Petrol-Diesel की कीमतों में भारी बढ़ोतरी की आशंका से हैं परेशान? आ गई है आपके लिए राहत भरी खबर

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Petrol-Diesel की कीमतों में भारी बढ़ोतरी की आशंका से हैं परेशान? आ गई है आपके लिए राहत भरी खबर

Petrol-Diesel की कीमतों में भारी बढ़ोतरी की आशंका से हैं परेशान? आ गई है आपके लिए राहत भरी खबर

नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol Diesel Prices) में भारी बढ़ोतरी की आशंका से परेशान ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर है। रूस-यूक्रेन की लड़ाई (Russia Ukraine War) के चलते 130 डॉलर के पार चला गया क्रूड ऑयल का दाम अब गिरकर 100 डॉलर के नीचे आ गया है। मंगलवार को वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम में अच्छी-खासी गिरावट देखी गई है। मंगलवार रात क्रूड ऑयल डब्ल्यूटीआई (Crude Oil WTI) 6.14 फीसद या 6.32 डॉलर की गिरावट के साथ 96.67 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड करता दिखाई दिया। वहीं, ब्रेंट क्रूड भी भारी गिरावट के साथ 98.20 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड करता दिखाई दिया।

कंपनियों से कम हुआ मार्जिन दबाव

क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट से खुदरा तेल कंपनियों (Retail Oil Companies) पर मार्जिन दबाव (Margin Pressure) कम हुआ है। गौरतलब है कि कंपनियों ने कच्चे तेल की लागत बढ़ने के बावजूद पिछले साल दिवाली से ही पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए हैं। इससे सरकारी तेल कंपनियों को काफी नुकसान हो रहा है। हालांकि, अब कच्चे तेल के दाम कम हो रहे हैं, तो तेल कंपनियां कुछ राहत की सांस ले सकती हैं। बता दें कि ब्रेंट क्रूड मंगलवार को सात प्रतिशत नीचे आ गया। इससे पहले सात मार्च को यह 14 साल के उच्च स्तर 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था।Ceasefire between Ukraine and Russia

इसलिए सस्ता हुआ कच्चा तेल
बाजार पर चीन में कोरोना वायरस महामारी (Corona Cirus Pandemic) के बढ़ते मामलों का असर हुआ है। चीन कच्चे तेल का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है, ऐसे में मांग पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसके अलावा यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध विराम को लेकर बातचीत में प्रगति के भी संकेत हैं।
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आयात बिल में नहीं होगी अधिक वृद्धि
भारत के लिये कच्चे तेल के दाम में कमी अच्छी खबर है, क्योंकि इससे दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक देश का आयात बिल कम होगा। उद्योग सूत्रों के अनुसार, इससे सार्वजनिक क्षेत्र की खुदरा तेल कंपनियों पर दबाव भी कम होगा। सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने रिकॉर्ड 131 दिनों तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। कच्चे माल की लागत में 60 प्रतिशत से अधिक के उछाल के बावजूद कीमतें जस-की-तस हैं।

चुनाव बाद कीमतें बढ़ने की थीं आशंका
ऐसी आशंका थी कि कंपनियां उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के पिछले सप्ताह पूरा होने के बाद ईंधन के दाम बढ़ा सकती हैं। लेकिन उन्होंने दाम को बरकरार रखा और विपक्षी दलों को सोमवार से शुरू संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में सरकार को घेरने का मौका नहीं दिया।

पेट्रोलियम कंपनियों के लिये अच्छा संकेत
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कच्चे तेल के दाम में कमी निश्चित रूप से पेट्रोलियम कंपनियों (Petroleum Companies) के लिये अच्छा संकेत है। उन्हें विपणन मार्जिन पर विचार किये बिना पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर 12-13 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा था।’अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम जब 81 डॉलर प्रति बैरल था तब से यानी चार नवंबर से कंपनियों ने दाम नहीं बढ़ाए हैं।

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