अयोध्या में विवादित जगह पर अब नमाज नहीं पढ़ी जाएगी, याचिका खारिज

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अयोध्या में विवादित स्थल पर नमाज पढ़ने की याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट नें खारिज कर दिया है। कोर्ट नें याचिका दायर करने वाले संगठन अल-रहमान के ख़िलाफ़ पांच लाख का जुर्माना भी लगाया है और कहा है की इस तरह की याचिका कोर्ट का वक्त ख़राब करने और समाज में नफ़रत फैलाने के लिए डाली जाती है।

नमाज पढ़नें की इजाजत मांगी थी

याचिका डालने वाले संगठन अल-रहमान नें याचिका में कहा है की विवादित जगह का जो हिस्सा हिंदुओं को मिला है वहां पर उन्हें पूजा करने की इजाजत मिली है। जो जगह कोर्ट नें मुसलमानों की दी है वहां पर उन्हें भी नमाज पढ़नें की इजाजत मिलनी चाहिए। लेकिन कोर्ट नें संगठन को फटकार लगाकर याचिका को खारिज कर दिया है।

बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने 30 सितंबर, 2010 को 2:1 के बहुमत वाले फैसले में कहा था कि 2.77 एकड़ जमीन को तीनों पक्षों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान में बराबर-बराबर बांट दी जाए. इस फैसले को किसी भी पक्ष ने नहीं माना और उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई, 2011 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी थी. हालांकि इस मामले से जुड़ी याचिका पर जनवरी में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।