OPS हड़ताल: महाराष्ट्र में शिक्षकों ने रोका पेपर जांचने का काम, बोर्ड एग्जाम पर होगा असर?
वहीं, सरकार वर्षों तक काम करने वाले शिक्षक को पेंशन देने में घबरा रही है। महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद के मुंबई कार्यवाह शिवनाथ दराडे के अनुसार, जब तक पुरानी पेंशन योजना दोबारा लागू नहीं होती, आंदोलन जारी होगा। आंदोलन को तीव्र करने के लिए जल्द ही अन्य लोग भी आंदोलन में शामिल होंगे।
पुरानी और नई पेंशन का अंतर
राजेश पंड्या के अनुसार, पुरानी पेंशन योजना के तहत करीब 15 वर्ष की नौकरी के बाद शिक्षक रिटायर होता है, तो उसे हर महीने करीब 15 हजार रुपये न्यूनतम पेंशन मिलती है। साथ ही, लाभार्थी की आयु 65 वर्ष से अधिक होने पर पेंशन की राशि में बढ़ोतरी होती है। शिक्षक की मृत्यु के बाद उसके परिवार को पेंशन का लाभ मिलता है। नई पेंशन योजना में 15 वर्ष की नौकरी के बाद शिक्षक के रिटायर होने पर उसे केवल 2 से 5 हजार रुपये ही पेंशन मिलेगी। शिक्षक मनोज राय के अनुसार, सरकार 2004 तक नियुक्त होने वाले शिक्षकों को पुरानी पेंशन और 2005 से नियुक्त होने वाले शिक्षक और शिक्षाकर्मियों को नई पेंशन योजना में शामिल कर रही है। सरकार का यह नियम गलत है, सभी शिक्षाकर्मियों को एक ही पुरानी पेंशन का लाभ मिलना चाहिए।
भिंवडी में मिला समर्थन
पुरानी पेंशन योजना लागू करने सहित अन्य मांगों को लेकर महाराष्ट्र में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल में भिवंडी तहसीलदार कार्यालय एवं पंचायत समिति कार्यालय के सभी कर्मचारियों ने शामिल होकर समर्थन दिया। पंचायत समिति के कर्मचारियों एवं राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने तहसीलदार कार्यालय के सामने नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
कल्याण में भी दिखा असर
पुरानी पेंशन योजना के लिए हो रही हड़ताल का असर कल्याण में भी देखने को मिला। कल्याण में शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर महाराष्ट्र राज्य शिक्षा क्रांति संघ के माध्यम से काम किया। इस दौरान, जिलाध्यक्ष गजानन पाटील, महाराष्ट्र राज्य शिक्षा क्रांति संघ के जिला सचिव थॉमस शिंगारे के प्रतिनिधिमंडल ने तहसीलदार कार्यालय जाकर मांग की कि पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।