OPINION: डियर केएल राहुल, कभी टीम के लिए भी खेलकर देखिये… अच्छा लगता है h3>
नई दिल्ली: 58 टी20 इंटरनेशनल मैच में 39.72 की औसत और 140.91 की स्ट्राइक रेट से 1867 रन। 109 आईपीएल मैच में 3889 रन। औसत 48.01 और स्ट्राइक रेट 136.22। ये आंकड़े हैं भारतीय टीम के उपकप्तान और सलामी बल्लेबाज केएल राहुल के (KL Rahul)। रिकॉर्ड देखने में तो वर्ल्ड क्लास लगते हैं लेकिन कई बार नंबर झूठ भी बोलते हैं। आपको उदाहरण से समझाते हैं- आईपीएल 2022 का एलिमिनेटर खेला जा रहा था। बैंगलोर के लिए रजत पाटीदार ने 54 गेंदों पर 112 रन बनाए। 208 रनों के लक्ष्य के सामने लखनऊ 14 रन से हार गया। केएल राहुल ने बनाए 58 गेंदों पर 79 रन। स्ट्राइक रेट 136 का। टी20 के हिसाब से तो अच्छा है, लेकिन मैच की परिस्थिति के हिसाब से नहीं।
आपको एक और उदाहरण देता हूं- राहुल तेवतिया की वो पारी तो याद ही होगी, पंजाब किंग्स के खिलाफ ओवर में 5 छक्के मारे थे। पाटा विकेट और छोटी बाउंड्री का फायदा उठाते हुए पंजाब के लिए मयंक अग्रवाल ने बनाए 50 गेंदों पर 106 रन और राहुल के बल्ले से निकले 54 गेंदों पर 69 रन। टीम का स्कोर 223/2, फिर भी पंजाब हार गया। राहुल के इस स्कोर से उनका औसत तो बेहतर हुआ लेकिन टीम का क्या फायदा हुआ? ऐसे एक या दो नहीं दर्जन भर मैच हैं, जब केएल राहुल की धीमी और विकेट बचाने वाली पारी का खामियाजा उनकी टीम को भुगतना पड़ा।
पिछले 5 आईपीएल सीजन में राहुल का प्रदर्शन
सीजन
मैच
रन
औसत
स्ट्राइक रेट
100/50
2022
15
616
51.33
135.38
2/4
2021
13
626
62.60
138.80
0/6
2020
14
670
55.83
129.34
1/5
2019
14
593
53.90
135.38
1/6
2018
14
659
54.91
158.41
0/6
आईपीएल के पिछले 5 सीजन में केएल राहुल ने हर बार 575+ रन बनाए हैं। हर बार औसत 50 से ऊपर का रहा। हर बार ऑरेंज कैप की रेस में रहे। और एक बार भी उनकी टीम चैंपियन नहीं बनी। माना कि क्रिकेट टीम गेम है, लेकिन एक खिलाड़ी टीम के लिए नहीं खुद के लिए खेलने लगे तो क्या होगा। पावरप्ले में जहां टीमें अपने ओपनर से ताबड़तोड़ शुरुआत की उम्मीद करती है तो केएल राहुल पिच पर सेट होने में भरोसा रखते हैं। कई बार इसका फायदा भी होता है, लेकिन ज्यादा नुकसान ही हुआ है।
आईपीएल 2020 में पंजाब का मैच हैदराबाद से था। 202 रनों के जवाब में बल्लेबाजी करने उतरे केएल राहुल ने 16 गेंदों पर 11 रनों की पारी खेली। उनकी टीम मैच हार गई। हार के बाद राहुल ने कहा कि स्ट्राइक रेट ओवररेटेड है।
स्ट्राइक-रेट बहुत, बहुत ओवररेटेड है। मेरे लिए यह जरूरी है कि मैं अपनी टीम के लिए गेम कैसे जीत सकता हूं। अगर किसी दिन मुझे लगता है कि 120 का स्ट्राइक रेट मेरी टीम के लिए मैच जीता सकता है, तो मैं ऐसा करूंगा। मैं इसी तरह बल्लेबाजी करता हूं और एक कप्तान के तौर पर मैं जिम्मेदारी लेना चाहता हूं।
केएल राहुल
