ब्रिटेन में बेहद प्रभावी निकली ऑक्‍सफर्ड-AstraZeneca की कोरोना वैक्‍सीन, 80 फीसदी कम हुईं मौतें

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ब्रिटेन में बेहद प्रभावी निकली ऑक्‍सफर्ड-AstraZeneca की कोरोना वैक्‍सीन, 80 फीसदी कम हुईं मौतें

ब्रिटेन में बेहद प्रभावी निकली ऑक्‍सफर्ड-AstraZeneca की कोरोना वैक्‍सीन, 80 फीसदी कम हुईं मौतें

हाइलाइट्स:

  • ब्रिटेन से कोरोना वायरस की मार झेल रहे भारतीयों के लिए एक बहुत अच्‍छी खबर सामने आई है
  • टीकाकरण के आंकड़ों से पता चला है कि पहला डोज लगवाने से मौतों की संख्‍या में 80 फीसदी कमी
  • यह वही कोरोना वैक्‍सीन है जिसे भारत में बड़े पैमाने पर कोविशील्‍ड के नाम से लगाया जा रहा है

लंदन
दुनिया में पूरी वयस्‍क आबादी को कोरोना वायरस वैक्‍सीन लगाने के मामले में काफी आगे चल रहे ब्रिटेन से भारतीयों के लिए एक बहुत अच्‍छी खबर सामने आई है। ब्रिटेन के कोरोना टीकाकरण के वास्‍तविक आंकड़ों के विश्‍लेषण से पता चला है कि ऑक्‍सफर्ड- एस्ट्रेजनेका की कोरोना वैक्‍सीन का पहला डोज लगवाने मात्र से इस महामारी से मरने वालों की संख्‍या में 80 फीसदी की कमी आई है। यह वही वैक्‍सीन है जिसे भारत में बड़े पैमाने पर कोविशील्‍ड के नाम से लगाया जा रहा है।

पब्लिक हेल्‍थ इंग्‍लैंड के विश्‍लेषण से पता चला है कि एस्‍ट्रेजनेका वैक्‍सीन के मात्र एक डोज से मौत का खतरा 80 फीसदी कम हो जाता है। वहीं अमेरिकी कंपनी फाइजर की वैक्‍सीन के दो डोज से मौत का खतरा करीब 97 प्रतिशत तक कम हो जाता है। ब्रिटेन के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मैट हैंकॉक ने इस आंकडे़ की तारीफ की है और कहा कि यह आंकड़े इस बात के ‘स्‍पष्‍ट’ सबूत हैं कि वैक्‍सीन इस महामारी से बचाव में कारगर है।
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‘वैक्‍सीन लगाए जाने से 10 हजार जिंदगियों को बचाया गया’

पब्लिक हेल्‍थ इंग्‍लैंड का अनुमान है कि अब तक कोरोना वैक्‍सीन लगाए जाने से 10 हजार जिंदगियों को बचाया जा सका है। ब्रिटेन की एक करोड़ 80 लाख की आबादी में से हर तीन में से एक वयस्‍क को कोरोना वैक्‍सीन लगाई जा चुकी है। इससे ब्रिटेन में संक्रमण, मरीजों को अस्‍पताल में भर्ती कराए जाने और मौतों का आंकड़ा काफी कम हो गया है। इस शानदार सफलता के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि सरकार कोरोना वायरस को लेकर जारी प्रतिबंधों में अब ढील देने पर विचार कर रही है।

पब्लिक हेल्‍थ इंग्‍लैंड ने कहा कि उसने इन आंकड़ों को जारी करने से पहले इंग्‍लैंड में 50 हजार लोगों के दस्‍तावेजों की जांच की थी। ये लोग दिसंबर से अप्रैल महीने में कोरोना पॉजिटिव हुए थे। इनमें से 13 प्रतिशत लोगों को फाइजर का एक डोज और 8 प्रतिशत लोगों को एस्‍ट्रेजनेका की वैक्‍सीन का एक डोज दिया गया था। इस व‍िश्‍लेषण से पता चला कि दोनों में से प्रत्‍येक वैक्‍सीन के मात्र एक डोज ने मौतों की संख्‍या को करीब 80 प्रतिशत तक कम कर दिया।
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भारत के लिए महत्‍वपूर्ण है ब्रिटेन का आंकड़ा
यही नहीं कोरोना वैक्‍सीन लगवाने से अस्‍पताल में भर्ती कराए जाने की संख्‍या में भी भारी कमी आई है। यह आंकड़ा भारत के लिए महत्‍वपूर्ण है जो कोरोना महामारी के कहर से जूझ रहा है। भारत में अब 18 साल की उम्र तक के लोगों को कोरोना वायरस वैक्‍सीन लगाई जा रही है। हालांकि ब्रिटेन में 40 साल से कम उम्र के लोगों को सलाह दी गई है कि वे ऑक्‍सफर्ड की कोरोना वैक्‍सीन लगवाने से परहेज करें। बताया जा रहा है क‍ि खून का थक्‍का जमने के मामले सामने आने के बाद ब्रिटेन ने यह फैसला लिया है।

AstraZeneca

ब्रिटेन में प्रभावी न‍िकली ऑक्‍सफर्ड की कोरोना वैक्‍सीन

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