Petrol Diesel Price Effect: प्लेन टिकट तो महंगे हो गए, क्या अब बस और ट्रेन का बढ़ेगा किराया? h3>
नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई (Russia-Ukraine War) के कारण कच्चा तेल (Crude) भड़का हुआ है। हाल में इसकी कीमत 139 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी जो 2008 के बाद इसका उच्चतम स्तर है। कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी का चौतरफा असर देखने को मिल रहा है। विमान ईंधन यानी एटीएफ की कीमत में हाल में 18 फीसदी बढ़ोतरी की गई थी। पेट्रोल और डीजल भी पिछले चार दिन में 2.40 रुपये महंगा हो चुका है। एलपीजी सिलेंडर 50 रुपये महंगा हुआ है जबकि सीएनजी-पीएनजी के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है।
सरकार ने विमान ईंधन यानी एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) की कीमत में 18 फीसदी बढ़ोतरी की थी जिससे एक झटके में इसकी कीमत करीब 18 हजार रुपये प्रति किलोलीटर बढ़ गई। इससे देश में कई रूट्स पर हवाई किराया करीब दोगुना हो गया है। किसी भी विमानन कंपनी की परिचालन लागत में एटीएफ की करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी होती है। यही वजह है कि एटीएफ की कीमत बढ़ने से हवाई किराया बढ़ता है। एटीएफ की कीमत में ताजा बढ़ोतरी के बाद कोलकाता में यह सबसे महंगा हो गया है।
दोगुना हो गया हवाई टिकट
एटीएफ की कीमत में बढ़ोतरी से देश में हवाई किराए में भी जबरदस्त तेजी आई है। कई रूट्स पर 15 दिन पहले की तुलना में अब किराया दोगुना हो गया है। दिल्ली-पटना का न्यूनतम किराया 15 दिन पहले जहां 2,000 रुपये था, वह अब बढ़कर 4,274 रुपये हो गया है। इसी तरह पटना-दिल्ली रूट पर न्यूनतम किराया 2100 रुपये से बढ़कर 4361 रुपये हो गया है। दिल्ली-मुंबई रूट पर 15 दिन पहले न्यूनतम हवाई किराया 15 दिन पहले 2800 रुपये था जो अब 4800 रुपये पहुंच गया है।
ट्रेन का किराया
हाल में थोक खरीदारों के लिए डीजल की कीमत में प्रति लीटर 25 रुपये का इजाफा किया गया था। रेलवे डीजल के बड़े थोक खरीदारों में शामिल है। रेलवे में रोजाना 65 लाख लीटर डीजल की खपत होती है। सूत्रों के मुताबिक इस बढ़ोतरी से रेलवे का रोजाना का डीजल बिल 16 करोड़ रुपये बढ़ गया है। यानी रेलवे को डीजल पर हर महीने 480 करोड़ रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। लेकिन सूत्रों के मुताबिक रेलवे की फिलहाल किराया बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। कोरोना काल में रेलवे का परिचालन बंद रहा था लेकिन अब स्थिति काफी हद तक सामान्य हो चुकी है।
बस किराया
रोडवेज भी डीजल के बड़े थोक खरीदारों में शामिल है। साथ ही रोडवेज की बसें पेट्रोल पंप से भी डीजल भरवाती हैं। डीजल की खुदरा कीमत में पिछले चार दिनों में 2.40 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है। जानकारों के मुताबिक डीजल की कीमत में 13.1 रुपये से 24.9 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो रोडवेज का किराया बढ़ना तय है। अधिक राज्यों की रोडवेज की हालत खराब है और वे डीजल की बढ़ी कीमत का बोझ लेने की स्थिति में नहीं हैं। यही वजह है कि देरसबेर रोडवेज का किराया बढ़ना तय है।
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सरकार ने विमान ईंधन यानी एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) की कीमत में 18 फीसदी बढ़ोतरी की थी जिससे एक झटके में इसकी कीमत करीब 18 हजार रुपये प्रति किलोलीटर बढ़ गई। इससे देश में कई रूट्स पर हवाई किराया करीब दोगुना हो गया है। किसी भी विमानन कंपनी की परिचालन लागत में एटीएफ की करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी होती है। यही वजह है कि एटीएफ की कीमत बढ़ने से हवाई किराया बढ़ता है। एटीएफ की कीमत में ताजा बढ़ोतरी के बाद कोलकाता में यह सबसे महंगा हो गया है।
दोगुना हो गया हवाई टिकट
एटीएफ की कीमत में बढ़ोतरी से देश में हवाई किराए में भी जबरदस्त तेजी आई है। कई रूट्स पर 15 दिन पहले की तुलना में अब किराया दोगुना हो गया है। दिल्ली-पटना का न्यूनतम किराया 15 दिन पहले जहां 2,000 रुपये था, वह अब बढ़कर 4,274 रुपये हो गया है। इसी तरह पटना-दिल्ली रूट पर न्यूनतम किराया 2100 रुपये से बढ़कर 4361 रुपये हो गया है। दिल्ली-मुंबई रूट पर 15 दिन पहले न्यूनतम हवाई किराया 15 दिन पहले 2800 रुपये था जो अब 4800 रुपये पहुंच गया है।
ट्रेन का किराया
हाल में थोक खरीदारों के लिए डीजल की कीमत में प्रति लीटर 25 रुपये का इजाफा किया गया था। रेलवे डीजल के बड़े थोक खरीदारों में शामिल है। रेलवे में रोजाना 65 लाख लीटर डीजल की खपत होती है। सूत्रों के मुताबिक इस बढ़ोतरी से रेलवे का रोजाना का डीजल बिल 16 करोड़ रुपये बढ़ गया है। यानी रेलवे को डीजल पर हर महीने 480 करोड़ रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। लेकिन सूत्रों के मुताबिक रेलवे की फिलहाल किराया बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। कोरोना काल में रेलवे का परिचालन बंद रहा था लेकिन अब स्थिति काफी हद तक सामान्य हो चुकी है।
बस किराया
रोडवेज भी डीजल के बड़े थोक खरीदारों में शामिल है। साथ ही रोडवेज की बसें पेट्रोल पंप से भी डीजल भरवाती हैं। डीजल की खुदरा कीमत में पिछले चार दिनों में 2.40 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है। जानकारों के मुताबिक डीजल की कीमत में 13.1 रुपये से 24.9 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो रोडवेज का किराया बढ़ना तय है। अधिक राज्यों की रोडवेज की हालत खराब है और वे डीजल की बढ़ी कीमत का बोझ लेने की स्थिति में नहीं हैं। यही वजह है कि देरसबेर रोडवेज का किराया बढ़ना तय है।
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