राहुल ने जिम्मेदारी लेने की बात कही। टी20 इसलिए सभी फॉर्मेट से अलग है, क्योंकि यहां जिम्मेदारी लेने के लिए समय ही नहीं है। 120 गेंदों के मैच में हर टीम के पास कम से कम 7 प्रॉपर बल्लेबाज तो होते ही हैं। यानी एक बल्लेबाज के हिस्से में करीब 17 गेंदें। जिम्मेदारी लेने और सेट होने में ही कोई बल्लेबाज 15-20 गेंद खेल गया तो समझिए उस टीम का क्या होगा। आप विकेट बचा लेंगे, अपना रिकॉर्ड बेहतर कर लेंगे लेकिन टीम को क्या मिलेगा? हार और नाकामी।
बात एशिया कप की
भारतीय टीम ग्रुप ए के अपने दूसरे मैच में हॉन्गकॉन्ग के सामने थी। रोहित शर्मा 13 गेंदों पर 21 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन केएल राहुल पिच पर टिकने की कोशिश कर रहे थे। अप्रोच ऐसी जैसे टेस्ट या वनडे मैच चल रहा हो। पूरे पावरप्ले में राहुल कोशिश की सिर्फ एक अटैकिंग शॉट की, वो भी फ्री-हिट पर। उनकी बल्लेबाजी देखकर हॉन्गकॉन्ग के गेंदबाज भी हंसी नहीं रोक पा रहे थे। 39 गेंदों पर 36 रन बनाकर राहुल आउट हुए। टी20 क्रिकेट में ऐसे खेलना पाप है। 120 गेंदों के मैच में करीब 32 प्रतिशत गेंद खेलने के बाद एक बल्लेबाजी टीम का स्कोर का 19 प्रतिशत रन बनाता है। वो तो भला हो सूर्यकुमार यादव का, जिन्होंने 26 गेंदों पर 68 रन बनाकर टीम को जीत दिला दी।
हार के बाद खुलेगी नींद?
भारतीय टीम मैनेजमेंट और कप्तान रोहित शर्मा टी20 खेलने के अप्रोच को बदलने की बात करते हैं। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में ऐसा देखने को भी मिला। बेखौफ बल्लेबाजी, पहली ही गेंद से अटैक। टीम को फायदा भी मिला। लेकिन एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में क्या? अगर कहा जाए कि केएल राहुल ने उस अप्रोच को ठेंगा दिखा दिया है तो गलत नहीं होगा। दीपक हुड्डा जैसे बल्लेबाज बाहर बैठे हैं, ऋषभ पंत को मौका नहीं मिल रहा। लेकिन केएल राहुल खेल रहे हैं और क्या खूब खेल रहे थे। अगर टीम मैनेजमेंट नहीं जागा तो यह खेल एशिया कप में भारत का खेल कर देगा।
टॉप टीमों के खिलाफ सिर्फ 7 बार 50+ का स्कोर
केएल राहुल ने 2016 में टी20 डेब्यू किया था। उसके बाद से श्रीलंका और वेस्टइंडीज जूझ रही हैं। ऐसे में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान को ही वर्ल्ड क्रिकेट की टॉप टीमों में गिना जाता है। इनके खिलाफ राहुल ने 28 टी20 मैच खेले हैं। इसमें उनके बल्ले से निकले हैं 772 रन। औसत 30.88 और स्ट्राइक रेट 133.56 का, उनके ओवरऑल रिकॉर्ड से काफी खराब। उन्होंने करियर में 18 बार 50+ का स्कोर बनाया है। टॉप टीमों के खिलाफ सिर्फ सात बार।
टैलेंट हर कोई जानता है
