Petrol-Diesel: आसमान छूती कीमतों के बावजूद इतना तेल क्यों खरीद रहे लोग? मार्च में 3 साल के उच्च स्तर पर मांग, रिफाइनरीज पर पड़ा बोझ

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Petrol-Diesel: आसमान छूती कीमतों के बावजूद इतना तेल क्यों खरीद रहे लोग? मार्च में 3 साल के उच्च स्तर पर मांग, रिफाइनरीज पर पड़ा बोझ

Petrol-Diesel: आसमान छूती कीमतों के बावजूद इतना तेल क्यों खरीद रहे लोग? मार्च में 3 साल के उच्च स्तर पर मांग, रिफाइनरीज पर पड़ा बोझ

नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Prices) में बढ़ोतरी के बावजूद देश में इन उत्पादों की मांग में इजाफा हुआ है। बढ़ी हुई मांग के चलते रिफाइनरीज (Refineries) को भी अपनी क्षमता से अधिक काम करना पड़ा है। घरेलू और निर्यात बाजार दोनों ही जगह परिवहन ईंधनों की मांग बढ़ी है। इसके तलते भारतीय रिफाइनरीज को मार्च में अपनी क्षमता के 105 फीसद पर परिचालन करना पड़ा है। साल 2021-22 की हम बात करें, तो शुरुआती महीनों में कोरोना की दूसरी लहर के चलते ईंधन की मांग कम रही थी। इसके चलते रिफाइनरीज ने अपनी क्षमता के 97 फीसद पर परिचालन किया था। इससे एक साल पहले यह 89 फीसद रहा था।

ईंधन की मांग 3 साल के उच्च स्तर पर

पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों के बावजूद ईंधन (Fued) की घरेलू मांग मार्च में तीन वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। मांग में एक साल पहले की तुलना में 4.2 फीसद का इजाफा हुआ है। पेट्रोल की बिक्री रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। भारतीय रिफाइनरीज को मिलने वाली विदेशी मांग में भी बढ़ोतरी हुई, क्योंकि यूरोप रूसी तेल के विकल्प देख रहा था और चीन से सप्लाई कमजोर पड़ गई थी। मार्च महीने में देश की रिफाइनरीज ने अपनी क्षमता के 105.5 फीसद पर परिचालन किया है। एक साल पहले की समान अवधि में यह 99 फीसद रहा था। तेल मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी पता लगी है। बता दें कि घरेलू रिफाइनरीज के पास एक साल में 250 मिलियन टन की स्थापित क्षमता है।

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सरकारी रिफाइनरीज ने 114 फीसद पर किया परिचालन

रिफाइनिंग मार्जिंन्स भी हाल ही में तेजी से बढ़े हैं। भारत की सरकारी रिफाइनरीज ने मार्च महीने में अपनी क्षमता के 114 फीसद पर परिचालन किया है। जबकि निजी क्षेत्र की कंपनियों ने अपनी क्षमता के 91 फीसद का उपयोग किया है। रूस की रोसनेफ्ट (Rosneft) समर्थित नायरा एनर्जी ने अपनी गुजरात रिफाइनरी को 99.5 फीसद क्षमता पर संचालित किया।
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रिलायंस की घरेलू इकाई ने 109 फीसद पर किया परिचालन

वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज की घरेलू इकाई ने क्षमता के 109 फीसद पर परिचालन किया। जबकि इसकी आयात आधारिक इकाई ने 69 फीसद क्षमता पर परिचालन किया। इंडियन ऑयल (Indian Oil) की मथुरा वाली इकाई ने क्षमता के 130 फीसद पर और बीपीसीएल (BPCL) की मुंबई इकाई ने क्षमता के 124 फीसद पर परिचालन किया। भारत का क्रूड ऑयल (Crude Oil) उत्पादन साल 2021-22 में एक साल पहले की तुलना में 3 फीसद गिरकर 33.6 मिलियन मीट्रिक टन रहा है। मार्च में भी उत्पादन में 3 फीसद की गिरावट आई है।

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