Petrol-diesel price today: होने वाली है डीजल की भारी किल्लत! इस कंपनी ने आधी की सप्लाई h3>
नई दिल्ली: देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के पेट्रोल पंपों पर जल्दी ही डीजल (diesel) की भारी किल्लत हो सकती है। मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की अगुवाई वाली इस कंपनी ने अपने डीलरों को डीजल की सप्लाई में 50 फीसदी कटौती के लिए तैयार रहने को कहा है। जानकारों का कहना है कि कंपनी को एक लीटर डीजल की बिक्री पर 10 से 12 रुपये का भारी नुकसान हो रहा है। रिलायंस बेहतर मुनाफे के लिए यूरोपीय देशों को सप्लाई बढ़ी सकती है जहां रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सप्लाई पर असर पड़ा है।
सूत्रों ने ईटी को बताया कि रिलायंस की बुधवार रात हुई बैठक में गुरुवार से डीजल की आपूर्ति आधा करने का फैसला किया गया। जियो-बीपी के एक डीलर ने कहा, ‘मेरे एरिया मैनेजर ने कल रात मुझे बताया कि रिलायंस डीजल की सप्लाई आधी करने जा रही है। यानी दिसंबर, 2021 में मैंने जितना डीजल बेचा, अब उसका आधा ही मिलेगा। वे दिसंबर की बिक्री को बेंचमार्क मान रहे हैं। उसके बाद कोरोना के ओमीक्रोन वैरिएंट के कारण बिजनस प्रभावित हुआ था।’
देशभर में 1400 पेट्रोल पंप
रिलायंस देशभर में जियो-बीपी ब्रांड नाम से पेट्रोल पंप चलाती है। यह बीपी-रिलायंस बीपी मोबिलिटी लिमिटेड (RBML) का हिस्सा है। इसका गठन 2020 में हुआ था। बीपी (BP) ने 7,000 करोड़ रुपये में इसमें 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। अभी इसके देशभर में 1400 पेट्रोल पंप हैं लेकिन कंपनी की योजना इस संख्या को 5,500 के पार पहुंचाने की है। इसके लिए कंपनी ने 3,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है।
एक अन्य डीलर ने कहा कि गुरुवार को उनके डीजल के ट्रक डिस्पेंसिंग स्टेशन से खाली लौटे। उसने कहा, ‘हमारे एरिया मैनेजर ने कहा है कि किसी भी ग्राहक को ज्यादा डीजल नहीं बेचने को कहा है क्योंकि सप्लाई कम की जा रही है। यह पहला मौका नहीं है जब रिलायंस ऐसा कर रही है। इससे पहले 2006, 2009, 2012 और 2014 में भी ऐसा हो चुका है।’
यूरोपीय देशों का निर्यात
इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि रिलायंस यूरोपीय देशों को डीजल का निर्यात बढ़ा सकती है क्योंकि उसे इसका ज्यादा फायदा होगा। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यूरोपीय देशों को सप्लाई प्रभावित हुई है। एक ऑयल मार्केटिंग कंपनी के सीनियर अधिकारी ने कहा कि रिलायंस का ज्यादा जोर निर्यात पर रहता है। यूरोप और अमेरिका का पूर्वी प्रांत उसके बड़े कस्टमर हैं। अगर घरेलू स्तर पर कीमतें बढ़ती हैं तब भी यह एक्सपोर्ट मार्जिन से ज्यादा फायदा होगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में भारी बढ़ोतरी हुई है लेकिन देश में दिवाली के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इससे तेल कंपनियों को एक लीटर पेट्रोल और डीजल पर 25 रुपये तक का नुकसान हो रहा है। चार नवंबर में कच्चे तेल की कीमत 83 डॉलर प्रति बैरल थी जो इस समय 99.15 डॉलर प्रति बैरल है। इस बीच सात मार्च को यह 139 डॉलर पहुंच गई थी। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 95.41 रुपये और डीजल 86.67 रुपये लीटर है।