सवाल केएल राहुल के टैलेंट पर है ही नहीं। वह ताबड़तोड़ खेल सकते हैं। किसी भी गेंदबाजी अटैक की बखिया उधेड़ने की क्षमता रखते हैं, लेकिन सवाल अप्रोच का है। आप कोशिश तो कीजिए अटैक करने की। तभी तो रन बनेंगे, गेंदबाज दबाव में आएगा। बुरा से बुरा क्या होगा, आप आउट हो जाएंगे। वो टीम के लिए ज्यादा अच्छा होगा। कोई दूसरा बल्लेबाज आएगा, रन बनाएगा, टीम को जिताएगा। हो सकता है आप ड्रॉप हो जाएं लेकिन फायदा तो टीम का ही होगा ना। इसलिए कभी टीम के लिए सोचकर खेलिए अच्छा लगता है।
आपको एक और उदाहरण देता हूं- राहुल तेवतिया की वो पारी तो याद ही होगी, पंजाब किंग्स के खिलाफ ओवर में 5 छक्के मारे थे। पाटा विकेट और छोटी बाउंड्री का फायदा उठाते हुए पंजाब के लिए मयंक अग्रवाल ने बनाए 50 गेंदों पर 106 रन और राहुल के बल्ले से निकले 54 गेंदों पर 69 रन। टीम का स्कोर 223/2, फिर भी पंजाब हार गया। राहुल के इस स्कोर से उनका औसत तो बेहतर हुआ लेकिन टीम का क्या फायदा हुआ? ऐसे एक या दो नहीं दर्जन भर मैच हैं, जब केएल राहुल की धीमी और विकेट बचाने वाली पारी का खामियाजा उनकी टीम को भुगतना पड़ा।
पिछले 5 आईपीएल सीजन में राहुल का प्रदर्शन
सीजन | मैच | रन | औसत | स्ट्राइक रेट | 100/50 |
2022 | 15 | 616 | 51.33 | 135.38 | 2/4 |
2021 | 13 | 626 | 62.60 | 138.80 | 0/6 |
2020 | 14 | 670 | 55.83 | 129.34 | 1/5 |
2019 | 14 | 593 | 53.90 | 135.38 | 1/6 |
2018 | 14 | 659 | 54.91 | 158.41 | 0/6 |
आईपीएल के पिछले 5 सीजन में केएल राहुल ने हर बार 575+ रन बनाए हैं। हर बार औसत 50 से ऊपर का रहा। हर बार ऑरेंज कैप की रेस में रहे। और एक बार भी उनकी टीम चैंपियन नहीं बनी। माना कि क्रिकेट टीम गेम है, लेकिन एक खिलाड़ी टीम के लिए नहीं खुद के लिए खेलने लगे तो क्या होगा। पावरप्ले में जहां टीमें अपने ओपनर से ताबड़तोड़ शुरुआत की उम्मीद करती है तो केएल राहुल पिच पर सेट होने में भरोसा रखते हैं। कई बार इसका फायदा भी होता है, लेकिन ज्यादा नुकसान ही हुआ है।
आईपीएल 2020 में पंजाब का मैच हैदराबाद से था। 202 रनों के जवाब में बल्लेबाजी करने उतरे केएल राहुल ने 16 गेंदों पर 11 रनों की पारी खेली। उनकी टीम मैच हार गई। हार के बाद राहुल ने कहा कि स्ट्राइक रेट ओवररेटेड है।
स्ट्राइक-रेट बहुत, बहुत ओवररेटेड है। मेरे लिए यह जरूरी है कि मैं अपनी टीम के लिए गेम कैसे जीत सकता हूं। अगर किसी दिन मुझे लगता है कि 120 का स्ट्राइक रेट मेरी टीम के लिए मैच जीता सकता है, तो मैं ऐसा करूंगा। मैं इसी तरह बल्लेबाजी करता हूं और एक कप्तान के तौर पर मैं जिम्मेदारी लेना चाहता हूं।
केएल राहुल
राहुल ने जिम्मेदारी लेने की बात कही। टी20 इसलिए सभी फॉर्मेट से अलग है, क्योंकि यहां जिम्मेदारी लेने के लिए समय ही नहीं है। 120 गेंदों के मैच में हर टीम के पास कम से कम 7 प्रॉपर बल्लेबाज तो होते ही हैं। यानी एक बल्लेबाज के हिस्से में करीब 17 गेंदें। जिम्मेदारी लेने और सेट होने में ही कोई बल्लेबाज 15-20 गेंद खेल गया तो समझिए उस टीम का क्या होगा। आप विकेट बचा लेंगे, अपना रिकॉर्ड बेहतर कर लेंगे लेकिन टीम को क्या मिलेगा? हार और नाकामी।
