Pakistan Army News: रूस-रूस गाते रहे इमरान खान, बाजवा ने कर दिया कांड, अमेरिका के पाले में ‘नया पाकिस्तान’ ? h3>
इस्लामाबाद: यूक्रेन युद्ध के पहले तक पाकिस्तानी सेना के साथ मजबूत रिश्तों का बखान करने वाले इमरान खान ने जंग के 39वें दिन संसद को भंग करने की सिफारिश कर दी है। रूस की सेना ने जब यूक्रेन पर मिसाइलों बारिश शुरू की थी, उस समय इमरान खान ने मास्को का दौरा करके पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया। इमरान ने न केवल रूस का दौरा किया बल्कि अमेरिका के खिलाफ उनकी सरकार के खिलाफ साजिश का भी आरोप लगा दिया। इमरान जब रूस-रूस गा रहे थे, ठीक उसी समय जनरल बाजवा ने पाला बदल लिया और रूसी हमले की खुलेआम आलोचना कर अमेरिका की जमकर प्रशंसा कर डाली।
जनरल बाजवा ने इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में कहा कि यूक्रेन युद्ध एक बड़ी त्रासदी है और इसे तत्काल रोका जाना चाहिए। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि पाकिस्तान खेमाबंदी की राजनीति में विश्वास नहीं करता है। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि आज हमें पहले से कहीं अधिक बौद्धिक बहस और विचार-विमर्श को बढ़ावा देने की जरूरत है, जैसा कि दुनियाभर में लोग अपने देश और दुनिया के भविष्य के बारे में अपने विचारों को साझा करने के लिए एकजुट हो जाते हैं।’
‘अमेरिका के साथ उत्कृष्ट और रणनीतिक संबंधों का एक लंबा इतिहास’
पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने कहा, ‘पाकिस्तान आर्थिक और रणनीतिक टकराव के चौराहे पर स्थित देश के रूप में हमारे क्षेत्र में और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में हमारी साझेदारी के माध्यम से इन साझा चुनौतियों का सामना कर रहा है।’ अमेरिका और अन्य देशों के साथ पाकिस्तान के संबंधों के बारे में बात करते हुए बाजवा ने कहा कि इस्लामाबाद गुट की राजनीति में विश्वास नहीं करता है। बाजवा ने कहा, ‘पाकिस्तान के चीन के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जो पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।’
जनरल बाजवा ने कहा, ‘हम समान रूप से अमेरिका के साथ उत्कृष्ट और रणनीतिक संबंधों का एक लंबा इतिहास साझा करते हैं, जो हमारा सबसे बड़ा निर्यात बाजार बना हुआ है। हम दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को प्रभावित किए बिना दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को व्यापक और मजबूत करना चाहते हैं।’ माना जा रहा है कि जनरल बाजवा ने इमरान खान के बयान से खुद को अलग करने और अमेरिका को हुए राजनीतिक नुकसान से पाकिस्तान को बचाने के लिए यह बयान दिया है। उन्होंने देश की विदेश नीति और आगे बढ़ने की योजनाओं के लिए एक बेहतर गारंटी दी।
संसद में उठाए कदम पर बाजवा ने नहीं दिया इमरान खान का साथ
जनरल बाजवा ने यह बयान ऐसे समय पर दिया जब इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना था। इसके बाद मान लिया गया कि इमरान अब सेना का साथ पूरी तरह से खो चुके हैं। यही नहीं रविवार को पाकिस्तान के गृहमंत्री ने दावा किया कि उनके अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के कदम पर सेना का समर्थन है, इस पर आर्मी ने कहा कि उनका इससे कोई लेना देना नहीं है। यह एक राजनीतिक प्रक्रिया है और हमारा किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। माना जा रहा है कि सेना ने इमरान का समर्थन नहीं करके अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं जो आईएसआई की मदद से सत्ता में आए थे।
इमरान खान के खिलाफ जनरल बाजवा ने कर दिया खेल
अगला लेखपांच मिनट में विपक्ष का खेल बिगाड़ गए इमरान खान, जानें पाकिस्तानी संसद में सत्तापक्ष ने कैसे पलट दिया पाशा
जनरल बाजवा ने इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में कहा कि यूक्रेन युद्ध एक बड़ी त्रासदी है और इसे तत्काल रोका जाना चाहिए। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि पाकिस्तान खेमाबंदी की राजनीति में विश्वास नहीं करता है। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि आज हमें पहले से कहीं अधिक बौद्धिक बहस और विचार-विमर्श को बढ़ावा देने की जरूरत है, जैसा कि दुनियाभर में लोग अपने देश और दुनिया के भविष्य के बारे में अपने विचारों को साझा करने के लिए एकजुट हो जाते हैं।’
‘अमेरिका के साथ उत्कृष्ट और रणनीतिक संबंधों का एक लंबा इतिहास’
पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने कहा, ‘पाकिस्तान आर्थिक और रणनीतिक टकराव के चौराहे पर स्थित देश के रूप में हमारे क्षेत्र में और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में हमारी साझेदारी के माध्यम से इन साझा चुनौतियों का सामना कर रहा है।’ अमेरिका और अन्य देशों के साथ पाकिस्तान के संबंधों के बारे में बात करते हुए बाजवा ने कहा कि इस्लामाबाद गुट की राजनीति में विश्वास नहीं करता है। बाजवा ने कहा, ‘पाकिस्तान के चीन के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जो पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।’
जनरल बाजवा ने कहा, ‘हम समान रूप से अमेरिका के साथ उत्कृष्ट और रणनीतिक संबंधों का एक लंबा इतिहास साझा करते हैं, जो हमारा सबसे बड़ा निर्यात बाजार बना हुआ है। हम दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को प्रभावित किए बिना दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को व्यापक और मजबूत करना चाहते हैं।’ माना जा रहा है कि जनरल बाजवा ने इमरान खान के बयान से खुद को अलग करने और अमेरिका को हुए राजनीतिक नुकसान से पाकिस्तान को बचाने के लिए यह बयान दिया है। उन्होंने देश की विदेश नीति और आगे बढ़ने की योजनाओं के लिए एक बेहतर गारंटी दी।
संसद में उठाए कदम पर बाजवा ने नहीं दिया इमरान खान का साथ
जनरल बाजवा ने यह बयान ऐसे समय पर दिया जब इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना था। इसके बाद मान लिया गया कि इमरान अब सेना का साथ पूरी तरह से खो चुके हैं। यही नहीं रविवार को पाकिस्तान के गृहमंत्री ने दावा किया कि उनके अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के कदम पर सेना का समर्थन है, इस पर आर्मी ने कहा कि उनका इससे कोई लेना देना नहीं है। यह एक राजनीतिक प्रक्रिया है और हमारा किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। माना जा रहा है कि सेना ने इमरान का समर्थन नहीं करके अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं जो आईएसआई की मदद से सत्ता में आए थे।
इमरान खान के खिलाफ जनरल बाजवा ने कर दिया खेल