Old Pension: एमपी में तेज हुई पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग, चुनावी साल में कर्मचारी डालेंगे वोट पर असर!

14
Old Pension: एमपी में तेज हुई पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग, चुनावी साल में कर्मचारी डालेंगे वोट पर असर!

Old Pension: एमपी में तेज हुई पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग, चुनावी साल में कर्मचारी डालेंगे वोट पर असर!

भोपाल: मध्य प्रदेश के लिए यह चुनावी साल है। चुनाव में हर कोई सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए जतन कर रहा है। सरकारी कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को प्रदेशभर से भोपाल के नीलम पार्क में आए हजारों सरकारी कर्मचारियों ने अपनी आवाज बुलंद की। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम को बताया कि वैसे तो हम 17 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उसमें पुरानी पेंशन बहाली मुख्य मांगों में शामिल है।

ये हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगें-

पुरानी पेंशन बहाली की जाए
कर्मचारियों को केंद्रीय दर एवं केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता/सेवानिवृत्त कर्मचारियों को महंगाई राहत मिले
पिछले कई सालों के एरियर का बकाया दिया जाये
सातवें वेतनमान के अनुसार मकान किराया भत्ता, वाहन एवं अन्य भत्ते दिये जाएं
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का पदनाम कार्यालय सहायक किया जाये
पेंशनरों को पेंशन राहत प्रदान करने में धारा 49 समाप्त किया जाए
कर्मचारियों की पदोन्नति समय मान वेतनमान मिले
कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर की जाए
टैक्सी प्रथा बंद कर वाहन चालकों की भर्ती की जाए
आउट सोर्स प्रथा बंद की जाए
पेंशन हेतु 25 साल की सेवा पूरी पेंशन हेतु गणना में लिया जाए
संविदा एवं स्थाई कर्मियों को नियमित नियुक्ति/नियमित वेतनमान दिया जाए
सीपीसीटी का बंधन खत्म किया जाए

क्या है पुरानी पेंशन का मामला

आपको बता दें कि 1 जनवरी 2005 के बाद सरकारी नौकरी में आए अधिकारी-कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है। इसके तहत कर्मचारी 10 प्रतिशत और इतनी ही राशि का अंशदान सरकार मिलाती है। कर्मचारी संगठन का आरोप है कि इस राशि को शेयर मार्केट में लगाया जाता है। इसके चलते कर्मचारियों का भविष्य अब शेयर मार्केट के ऊपर निर्भर हो गया है। जब वे सेवानिवृत्त होते हैं तो 60 प्रतिशत राशि कर्मचारी को नकद और शेष 40 प्रतिशत राशि की ब्याज से प्राप्त राशि पेंशन के रूप में कर्मचारी को दी जाती है। वहीं, पुरानी पेंशन नीति में वेतन की लगभग आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी। डीए बढ़ने पर पेंशन भी बढ़ जाती थी। लेकिन नई पेंशन नीति में ऐसा कुछ भी नहीं है। इसलिए पुरानी पेंशन नीति की लागू की जाए।

कांग्रेस लागू करने का कर चुकी वादा

आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव को करीब 6 महीने बचें हैं। विपक्षी दल ने पुरानी पेंशन को चुनावी मुद्दा बना लिया है। कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर उनकी सरकार बनी तो मध्य प्रदेश में भी पुरानी पेंशन लागू की जाएगी। वहीं, भाजपा ने इस पर अपना कोई रूख तय नहीं किया है।

इनके आह्वान पर आयोजित हुआ प्रदर्शन

यह प्रदर्शन मध्य प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ अध्यक्ष एमपी द्विवेदी, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ अध्यक्ष अतुल मिश्रा, मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ अध्यक्ष महेंद्र शर्मा, मध्य प्रदेश वाहन चालक यांत्रिकी कर्मचारी संघ अध्यक्ष साबिर खान, मध्य प्रदेश पेंशनर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एल एन कैलासिया के आव्हान पर आयोजित हुआ।

Old Pension: पुरानी पेंशन पर हाईकोर्ट का अहम फैसला….2005 के बाद परमानेंट हुए फिर भी मिलेगी जानिए क्याें?
रिपोर्ट: दीपक राय

उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News