PSL 2023: कंगाली की हालत में खतरे में पड़ा पीएसएल का आयोजन, सरकार और पीसीबी के बीच मचा घमासान

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PSL 2023: कंगाली की हालत में खतरे में पड़ा पीएसएल का आयोजन, सरकार और पीसीबी के बीच मचा घमासान


PSL 2023: कंगाली की हालत में खतरे में पड़ा पीएसएल का आयोजन, सरकार और पीसीबी के बीच मचा घमासान

कराची: पाकिस्तान की तंगहाली का असर अब वहां के क्रिकेट पर दिखने लगा है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड एक तरफ देश में क्रिकेट को पूरी तरह से बहाल करने के लिए एड़ी चोटी का जोड़ लगा रहा है तो दूसरी ओर यहां की चरमराई अर्थव्यवस्था के कारण उसकी सारी मेहनत पर पानी फिरता हुआ दिख रहा है। दरअसल एक रिपोर्ट के मुताबिक के आर्थिक तंगी के कारण देश में खेले जा रहे पाकिस्तान सुपर लीग के सभी मैचों को अब एक ही वेन्यू कराची में आयोजित कराया जाएगा। पीएसएल के शेड्यूल की जब घोषणा की गई थी तो कराची के अलावा मुल्तान, लाहौर और रावलपिंडी का भी नाम शामिल था।

दरअसल पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और पंजाब प्रांत के सरकार के साथ पैसों को लेकर विवाद हो गया है, जिसके कारण अब मुल्तान, लाहौर और रावलपिंडी के सभी मैचों को कराची में शिफ्ट किया जा सकता है। शुक्रवार को फ्रेंचाइजियों के साथ इस मुद्दे पर एक बैठक होनी थी जिसके बाद वेन्यू को बदलने का अंतिम फैसला लिया जाना था।

क्या है पूरा विवाद

दरअसल पाकिस्तान सुपर लीग को लेकर पूरा विवाद यह है कि टूर्नामेंट की मेजबानी की सुरक्षा में आने वाली लागत को कैसे बांटा जाए। पंजाब सरकार ने पीसीबी से लाहौर और रावलपिंडी में टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए सुरक्षा लागत में 450 मिलियन पाकिस्तानी रुपए के भुगतान की मांग की है। उस राशि में मुल्तान में मैचों की मेजबानी के लिए सरकार द्वारा वहन की जाने वाली लागत भी शामिल है।

वहीं पाकिस्तान की पिछली सरकार के साथ सिर्फ 50 मिलियन पाकिस्तानी रुपए के भुगतान का समझौता था। ऐसे में पंजाब सरकार जिस रकम की मांग की है पीसीबी के लिए उसका भुगतान करना काफी मुश्किल हो सकता है।

सुरक्षाकर्मियों को खानपान में भी हो रही है दिक्कत

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार सिंध सरकार को सुरक्षा लागत का एक हिस्सा देने की आवश्यकता नहीं है और केवल सुरक्षा कर्मियों को खानपान के लिए पारिश्रमिक की आवश्यकता है, जिसका कुल खर्च लगभग 30 मिलियन पाकिस्तानी रुपया है लेकिन सरकार ने जैसे ही पुराने समझौता को रद्द किया उसके कारण पीसीबी के सामने अब नई मुसीबत खड़ी हो गई है।

पीसीबी पुराने समझौते के मुताबिक खानपान का वहन करने के लिए तैयार है जबकि सुरक्षा के लिए नए बिल के प्रस्ताव को वह नहीं मान रही है। पीसीबी मानती है कि सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी स्थानीय सरकार की है। पीसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने पहले भी प्रांत में क्रिकेट की मेजबानी के लिए सुरक्षा जिम्मा उठाया था। दूसरी ओर इस पूरे मामले पर पीसीबी और पीएसएल फ्रेंचाइजी के बीच बातचीत जारी है कैसे इसका समाधान किया जाए।

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