रायबरेली के ऊंचाहार में NTPC प्लांट में हादसे के 48 घंटे बीत चुके हैं। इस हादसे में 30 लोगों की मौत होने के बाद चूक की बात सामने आ रही है। NTPC प्रबंधन ने आखिरकार अपनी चूक मान ली है। प्लांट के बड़े अधिकारी रविंद्र सिंह राठी ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर घटना का ब्यौरा मीडिया के सामने रखा और माना कि मशीन में खामियां थीं।
NTPC ने स्वीकार की अपनी गलती
रायबरेली के ऊंचाहार में एनटीपीसी हादसे के 27 घंटे बाद आखिरकार एनटीपीसी प्रधंबन ने अपनी गलती मान ली है। धुंआ-धुंआ करता एनटीपीसी का प्लांट और यहां से एक के बाद एक निकलते शवों की वजह सिर्फ और सिर्फ लापरवाही है। और ये कबूलनामा किसी और का नहीं बल्कि खुद एनटीपीसी का है।
ऐसे हुई घटना
एनटीपीसी ने माना कि प्लांट में ऐश एविक्शन की समस्या थी। जो कि प्लांट की जानकारी में था इसलिए 190 मेगावाट तक लोड कम किया गया था। बॉटम ऐश की वजह से प्रेशर बढ़ा और स्ट्रक्चर की पेंटिंग करने वाले कर्मचारी इसकी चपेट में आ गए। फ्लू गैस की चपेट में आने से ज़्यादा कर्मचारी हताहत हुए।
वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। हादसे की जांच के लिए एक्सपर्ट की एक टीम बनाई गई है जो कि 30 दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट देगी।
बॉयलर फटने से अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। राठी ने बताया कि मरने वाले सभी लोग बॉयलर के पास काम कर रहे थे। इस हादसे में करीब सौ लोग घायल हुए हैं। राठी ने कहा कि हादसे में घायल हुए लोगों को फर्स्ट एड के बाद रायबरेली, और लखनऊ भेजा गया। उन्होंने कहा कि घटना की सूचना पर एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारी ऊंचाहार पहुंचे और तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया।
5 लोगों को इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया है। मृतकों को एनटीपीसी की तरफ से 20 लाख रुपये, गंभीर घायलों को 10 लाख, मामूली घायलों को 2 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा वर्कर कंपनसेशन के तहत 8 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह ने मामले की जांच कमेटी गठित कर दी है। एसकेराय की अगुवाई में एक कमेंटी घटना की जांच करेगी। हादसे की जांच के लिए एक्सपर्ट कमेटी में रखे गए हैं। कमेटी 30 दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट देगी।