‘केवल एक घाट पर 789 लाशों का अंतिम संस्कार’, बक्सर में मिले शवों को लेकर विरोधाभासी हलफनामे पर पटना हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

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‘केवल एक घाट पर 789 लाशों का अंतिम संस्कार’, बक्सर में मिले शवों को लेकर विरोधाभासी हलफनामे पर पटना हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

‘केवल एक घाट पर 789 लाशों का अंतिम संस्कार’, बक्सर में मिले शवों को लेकर विरोधाभासी हलफनामे पर पटना हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

पटना
बिहार के बक्‍सर में पिछले दिनों गंगा नदी में बहती मिली लाशों को लेकर काफी हंगामा देखने को मिला। बिहार सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इन शवों को उत्तर प्रदेश का बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की। हालांकि, अब बक्सर में मिले शवों को लेकर पटना हाईकोर्ट में सरकार की ओर से पेश किए गए विरोधाभासी हलफनामे पर अधिकारी घिरते दिख रहे हैं। पटना हाईकोर्ट ने बक्सर के पास गंगा में बहती लाशों के आंकड़ों पर संदेह जताया है। हाईकोर्ट ने बक्सर में मौतों की संख्या पर मुख्य सचिव और पटना संभागीय आयुक्त की ओर से दायर विरोधाभासी हलफनामों पर आपत्ति जताई है।

मुख्य सचिव और पटना कमिश्नर की रिपोर्ट में अलग-अलग आंकड़ें
दरअसल, मुख्य सचिव की ओर से हाईकोर्ट में दिए गए जवाब में कहा गया कि कोरोना की दूसरी लहर में एक से 13 मई के बीच बक्सर में सिर्फ छह मौतें हुईं। वहीं, पटना के आयुक्त की रिपोर्ट में कहा गया कि 5 से 14 मई के बीच बक्सर के सिर्फ चारधाम घाट पर ही 789 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इन दोनों रिपोर्ट में नजर आ रहे इसी अंतर पर कोर्ट ने सवाल खड़े किए और 19 मई तक इसे स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।

पटना कमिश्नर के हलफनामे में सामने आए तथ्य परेशान करने वाले
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और जस्टिस एस. कुमार की डिविजन बेंच ने शिवानी कौशिक, रोहित कुमार और गोरव कुमार सिंह की पीआईएल पर सोमवार को सुनवाई की। इस दौरान एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने मुख्य सचिव और पटना आयुक्त की रिपोर्ट पेश की। दोनों के आंकड़े अलग-अलग थे। पटना कमिश्नर के हलफनामे में सामने आए तथ्य परेशान करने वाले थे। सवाल उठा कि अगर दस दिनों में एक घाट पर ही 789 दाह संस्कार किए गए तो पूरे जिले में क्या स्थिति होगी और वह भी सभी धर्मों के लोगों की।

हाईकोर्ट ने सरकार से गुरुवार तक फिर जवाब देने के लिए कहा
पीठ ने मौखिक रूप से महाधिवक्ता ललित किशोर को अधिकारियों की ओर से दिए गए झूठे या अधूरे हलफनामे पर सवाल उठाते हुए फिर से जवाब देने के लिए कहा है। कोर्ट ने बिहार सरकार को जिले में अलग-अलग आयु वर्ग के साथ-साथ कोविड -19 से हुई मौतों की संख्या और अन्य कारणों को स्पष्ट करते हुए गुरुवार को फिर से जवाब देने का निर्देश दिया।

आधिकारिक वेबसाइट पर आंकड़े अपडेट नहीं होने पर उठाए सवाल
कोर्ट ने आधिकारिक वेबसाइट पर मौत और जन्म के आंकड़े दर्ज करने वाले डेटा को अपडेट नहीं करने के लिए भी प्रदेश सरकार की खिंचाई की। आयुक्त के हलफनामे में यह भी उल्लेख किया गया है कि पिछले हफ्ते बक्सर में गंगा नदी से 81 शव बरामद किए गए थे और बाद में उन्हें डीएनए प्रोफाइलिंग और अन्य प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद अंतिम संस्कार किया गया था। इसमें बताया गया कि शव उत्तर प्रदेश से आए थे। इसी के बाद बक्सर जिले में गंगा में तैरते शवों की बरामदगी पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था।

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