Pakistan Foreign Exchange Reserve: पाकिस्तान के पास 2 महीने आयात लायक विदेशी मुद्रा, रुपया प्रति डॉलर पहुंचा 200 पर, ऊपर से आग में घी डाल रहे इमरान खान h3>
नई दिल्ली: एक तरफ पाकिस्तान (Pakistan) की हालत श्रीलंका (Sri Lanka) जैसी होती जा रही है, दूसरी ओर पूर्व पीएम इमरान खान मौजूदा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वह लगातार रैलियां कर रहे हैं और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सड़कों पर उतर गई है। ऐसे वक्त में जब पाकिस्तान की हालत पहले से ही बहुत खराब है, विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Foreign Exchange Reserve) खत्म होने के कगार पर है, इमरान खान आग में घी डालने का काम कर रहे हैं।
सिर्फ दो महीने के आयात जितनी बची है विदेशी मुद्रा
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से गिरता जा रहा है। हालात ये हैं कि पाकिस्तान के पास सिर्फ दो महीने के आयात जितनी ही विदेशी मुद्रा बची है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के पास विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 10.3 अरब डॉलर पर आ चुका है। ऐसे में अब ये कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की हालत भी श्रीलंका जैसी हो सकती है और वह भी अपने लोन चुकाने में डिफॉल्ट कर सकता है। अपना विदेशी मुद्रा भंडार और घटने से बचाने के लिए हाल ही में पाकिस्तान ने फोन, शैंपू, पास्ता, कार, फोन, सूखे मेवे, मांस, फल, फर्नीचर, घरेलू उपकरण, हथियार, मेकअप, सिगरेट समेत करीब 38 सामानों के आयात पर बैन भी लगा दिया है।
डॉलर की तुलना में रुपया पहुंचा 200 के पार
पाकिस्तानी रुपये पर दबाव तेजी से बढ़ता जा रहा है। हालात ये हैं कि अब एक डॉलर की कीमत 200 पाकिस्तानी रुपये के बराबर पहुंच चुकी है। यानी सीधे-सीधे कहें तो डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया तेजी से कमजोर होता जा रहा है। पाकिस्तान में तेल और बिजली पर सब्सिडी दी जा रही है और विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तक उसे खत्म नहीं किया जाता, रुपया गिरता ही रहेगा। इसकी गिरावट रोकने का एक तरीका ये हो सकता है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ (IMF) 1 अरब डॉलर की सहायता राशि जारी कर दे। इसे लेकर पाकिस्तानी अधिकारी आईएमएफ से बात भी कर रहे हैं।
पाकिस्तान में महंगाई चरम पर
इस वक्त पाकिस्तान की हालत बेहद खराब है। पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल नहीं, एटीएम में कैश नहीं है और आम आदमी परेशान हो रहा है। पाकिस्तान में अप्रैल तक महंगाई दो सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंचते हुए 13.4 फीसदी हो गई है। ऐसे में पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक ने हाल ही में ब्याज दरें 150 बेसिस प्वाइंट बढ़ाते हुए इसे 13.75 फीसदी कर दिया ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके।
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सिर्फ दो महीने के आयात जितनी बची है विदेशी मुद्रा
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से गिरता जा रहा है। हालात ये हैं कि पाकिस्तान के पास सिर्फ दो महीने के आयात जितनी ही विदेशी मुद्रा बची है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के पास विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 10.3 अरब डॉलर पर आ चुका है। ऐसे में अब ये कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की हालत भी श्रीलंका जैसी हो सकती है और वह भी अपने लोन चुकाने में डिफॉल्ट कर सकता है। अपना विदेशी मुद्रा भंडार और घटने से बचाने के लिए हाल ही में पाकिस्तान ने फोन, शैंपू, पास्ता, कार, फोन, सूखे मेवे, मांस, फल, फर्नीचर, घरेलू उपकरण, हथियार, मेकअप, सिगरेट समेत करीब 38 सामानों के आयात पर बैन भी लगा दिया है।
डॉलर की तुलना में रुपया पहुंचा 200 के पार
पाकिस्तानी रुपये पर दबाव तेजी से बढ़ता जा रहा है। हालात ये हैं कि अब एक डॉलर की कीमत 200 पाकिस्तानी रुपये के बराबर पहुंच चुकी है। यानी सीधे-सीधे कहें तो डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया तेजी से कमजोर होता जा रहा है। पाकिस्तान में तेल और बिजली पर सब्सिडी दी जा रही है और विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तक उसे खत्म नहीं किया जाता, रुपया गिरता ही रहेगा। इसकी गिरावट रोकने का एक तरीका ये हो सकता है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ (IMF) 1 अरब डॉलर की सहायता राशि जारी कर दे। इसे लेकर पाकिस्तानी अधिकारी आईएमएफ से बात भी कर रहे हैं।
पाकिस्तान में महंगाई चरम पर
इस वक्त पाकिस्तान की हालत बेहद खराब है। पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल नहीं, एटीएम में कैश नहीं है और आम आदमी परेशान हो रहा है। पाकिस्तान में अप्रैल तक महंगाई दो सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंचते हुए 13.4 फीसदी हो गई है। ऐसे में पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक ने हाल ही में ब्याज दरें 150 बेसिस प्वाइंट बढ़ाते हुए इसे 13.75 फीसदी कर दिया ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके।
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