PM मोदी को इंतजार कराने वाले ममता के सलाहकार अलापन बंद्योपाध्याय पर यह एक्शन लेगी केंद्र सरकार h3>
पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय पर केंद्र सरकार ने एक्शन लेने का फैसला लिया है। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय की ओर से उन्हें यह जानकारी दी गई है। मुख्य सचिव के पद से इस्तीफा देकर ममता बनर्जी के सलाहकार बने अलापन के खिलाफ ऑल इंडिया सर्विसेज के रूल्स के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कार्मिक मंत्रालय ने अलापन से कहा है कि वह अपने बचाव में लिखित बयान सौंप सकते हैं। इसके अलावा यदि वह निजी तौर पर अपना पक्ष रखने का मौका चाहते हैं तो उसके बार में भी 30 दिनों के अंदर जानकारी दे सकते हैं। यही नहीं मंत्रालय ने कहा है कि यदि अलापन की ओर से इस नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया जाता है तो फिर जांच आयोग उनके खिलाफ एकतरफा फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है।
दरअसल यास चक्रवात आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी समीक्षा बैठक के लिए बंगाल पहुंचे थे। इस मीटिंग में पीएम मोदी को आधे घंटे तक सीएम ममता बनर्जी का इंतजार करना पड़ा था। तब राज्य के मुख्य सचिव रहे अलापन बंद्योपाध्याय भी बैठक में देरी से पहुंचे थे।। उसके बाद केंद्र सरकार ने अलापन बंद्योपाध्याय को दिल्ली तलब किया था और उनका केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर ट्रांसफर किया गया था।
इस आदेश के बाद भी उन्होने दिल्ली रिपोर्ट नहीं किया था और उलटे ममता बनर्जी के साथ मीटिंग्स में हिस्सा लेते रहे। इसके बाद अलापन ने पद से ही इस्तीफा दे दिया और ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार बन गए। अलापन का कार्यकाल 31 मई को ही समाप्त हो रहा था, लेकिन उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया था। हालांकि ट्रांसफर के आदेश पर उन्होंने दिल्ली जाने की बजाय पद से ही इस्तीफा दे दिया और ममता बनर्जी के सलाहकार बन गए। उनके इस कदम को केंद्र सरकार ने अनुशासन के खिलाफ माना है।
Department of Personnel and Training has informed former West Bengal chief secretary Alapan Bandyopadhyay (in file pic) that Central Govt proposes to hold major penalty proceedings against him under All India Services (Discipline and Appeal) Rules pic.twitter.com/ejl0T2ftqZ
— ANI (@ANI) June 21, 2021
बता दें कि इस प्रकरण के बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग ने एक आदेश जारी किया है। इसके तहत किसी भी अधिकारी को रिटायरमेंट के बाद नई भर्ती पर लिए जाने से पहले संबंधित विभाग को केंद्रीय सतर्कता आयोग से क्लियरेंस लेना अनिवार्य हो जाएगा। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय को जब केंद्र सरकार ने वापस बुलाया था तो उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया. जिसके बाद उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया गया।
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पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय पर केंद्र सरकार ने एक्शन लेने का फैसला लिया है। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय की ओर से उन्हें यह जानकारी दी गई है। मुख्य सचिव के पद से इस्तीफा देकर ममता बनर्जी के सलाहकार बने अलापन के खिलाफ ऑल इंडिया सर्विसेज के रूल्स के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कार्मिक मंत्रालय ने अलापन से कहा है कि वह अपने बचाव में लिखित बयान सौंप सकते हैं। इसके अलावा यदि वह निजी तौर पर अपना पक्ष रखने का मौका चाहते हैं तो उसके बार में भी 30 दिनों के अंदर जानकारी दे सकते हैं। यही नहीं मंत्रालय ने कहा है कि यदि अलापन की ओर से इस नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया जाता है तो फिर जांच आयोग उनके खिलाफ एकतरफा फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है।
दरअसल यास चक्रवात आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी समीक्षा बैठक के लिए बंगाल पहुंचे थे। इस मीटिंग में पीएम मोदी को आधे घंटे तक सीएम ममता बनर्जी का इंतजार करना पड़ा था। तब राज्य के मुख्य सचिव रहे अलापन बंद्योपाध्याय भी बैठक में देरी से पहुंचे थे।। उसके बाद केंद्र सरकार ने अलापन बंद्योपाध्याय को दिल्ली तलब किया था और उनका केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर ट्रांसफर किया गया था।
इस आदेश के बाद भी उन्होने दिल्ली रिपोर्ट नहीं किया था और उलटे ममता बनर्जी के साथ मीटिंग्स में हिस्सा लेते रहे। इसके बाद अलापन ने पद से ही इस्तीफा दे दिया और ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार बन गए। अलापन का कार्यकाल 31 मई को ही समाप्त हो रहा था, लेकिन उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया था। हालांकि ट्रांसफर के आदेश पर उन्होंने दिल्ली जाने की बजाय पद से ही इस्तीफा दे दिया और ममता बनर्जी के सलाहकार बन गए। उनके इस कदम को केंद्र सरकार ने अनुशासन के खिलाफ माना है।
Department of Personnel and Training has informed former West Bengal chief secretary Alapan Bandyopadhyay (in file pic) that Central Govt proposes to hold major penalty proceedings against him under All India Services (Discipline and Appeal) Rules pic.twitter.com/ejl0T2ftqZ
— ANI (@ANI) June 21, 2021
बता दें कि इस प्रकरण के बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग ने एक आदेश जारी किया है। इसके तहत किसी भी अधिकारी को रिटायरमेंट के बाद नई भर्ती पर लिए जाने से पहले संबंधित विभाग को केंद्रीय सतर्कता आयोग से क्लियरेंस लेना अनिवार्य हो जाएगा। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय को जब केंद्र सरकार ने वापस बुलाया था तो उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया. जिसके बाद उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया गया।