Noida ritu maheshwari: नोएडा अथॉरिटी की CEO ऋतु माहेश्वरी को SC से बड़ी राहत, हाईकोर्ट के गैर जमानती वारंट पर रोक h3>
मनीष सिंह, नोएडा: नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट (ritu maheshwari supreme court) से बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय (allahabad high court ritu maheshwari case) के आदेश पर रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल में अवमानना मामले में रितु माहेश्वरी के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट (ritu maheshwari non bailable warrant) जारी किया था, जिस पर SC ने अंतरिम रोक लगाई है। अब मामले की अगली सुनवाई कल होगी।
ऋतु महेश्वरी के लिए कई दिनों बाद सकून वाला दिन आया जब देश के उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के ऋतु के खिलाफ दिए गैर जमानती वारंट के फैसले पर रोक लगा दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में कोर्ट की अवमानना को हाई कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था, जिसके के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल के लिए तो हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है, हालांकि कल फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
एक दिन पहले लगाई थी सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
सोमवार सुप्रीम कोर्ट ने ऋतु महेश्वरी को कड़ी फटकार लगाते हुए तल्ख टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट में ऋतु महेश्वरी के वकील ने मामले की जल्द सुनवाई की मांग करते हुए अंतरिम राहत की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा तब कहा था कि आप आईएएस अधिकारी हैं, आपको नियमों का पता है। CJI एनवी रमना ने कहा था कि हर दूसरे दिन कुछ अधिकारी गंभीर मामलों में भी निर्देश के लिए कोर्ट आ जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हर रोज इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन होता है, यह दिनचर्या हो गया है। पूछा कि एक अधिकारी कोर्ट जाता है यह क्या है? साथ ही कहा कि वो अदालत के आदेशों का सम्मान नहीं करते।
क्या है IAS ऋतु महेश्वरी से जुड़ा मामला
दरसल पूरा मामला इस प्रकार है कि नोएडा के सेक्टर-82 में प्राधिकरण ने 1989 और 1990 में अर्जेंसी क्लॉज के तहत भूमि का अधिग्रहण किया था, जिसके खिलाफ जमीन के खिलाफ जमीन के मालकिन मनोरमा कुच्छल ने चुनौती दी थी। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2016 में मनोरमा के पक्ष में फैसला सुनाया, हाईकोर्ट ने अर्जेंसी क्लॉज के तहत प्राधिकरण के द्वारा लिए गए जमीन अधिग्रहण को रद्द कर दिया और प्राधिकरण को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को सर्किल रेट से दुगने दरों में मुआवजा दिया जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला याचिकाकर्ता के पक्ष में सुनाया और इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करने का आदेश प्राधिकरण को कहा प्राधिकरण को दिया। आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता को मुआवजा नहीं दिया गया तो याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना का याचिका प्राधिकरण के खिलाफ दायर की जिसके सुनवाई में कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ऋतु महेश्वरी को दो बार कोर्ट में बुलाया लेकिन वह नहीं पहुंच पाई।
ऋतु महेश्वरी को पुलिस कस्टडी में लेने का HC ने दिया था आदेश
शुक्रवार को नोएडा प्राधिकरण की सीईओ महेश्वरी के वकील रविंद्र श्रीवास्तव ने न्यायालय को बताया ऋतु फ्लाइट से 10:30 बजे दिल्ली से उड़ान भरेंगी।अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें 10 बजे कोर्ट में हाजिर होना था, लेकिन जानबूझकर 10:30 बजे दिल्ली से फ्लाइट ले रही है। यह अदालत के अवमानना के दायरे में आता है। इसके बाद हाईकोर्ट ने ऋतु महेश्वरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए पुलिस कस्टडी में अदालत के अंदर पेश होने का आदेश दिया था, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ऋतु महेश्वरी को बड़ी राहत मिली है।
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एक दिन पहले लगाई थी सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
सोमवार सुप्रीम कोर्ट ने ऋतु महेश्वरी को कड़ी फटकार लगाते हुए तल्ख टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट में ऋतु महेश्वरी के वकील ने मामले की जल्द सुनवाई की मांग करते हुए अंतरिम राहत की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा तब कहा था कि आप आईएएस अधिकारी हैं, आपको नियमों का पता है। CJI एनवी रमना ने कहा था कि हर दूसरे दिन कुछ अधिकारी गंभीर मामलों में भी निर्देश के लिए कोर्ट आ जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हर रोज इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन होता है, यह दिनचर्या हो गया है। पूछा कि एक अधिकारी कोर्ट जाता है यह क्या है? साथ ही कहा कि वो अदालत के आदेशों का सम्मान नहीं करते।
क्या है IAS ऋतु महेश्वरी से जुड़ा मामला
दरसल पूरा मामला इस प्रकार है कि नोएडा के सेक्टर-82 में प्राधिकरण ने 1989 और 1990 में अर्जेंसी क्लॉज के तहत भूमि का अधिग्रहण किया था, जिसके खिलाफ जमीन के खिलाफ जमीन के मालकिन मनोरमा कुच्छल ने चुनौती दी थी। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2016 में मनोरमा के पक्ष में फैसला सुनाया, हाईकोर्ट ने अर्जेंसी क्लॉज के तहत प्राधिकरण के द्वारा लिए गए जमीन अधिग्रहण को रद्द कर दिया और प्राधिकरण को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को सर्किल रेट से दुगने दरों में मुआवजा दिया जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला याचिकाकर्ता के पक्ष में सुनाया और इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करने का आदेश प्राधिकरण को कहा प्राधिकरण को दिया। आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता को मुआवजा नहीं दिया गया तो याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना का याचिका प्राधिकरण के खिलाफ दायर की जिसके सुनवाई में कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ऋतु महेश्वरी को दो बार कोर्ट में बुलाया लेकिन वह नहीं पहुंच पाई।
ऋतु महेश्वरी को पुलिस कस्टडी में लेने का HC ने दिया था आदेश
शुक्रवार को नोएडा प्राधिकरण की सीईओ महेश्वरी के वकील रविंद्र श्रीवास्तव ने न्यायालय को बताया ऋतु फ्लाइट से 10:30 बजे दिल्ली से उड़ान भरेंगी।अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें 10 बजे कोर्ट में हाजिर होना था, लेकिन जानबूझकर 10:30 बजे दिल्ली से फ्लाइट ले रही है। यह अदालत के अवमानना के दायरे में आता है। इसके बाद हाईकोर्ट ने ऋतु महेश्वरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए पुलिस कस्टडी में अदालत के अंदर पेश होने का आदेश दिया था, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ऋतु महेश्वरी को बड़ी राहत मिली है।