Pak PM Imran Khan: ‘इमरान खान मनोरोगी हैं…तुरंत गिरफ्तार किया जाए’, मरियम नवाज बोलीं- अब वह अपने होश में नहीं h3>
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अब चौतरफा घिरते नजर आ रहे हैं। शनिवार सुबह शुरू हुआ नेशनल असेंबली का सत्र अभी भी चल रहा है और विपक्ष इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है। लेकिन स्पीकर असद कैसर ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया है। तमाम सियासी उथल-पुथल के बीच पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की उपाध्यक्ष और पूर्व पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के बेटी मरियम नवाज ने इमरान खान की गिरफ्तारी की मांग की है।
डॉन की खबर के मुताबिक मरियम नवाज ने कहा कि इमरान खान के साथ प्रधानमंत्री या पूर्व प्रधानमंत्री जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए बल्कि उनके साथ ‘मनोरोगी’ जैसा बर्ताव किया जाना चाहिए। मरियम ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि एक शख्स जो अब अपने होश में नहीं है उसे बर्बादी लाने और पूरे देश को कमजोर करने नहीं दिया जा सकता। यह कोई मजाक नहीं है। उन्होंने कहा कि 22 करोड़ का देश ‘अब बिना सरकार के’ है।
‘इमरान खान को तुरंत गिरफ्तार किया जाए’
मरियम ने अगले ट्वीट में लिखा, ‘डर से पीड़ित इस मानसिक रोगी के हाथों में एक माचिस है जिससे वह हर तरफ आग लगाना चाहता है। उसे गिरफ्तार कर लेना चाहिए इससे पहले वह और नुकसान पहुंचाए। 22 करोड़ लोगों का भाग्य ऐसे शख्स के हाथों में नहीं दिया जा सकता। पाकिस्तान नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने रविवार को कई घंटे बीत जाने के बावजूद सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव में वोट डालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
स्पीकर ने वोटिंग कराने से किया इनकार
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि स्पीकर ने कहा कि चूंकि उनका प्रधानमंत्री के साथ 30 साल का रिश्ता रहा है, इसलिए वह मतदान नहीं होने दे सकते। प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से बचने के लिए पीटीआई सरकार के कई प्रयासों के बीच उनके भाग्य का फैसला करने के लिए नेशनल असेंबली का सत्र शनिवार को शुरू हुआ।
कुरैशी ने अमेरिका पर लगाए आरोप
फ्लोर पर आते हुए, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि जब राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) को ‘शीर्ष-गुप्त दस्तावेज’ के विवरण के बारे में सूचित किया गया था, तो फोरम ने तुरंत एक सीमांकन (डीमार्च) जारी करने का फैसला किया और दूसरा आदेश इस मामले की जांच के लिए संसद का एक सत्र बुलाने का था। उन्होंने कहा, ‘इससे पहले कि हम (सरकार) चले जाएं, मैं यह आपके ज्ञान में लाना चाहता हूं कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को बुलाया और स्पष्ट रूप से हमें रूस दौरे के साथ आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा।’
कुरैशी ने कहा, ‘दुनिया में किसी भी संप्रभु राष्ट्र को दूसरे देशों से आदेश कहां मिलते हैं और कौन सा स्वतंत्र देश ऐसे निर्देशों को स्वीकार करता है?’ जब कुरैशी यह सवाल पूछ रहे थे, उसी समय सदन का हॉल विपक्षी दलों के नेताओं के विरोध और नारों से गूंज रहा था।
‘इमरान खान को तुरंत गिरफ्तार किया जाए’
मरियम ने अगले ट्वीट में लिखा, ‘डर से पीड़ित इस मानसिक रोगी के हाथों में एक माचिस है जिससे वह हर तरफ आग लगाना चाहता है। उसे गिरफ्तार कर लेना चाहिए इससे पहले वह और नुकसान पहुंचाए। 22 करोड़ लोगों का भाग्य ऐसे शख्स के हाथों में नहीं दिया जा सकता। पाकिस्तान नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने रविवार को कई घंटे बीत जाने के बावजूद सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव में वोट डालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
स्पीकर ने वोटिंग कराने से किया इनकार
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि स्पीकर ने कहा कि चूंकि उनका प्रधानमंत्री के साथ 30 साल का रिश्ता रहा है, इसलिए वह मतदान नहीं होने दे सकते। प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से बचने के लिए पीटीआई सरकार के कई प्रयासों के बीच उनके भाग्य का फैसला करने के लिए नेशनल असेंबली का सत्र शनिवार को शुरू हुआ।
कुरैशी ने अमेरिका पर लगाए आरोप
फ्लोर पर आते हुए, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि जब राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) को ‘शीर्ष-गुप्त दस्तावेज’ के विवरण के बारे में सूचित किया गया था, तो फोरम ने तुरंत एक सीमांकन (डीमार्च) जारी करने का फैसला किया और दूसरा आदेश इस मामले की जांच के लिए संसद का एक सत्र बुलाने का था। उन्होंने कहा, ‘इससे पहले कि हम (सरकार) चले जाएं, मैं यह आपके ज्ञान में लाना चाहता हूं कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को बुलाया और स्पष्ट रूप से हमें रूस दौरे के साथ आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा।’
कुरैशी ने कहा, ‘दुनिया में किसी भी संप्रभु राष्ट्र को दूसरे देशों से आदेश कहां मिलते हैं और कौन सा स्वतंत्र देश ऐसे निर्देशों को स्वीकार करता है?’ जब कुरैशी यह सवाल पूछ रहे थे, उसी समय सदन का हॉल विपक्षी दलों के नेताओं के विरोध और नारों से गूंज रहा था।