कई महिलाएं अक्सर पीरियड्स में होने वाली परेशानियों को नजर अंदाज करती है. शायद ही महिला यह जानती होगी कि इनकी यह आदत एक गंभीर रोग का शिकार बना सकती है. नार्थ अमेरिकान मेनोपॉज सोसाइटी के मेडिकल निदेशक स्टेफनीन फ्यूबियन का यही कहना है.
बता दें कि अगर किसी भी लड़की को 14 साल या उससे पहले ही मासिक होना शुरू हो जाता है, तो उसे डायबिटीज का खतररा बहुत अधिक बना रहता है. हालांकि कुछ मामलों में यह शरीर के बीएमआई पर भी निर्भर करता है.
यही नहीं भारत में डायबिटीज से पीड़ित 25 साल से कम उम्र के हर चौथे व्यक्ति में से एक में मधुमेह की शिकायत होती है.
रिसर्च में के दौरान पता चला है कि विटामिन-सी टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों के रक्तचाप को कम करने में मददगार होता है. जिस वजह से व्यक्ति का दिल स्वास्थ्य बना रहता है.
किसी भी लड़की को मानसिक जल्दी होन मधुमेह की दूसरी बीमारी से जुड़ी हुई है जो जानलेवा भी हो सकती है, लेकिन बॉडी मास इंडेक्स इसमें रोकथाम कर सकता है. मेनोपॉज जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार पीरियड्स में हर साल की देरी टाइप-2 मधुमेह का जोखिम छह फीसदी कम होता है.
नार्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसाइटी के मेडिकल निदेशक स्टेफनीन फ्यूबियन ने कहा कि पीरियड्स की शुरुआत ही जीवन के मधुमेह से जुड़ा है, यह वयस्क के बीएमआई से भी प्रभावित होता है. “स्टेफनीन फ्यूबियन ने कहा कि बचपन में दूसरे कारक जैसे पोषण व बीएमआई भी इसके जुड़ाव में मुख्य भूमिका निभाते हैं.”
यह भी पढ़ें : ये 7 तरह के KISS आपके रिलेशनशिप को बनाते है मजबूत
टाइप-2 मधुमेह दुनिया भर में सबसे आम बीमारियों में एक बन गया है. 2015 में इससे वैश्विक रूप से 20 से 79 की आयु के 8.8 फीसदी लोग प्रभावित थे और 2040 तक इससे 10.4 फीसदी लोगों के प्रभावित होने की संभावना है.