रिलायंस की गुजरात में दो रिफाइनरी हैं जहां रोजाना 13.6 लाख बैरल कच्चे तेल की प्रोसेसिंग होती है। कंपनी का ज्यादा जोर निर्यात पर होता है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद एशियाई रिफाइनरीज के लिए यूरोप आकर्षक मार्केट बनकर उभरा है। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस से कच्चे तेल के आयात पर पाबंदी लगा दी है।
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सूत्रों ने ईटी को बताया कि रिलायंस की बुधवार रात हुई बैठक में गुरुवार से डीजल की आपूर्ति आधा करने का फैसला किया गया। जियो-बीपी के एक डीलर ने कहा, ‘मेरे एरिया मैनेजर ने कल रात मुझे बताया कि रिलायंस डीजल की सप्लाई आधी करने जा रही है। यानी दिसंबर, 2021 में मैंने जितना डीजल बेचा, अब उसका आधा ही मिलेगा। वे दिसंबर की बिक्री को बेंचमार्क मान रहे हैं। उसके बाद कोरोना के ओमीक्रोन वैरिएंट के कारण बिजनस प्रभावित हुआ था।’
देशभर में 1400 पेट्रोल पंप
रिलायंस देशभर में जियो-बीपी ब्रांड नाम से पेट्रोल पंप चलाती है। यह बीपी-रिलायंस बीपी मोबिलिटी लिमिटेड (RBML) का हिस्सा है। इसका गठन 2020 में हुआ था। बीपी (BP) ने 7,000 करोड़ रुपये में इसमें 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। अभी इसके देशभर में 1400 पेट्रोल पंप हैं लेकिन कंपनी की योजना इस संख्या को 5,500 के पार पहुंचाने की है। इसके लिए कंपनी ने 3,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है।
एक अन्य डीलर ने कहा कि गुरुवार को उनके डीजल के ट्रक डिस्पेंसिंग स्टेशन से खाली लौटे। उसने कहा, ‘हमारे एरिया मैनेजर ने कहा है कि किसी भी ग्राहक को ज्यादा डीजल नहीं बेचने को कहा है क्योंकि सप्लाई कम की जा रही है। यह पहला मौका नहीं है जब रिलायंस ऐसा कर रही है। इससे पहले 2006, 2009, 2012 और 2014 में भी ऐसा हो चुका है।’
यूरोपीय देशों का निर्यात
इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि रिलायंस यूरोपीय देशों को डीजल का निर्यात बढ़ा सकती है क्योंकि उसे इसका ज्यादा फायदा होगा। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यूरोपीय देशों को सप्लाई प्रभावित हुई है। एक ऑयल मार्केटिंग कंपनी के सीनियर अधिकारी ने कहा कि रिलायंस का ज्यादा जोर निर्यात पर रहता है। यूरोप और अमेरिका का पूर्वी प्रांत उसके बड़े कस्टमर हैं। अगर घरेलू स्तर पर कीमतें बढ़ती हैं तब भी यह एक्सपोर्ट मार्जिन से ज्यादा फायदा होगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में भारी बढ़ोतरी हुई है लेकिन देश में दिवाली के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इससे तेल कंपनियों को एक लीटर पेट्रोल और डीजल पर 25 रुपये तक का नुकसान हो रहा है। चार नवंबर में कच्चे तेल की कीमत 83 डॉलर प्रति बैरल थी जो इस समय 99.15 डॉलर प्रति बैरल है। इस बीच सात मार्च को यह 139 डॉलर पहुंच गई थी। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 95.41 रुपये और डीजल 86.67 रुपये लीटर है।
रिलायंस की गुजरात में दो रिफाइनरी हैं जहां रोजाना 13.6 लाख बैरल कच्चे तेल की प्रोसेसिंग होती है। कंपनी का ज्यादा जोर निर्यात पर होता है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद एशियाई रिफाइनरीज के लिए यूरोप आकर्षक मार्केट बनकर उभरा है। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस से कच्चे तेल के आयात पर पाबंदी लगा दी है।
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