PM Kisan योजना में मिले सारे पैसे करने पड़ेंगे वापस, ₹416 करोड़ वसूल चुकी है सरकार – News4Social h3>
Photo:PIXABAY 416 करोड़ रुपये वसूल चुकी है सरकार
PM Kisan Yojana: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने फरवरी 2019 में पीएम किसान योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत देश के सभी पात्र किसानों को हर साल 2000 रुपये की 3 किस्तों के रूप में कुल 6000 रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है। केंद्र सरकार ने इस योजना को किसानों को सशक्त बनाने के लिए शुरू किया गया था। हालांकि, सरकार लगातार इस योजना का गलत तरीका से फायदा उठा रहे लोगों की निगरानी कर रही है। केंद्र सरकार उन सभी किसानों से योजना के तहत दिए गए पैसे वापस ले रही है, जो इस योजना के तहत पात्र नहीं है।
416 करोड़ रुपये वसूल चुकी है सरकार
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उच्च आय वर्ग जैसे आयकर दाता, सरकारी कंपनी के कर्मचारी, राज्य/केंद्र सरकार, संवैधानिक पद धारकों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं और ऐसे सभी अपात्र किसानों को योजना के तहत दिए गए पैसों की अनिवार्य रूप से वसूली करने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, देशभर में अभी तक अपात्र किसानों से 416 करोड़ रुपये की राशि वसूल की जा चुकी है। 12वीं से 15वीं किस्त तक भूमि बीजारोपण, आधार-आधारित भुगतान और ई-केवाईसी को अनिवार्य बना दिया गया है।
किन किसानों से वसूले जाएंगे पैसे
सरकार ने कहा है कि जिन किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर है, उन्हें योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। ऐसे सभी किसान इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे। सरकार ने ऐसे सभी लोगों की एक लिस्ट जारी की है। अगर इन लोगों ने योजना के तहत कोई भी राशि प्राप्त की होगी, उन्हें वो सारे पैसे वापस करने होंगे।
संस्थागत जमीन के मालिक
संवैधानिक पदों पर बैठे या पहले बैठ चुके लोग
पूर्व और मौजूदा मंत्री, नगर निगमों के वर्तमान मेयर, जिला पंचायतों के पूर्व और मौजूदा अध्यक्ष
केंद्र या राज्य सरकार के मंत्रालयों/कार्यालयों/विभागों और इसकी क्षेत्रीय इकाइयों के सरकारी अधिकारी या कर्मचारी
सरकारी नौकरी से रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी
स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारी (मल्टी टास्किंग स्टाफ/श्रेणी IV/समूह D कर्मचारियों को छोड़कर)
सभी पेंशनर्स, जिनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपये या उससे ज्यादा है (मल्टी टास्किंग स्टाफ/श्रेणी IV/समूह D कर्मचारियों को छोड़कर)
टैक्सपेयर्स
पंजीकृत डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर जो प्रैक्टिस करके अपना पेशा चला रहे हैं।