Real Estate Sector: अब कॉम्पैक्ट घर की जगह बड़े घर की मांग क्यों कर रहे हैं अधिक ग्राहक?
हाइलाइट्स:
- कोरोनावायरस संक्रमण के सेकेंड वेव में कई कंपनियों ने अपने प्रोजेक्ट लांच टाल दिए हैं
- इस साल की जून तिमाही में रियल एस्टेट की बिक्री पर असर पड़ने की आशंका है
- अफॉर्डेबल कैटेगरी के अलावा अब छोटे घरों की डिमांड सीमित रहने की आशंका है
नई दिल्ली
देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते रफ्तार की वजह से पिछले साल भारत के रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) को बहुत बुरे दौर से गुजरना पड़ा था। कोरोना संकट के धीमा पड़ने के बाद रियल स्टेट कारोबार में रिकवरी बहुत तेज थी और रेजिडेंशियल सेक्टर में रिवाइवल के कई अच्छे संकेत दिखने लगे थे। इसके बाद कोरोनावायरस संक्रमण का सेकेंड वेव आ गया। इसके बाद टाटा रियल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (TRIL) जैसी कंपनियों ने अपने कई प्रोजेक्ट लांच टाल दिए हैं। इसके साथ ही कंपनी ने घरों की फिजिकल बिक्री रोक दी है, लेकिन इसके बाद भी कंपनी रियल एस्टेट सेक्टर के लंबी अवधि के आउटलुक को लेकर भरोसेमंद है। टाटा रियल्टी एंड इन्फ्राट्रक्चर लिमिटेड के सीईओ संजय दत्त ने कहा है कि देश में अब बड़े घरों की मांग बढ़ रही है और कोरोनावायरस के सेकेंड वेब की वजह से रियल स्टेट की मांग पर काफी असर देखने को मिल रहा है।
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पिछले साल के कोविड संकट से लिया सबक
टाटा रियल्टी एंड इन्फ्राट्रक्चर लिमिटेड (TRIL) के सीईओ संजय दत्त ने कहा कि कोविड-19 के सेकंड वेव में कंपनी के कामकाज पर काफी असर डाला है। इस समय टाटा रियल्टी देश के 15 शहरों में 17 रेजिडेंशियल और 3 कमर्शियल प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। इनमें करीब 3000 वर्कर काम कर रहे हैं। पिछले साल के कोरोना संकट से यह सबक लिया गया है कि कंपनी ने सभी कामगारों को साइट पर ही ठहराने की व्यवस्था कर ली है।
फिजिकल सेल्स बंद
टाटा रियल्टी इस समय अपने प्रोजेक्ट की ऑनलाइन बिक्री (online sales) कर रही है, लेकिन फिजिकल सेल्स बंद कर दी गई है। कोरोना संक्रमण (Covid infection) बढ़ने की वजह से इस समय ग्राहकों की आवाजाही पर असर पड़ा है और इस वजह से कंपनी ने फिजिकल सेल बंद करने का फैसला किया है। देश के सभी शहरों में इस समय टाटा रियल्टी (TRIL) लोगों की सुरक्षा के हिसाब से कामकाज कर रही है। कोरोना के नए संकट का रियल एस्टेट कारोबार पर असर पड़ने के बारे में उन्होंने कहा कि इस साल की जून तिमाही में रियल स्टेट (Real Estate Sector) की बिक्री पर असर पड़ने की आशंका है, लेकिन यह साल 2020 की जून तिमाही की तुलना में अधिक रह सकती है।
रियल एस्टेट सेक्टर का नया ट्रेंड
रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) में आ रहे नए ट्रेंड के बारे में उन्होंने कहा कि अब रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट में भी वैलनेस फैक्टर की जरूरत महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब लोग कॉम्पैक्ट घरों की डिमांड नहीं कर रहे हैं, बल्कि अब हर किसी को बड़े घर की जरूरत है जिसमें अतिरिक्त स्टडी और वर्कस्पेस की जगह हो। अफॉर्डेबल कैटेगरी के अलावा अब छोटे घरों की डिमांड सीमित रहने की आशंका है। यह वास्तव में रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) के मौजूदा ट्रेंड के उलट है, जब हर रियल्टी कंपनी ने कॉम्पैक्ट होम बनाना शुरू कर दिया था। रियल एस्टेट कारोबार (Real Estate Business) में कॉम्पैक्ट होम के लिए अब बहुत सीमित गुंजाइश रह गई है।
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