नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र इस बार 18 जुलाई से शुरू होकर दस जुलाई तक चलेगा. जिसकी सिफारिश केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के दौरान की गई थी. इस बात की जानकारी आज केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने दी है. इस बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अलावा, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अलावा रामविलास पासवान और प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद रहें. अनंत कुमार ने कहा कि सत्र में करीब 18 कामकाजी दिन होंगे.
बता दें कि कुछ दिनों से विपक्ष के हंगामे की वजह से बजट सत्र पूरी तरह से धुल गया था, जिसके तहत कई अहम बिल पास नहीं हो पाए थे. बजट सत्र में पेट्रोल-डीजल की कीमतों, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जे समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष ने हंगाम प्रदर्शन किया था.
मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण बिलों पर चर्चा
इस बार मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण बिलों पर चर्चा और पास करने को लेकर सरकार की कोशिश रहेगी. इसमें सत्र में ओबीसी के लिए राष्ट्रीय आयोग को संवैधानिक दर्ज का बिल, तीन तलक और ट्रांसजेंडर बिल जैसे चीजों पर देश की नजर रहेगी.
आने वाले आगामी चुनावों को देखते हुए सभी विपक्षी पार्टियों केंद्र सरकार को घेर सकता है. ये ही नहीं मॉनसूत्र सत्र में मोदी सरकार के कई मुद्दों पर आक्रामक तरीके से भी घेरा जा सकता है. इसमें कश्मीर में आतंवादियों द्वारा लगातार हुई घटनाएं, अचानक बीजेपी का सरकार गिराना और राज्य में राज्यपाल शासन लगा देना, जैसी कई अन्य चीजों को लेकर विपक्षी मोदी सरकार पर निशान साधा सकती है.
बजट सत्र में अविश्वास प्रस्ताव की थी तैयारी
बजट सत्र में ही टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास सत्र लाना चाहते थे. लेकिन संसद में विपक्षी दलों के हंगामे के कारण लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सदन में लगातार हंगामे होने का तर्क देते हुए उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया.
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