीटें जीतने जा रही है।
‘कांग्रेस का वोट कैडर आधारित‘
औजला के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी मालवा क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करेगी क्योंकि मतदाता 4-5 भागों में बंटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि डेरा सच्चा सौदा (DSS) के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को जमानत मिलने से बीजेपी को वोट मिलेगा। कुछ वोट संयुक्त किसान मोर्चा में गिर गए होंगे जबकि कुछ अकाली दल और आम आदमी पार्टी को भी मिले होंगे। लेकिन कांग्रेस के पास कैडर आधारित वोट है।
बन रहे ये समीकरण
मालवा की 69 सीटों में से 40 से ज्यादा सीटों पर डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव रहता है। डेरे से निर्देश पर अनुयायी एकजुट होकर वोट करते हैं। मालवा में 15 जिले ऐसे हैं जहां हर बार ज्यादा वोटिंग होती है। पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 में आम आदमी पार्टी को इसी क्षेत्र से ज्यादा सीटें मिली थीं। पिछले चुनाव में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और ड्रग्स का मुद्दा था। लोग कांग्रेस से नाराज थे और आप को खूब वोट किया था। इस बार कांग्रेस सरकार से लोगों की खास नाराजगी नहीं है। ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस और आप के बीच ही मुकाबला है, लेकिन डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के बीजेपी को वोट देने के बाद यहां का समीकरण बिगड़ सकता है।
पंजाब चुनाव