बात एशिया कप की
भारतीय टीम ग्रुप ए के अपने दूसरे मैच में हॉन्गकॉन्ग के सामने थी। रोहित शर्मा 13 गेंदों पर 21 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन केएल राहुल पिच पर टिकने की कोशिश कर रहे थे। अप्रोच ऐसी जैसे टेस्ट या वनडे मैच चल रहा हो। पूरे पावरप्ले में राहुल कोशिश की सिर्फ एक अटैकिंग शॉट की, वो भी फ्री-हिट पर। उनकी बल्लेबाजी देखकर हॉन्गकॉन्ग के गेंदबाज भी हंसी नहीं रोक पा रहे थे। 39 गेंदों पर 36 रन बनाकर राहुल आउट हुए। टी20 क्रिकेट में ऐसे खेलना पाप है। 120 गेंदों के मैच में करीब 32 प्रतिशत गेंद खेलने के बाद एक बल्लेबाजी टीम का स्कोर का 19 प्रतिशत रन बनाता है। वो तो भला हो सूर्यकुमार यादव का, जिन्होंने 26 गेंदों पर 68 रन बनाकर टीम को जीत दिला दी।
हार के बाद खुलेगी नींद?
भारतीय टीम मैनेजमेंट और कप्तान रोहित शर्मा टी20 खेलने के अप्रोच को बदलने की बात करते हैं। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में ऐसा देखने को भी मिला। बेखौफ बल्लेबाजी, पहली ही गेंद से अटैक। टीम को फायदा भी मिला। लेकिन एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में क्या? अगर कहा जाए कि केएल राहुल ने उस अप्रोच को ठेंगा दिखा दिया है तो गलत नहीं होगा। दीपक हुड्डा जैसे बल्लेबाज बाहर बैठे हैं, ऋषभ पंत को मौका नहीं मिल रहा। लेकिन केएल राहुल खेल रहे हैं और क्या खूब खेल रहे थे। अगर टीम मैनेजमेंट नहीं जागा तो यह खेल एशिया कप में भारत का खेल कर देगा।
टॉप टीमों के खिलाफ सिर्फ 7 बार 50+ का स्कोर
केएल राहुल ने 2016 में टी20 डेब्यू किया था। उसके बाद से श्रीलंका और वेस्टइंडीज जूझ रही हैं। ऐसे में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान को ही वर्ल्ड क्रिकेट की टॉप टीमों में गिना जाता है। इनके खिलाफ राहुल ने 28 टी20 मैच खेले हैं। इसमें उनके बल्ले से निकले हैं 772 रन। औसत 30.88 और स्ट्राइक रेट 133.56 का, उनके ओवरऑल रिकॉर्ड से काफी खराब। उन्होंने करियर में 18 बार 50+ का स्कोर बनाया है। टॉप टीमों के खिलाफ सिर्फ सात बार।
टैलेंट हर कोई जानता है
सवाल केएल राहुल के टैलेंट पर है ही नहीं। वह ताबड़तोड़ खेल सकते हैं। किसी भी गेंदबाजी अटैक की बखिया उधेड़ने की क्षमता रखते हैं, लेकिन सवाल अप्रोच का है। आप कोशिश तो कीजिए अटैक करने की। तभी तो रन बनेंगे, गेंदबाज दबाव में आएगा। बुरा से बुरा क्या होगा, आप आउट हो जाएंगे। वो टीम के लिए ज्यादा अच्छा होगा। कोई दूसरा बल्लेबाज आएगा, रन बनाएगा, टीम को जिताएगा। हो सकता है आप ड्रॉप हो जाएं लेकिन फायदा तो टीम का ही होगा ना। इसलिए कभी टीम के लिए सोचकर खेलिए अच्छा लगता है।