Pakistan budget: पाकिस्तान में सरकारी कर्मचारी नहीं खरीद पाएंगे नई कार, जानिए क्या है वजह

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Pakistan budget: पाकिस्तान में सरकारी कर्मचारी नहीं खरीद पाएंगे नई कार, जानिए क्या है वजह

Pakistan budget: पाकिस्तान में सरकारी कर्मचारी नहीं खरीद पाएंगे नई कार, जानिए क्या है वजह

नई दिल्ली: आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान में सरकारी कर्मचारी नई कार नहीं खरीद पाएंगे। बढ़ते राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) को कम करने और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज पाने के लिए पाकिस्तान सरकार अमीरों पर टैक्स (tax on rich) बढ़ाने की घोषणा की है। साथ ही सरकारी कर्मचारियों के नई कार खरीदने पर पाबंदी रहेगी। देश के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल (Miftah Ismail) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (foreign reserves) 10 अरब डॉलर से कम रह गया है। इससे केवल 45 दिन के आयात का भुगतान किया जा सकता है। ऐसे में देश की 22 करोड़ आबादी के सामने रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है।

इस्माइल ने 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि देश को इस स्थिति से निकालने के लिए अमीरों पर टैक्स बढ़ाया जाएगा, कारों के आयात पर बैन लगाया जाएगा और सरकारी अधिकारी नई कार नहीं खरीदेंगे। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह तत्काल साफ नहीं हो पाया है कि यह पाबंदी सरकार वाहनों की खरीद पर रहेगी या पर्सनल यूज वाली कारों पर। इस्माइल ने कहा कि हमने कड़े फैसले लेने शुरू कर दए हैं लेकिन अभी तो यह शुरुआत है। पाकिस्तान में नया वित्त वर्ष जुलाई से शुरू होता है।

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बेलआउट के लिए कड़ी शर्तें
आईएमएफ ने पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज देने के लिए कड़ी शर्तें रखी हैं। इनमें फिस्कल और करेंट अकाउंट के घाटे की समस्या को दूर करना शामिल है। इस्माइल ने कहा कि सरकार टैक्स की चोरी पर रोक लगाएगी जिससे 2022-23 में रेवेन्यू में सात लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। इससे घाटे को पाटने में मदद मिलेगी। सरकार ने 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 4.9 फीसदी रखा है जो मौजूदा वित्त वर्ष में 8.6 फीसदी है। सरकार ने प्राइवेटाइजेशन से 96 अरब रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।

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आईएमएफ की शर्तों में पेट्रोल-डीजल पर सब्सिडी खत्म करना शामिल है। सरकार इसे लागू कर चुकी है। देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत में हाल में 40 फीसदी तेजी आई है। इस्माइल ने कहा कि सरकार ने 2022-23 में पांच फीसदी इकनॉमिक ग्रोथ का लक्ष्य रखा है जो 30 जून को खत्म हो रहे मौजूदा वित्त वर्ष में 5.97 फीसदी था। सरकार ने जुलाई से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष में 9.5 लाख करोड़ रुपये के कुल खर्च का लक्ष्य रखा है। इस्माइल ने उम्मीद जताई कि 2022-23 में औसत महंगाई 11.5 फीसदी के आसपास रहेगी।

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