Pakistan : ‘जनरल बाजवा ने बांधे नवाज शरीफ की तारीफों के पुल’, विपक्ष का दावा- इमरान खान ने सेना के लिए इस्तेमाल की अभद्र भाषा h3>
इस्लामाबाद : पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएलएन) के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने दावा किया है कि पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा है कि नवाज शरीफ हमेशा उनका सम्मान करते हैं और पूर्व प्रधानमंत्री ने हमेशा सेना की जरूरतों के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। समा टीवी की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। शहबाज शरीफ ने दावा किया है कि जनरल कमर जावेद बाजवा ने नवाज शरीफ का सम्मान करने के लिए उनकी तारीफ की है।
शहबाज शरीफ ने कहा कि जनरल बाजवा ने बैठकों के दौरान जो कहा था, उसके लिए वह सेना प्रमुख से बात कर रहे हैं और उन बैठकों में शामिल होने वाले कई लोग गवाही दे सकते हैं। शाहबाज शरीफ ने आगे दावा किया कि सेना प्रमुख ने कहा है कि जब भी नवाज शरीफ को पाकिस्तानी सेना के लिए कुछ भी करने के लिए कहा गया, तो वह किया गया। उन्होंने कहा, ‘और फिर उन्होंने (जनरल बाजवा) अगली बात कही कि जब भी मैंने (जनरल बाजवा) उनसे (नवाज शरीफ) कहा कि हमें सशस्त्र बलों के लिए इसकी आवश्यकता है, तो उन्होंने (अनुरोध को स्वीकार करने के लिए) कभी भी इनकार नहीं किया।’
इमरान खान पर लगाए गंभीर आरोप
विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि नवाज शरीफ ने पूरे दिल से देश की सेवा कैसे की, इस बारे में जल्द ही रहस्यों का खुलासा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब नवाज शरीफ वापस आएंगे तो देश विकास की राह पर होगा। शाहबाज शरीफ ने कहा कि हमारी डिक्शनरी में बदले का शब्द नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने ‘इमरान खान की एक महिला एमएनए’ पर सशस्त्र बलों के खिलाफ जहरीली भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि वह यह नहीं बता सकते कि इमरान खान ने पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के बारे में क्या कहा था और उन्होंने किस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
बाजवा के कार्यकाल में विस्तार में बाधा बने इमरान
शहबाज शरीफ का मानना है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जानबूझकर पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल में विस्तार में देरी करने की कोशिश की थी और उन्होंने दावा किया है कि उनकी पार्टी हमेशा सेना का सम्मान करती है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर सशस्त्र बलों को निशाना बनाने वाले अभियान के पीछे सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का हाथ था। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष ने याद किया कि जब प्रधानमंत्री खान ने सेना प्रमुख के कार्यकाल को बढ़ाने की कोशिश की, तो अधिसूचना को तीन बार फिर से तैयार करना पड़ा।
विस्तार प्रक्रिया को विवादास्पद बनाने का आरोप
शरीफ ने स्वीकार किया कि उनके पास अपने दावों का समर्थन करने के लिए कोई ठोस जानकारी नहीं थी, यह उनकी सुविचारित राय थी कि प्रधानमंत्री ने जानबूझकर विस्तार की प्रक्रिया को ‘विवादास्पद’ बनाने की कोशिश की। विपक्षी नेता ने कहा, ‘मामला अंतत: सुप्रीम कोर्ट में गया, अतीत में सेना प्रमुखों को सेवा में विस्तार से सम्मानित किया गया है, उन्हें केवल कॉपी-पेस्ट करना था। नहीं, यह सब एक के रूप में किया गया था। यह इमरान खान नियाजी द्वारा किया गया एक धोखा था। वह इसमें देरी करना चाहते थे, इसे विवाद खड़ा करना चाहते थे।’
इमरान खान पर लगाए गंभीर आरोप
विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि नवाज शरीफ ने पूरे दिल से देश की सेवा कैसे की, इस बारे में जल्द ही रहस्यों का खुलासा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब नवाज शरीफ वापस आएंगे तो देश विकास की राह पर होगा। शाहबाज शरीफ ने कहा कि हमारी डिक्शनरी में बदले का शब्द नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने ‘इमरान खान की एक महिला एमएनए’ पर सशस्त्र बलों के खिलाफ जहरीली भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि वह यह नहीं बता सकते कि इमरान खान ने पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के बारे में क्या कहा था और उन्होंने किस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
बाजवा के कार्यकाल में विस्तार में बाधा बने इमरान
शहबाज शरीफ का मानना है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जानबूझकर पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल में विस्तार में देरी करने की कोशिश की थी और उन्होंने दावा किया है कि उनकी पार्टी हमेशा सेना का सम्मान करती है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर सशस्त्र बलों को निशाना बनाने वाले अभियान के पीछे सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का हाथ था। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष ने याद किया कि जब प्रधानमंत्री खान ने सेना प्रमुख के कार्यकाल को बढ़ाने की कोशिश की, तो अधिसूचना को तीन बार फिर से तैयार करना पड़ा।
विस्तार प्रक्रिया को विवादास्पद बनाने का आरोप
शरीफ ने स्वीकार किया कि उनके पास अपने दावों का समर्थन करने के लिए कोई ठोस जानकारी नहीं थी, यह उनकी सुविचारित राय थी कि प्रधानमंत्री ने जानबूझकर विस्तार की प्रक्रिया को ‘विवादास्पद’ बनाने की कोशिश की। विपक्षी नेता ने कहा, ‘मामला अंतत: सुप्रीम कोर्ट में गया, अतीत में सेना प्रमुखों को सेवा में विस्तार से सम्मानित किया गया है, उन्हें केवल कॉपी-पेस्ट करना था। नहीं, यह सब एक के रूप में किया गया था। यह इमरान खान नियाजी द्वारा किया गया एक धोखा था। वह इसमें देरी करना चाहते थे, इसे विवाद खड़ा करना चाहते थे।’