Nizam Qureshi Arrest: कानपुर हिंसा का दूसरा मास्टरमाइंड पूर्व एसपी नेता निजाम कुरैशी अरेस्ट, बवाल वाले दिन से था फरार h3>
सुमित शर्मा, कानपुर: कानपुर हिंसा का दूसरा मास्टरमाइंड पूर्व सपा नेता निजाम कुरैशी को एसआइटी ने शनिवार को अरेस्ट किया है। हिंसा के बाद से निजाम कुरैशी फरार चल रहा था। पुलिस की एफआईआर में निजाम का नाम पांचवें नंबर पर था। हिंसा का दूसरा मास्टरमाइंड बीते 08 दिनों से पुलिस को चकमा दे रहा था। एसआईटी की टीम निजाम कुरैशी को अरेस्ट करने के लिए लगातार दबिश दे रही थी। शनिवार को एसआईटी की टीम ने बेकनगंज से निजाम कुरेशी को अरेस्ट कर लिया है।
बेकनगंज थाना क्षेत्र स्थित यतीमखाना से बीते शुक्रवार तीन जून को बाजार बंदी के नाम पर बवाल हुआ था। दो पक्षों के बीच जमकर पथराव, फायरिंग और पेट्रोल बम चले थे, जिसमें दर्जनों वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। वहीं, कई पुलिसकर्मी और राहगीर भी घायल हुए थे। कानपुर हिंसा को सुनियोजित तरीके से भड़काया गया था। पुलिस के हाथ वॉट्सऐप चैट के पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं।
कौन है निजाम कुरैशी
कानपुर हिंसा के आरोपी निजाम कुरैशी के भी राजनीतिक संबंध हैं। निजाम कुरैशी एसपी का नगर सचिव रह चुका है। इसके साथ ही ऑल इंडिया जमीअतुल कुरैशी ऐक्शन कमेटी का जिला अध्यक्ष है। निजाम कुरैशी को बीते 22 मई को सपा नगर अध्यक्ष डॉ. इमरान ने बाहर का रास्ता दिखाया था। सपा नगर अध्यक्ष ने तर्क दिया था कि निजाम कुरैशी संगठन के कार्यों में रुचि नहीं ले रहे हैं, इसलिए उन्हे पार्टी से निष्कासित किया जाता है। निजाम कुरैशी की एसपी समेत मुस्लिम समुदाय के बीच जबर्दस्त पकड़ है।
निजाम कुरैशी के वॉट्सऐप ग्रुप में थे एसपी नेता
पूर्व एसपी नेता के मोबाइल फोन में ‘टीम निजाम कुरैशी’ नाम से वॉट्सऐप ग्रुप चल रहा था। इस वॉट्सऐप ग्रुप की चैट सोशल मीडिया पर कानपुर हिंसा के बाद वायरल हुई थी, जिसमें स्पष्ट होता है कि कानपुर का माहौल खराब करने की साजिश रची जा रही थी। टीम निजाम कुरैशी के वॉट्सऐप ग्रुप में एसपी के तीनों विधायक ग्रुप एडमिन थे। इसके साथ एसपी के महानगर अध्यक्ष डॉ. इमरान भी जुडे़ थे, लेकिन हिंसा के बाद सभी एसपी नेताओं ने उसके ग्रुप को छोड़ दिया था।
हिंदुओं की दुकानों से नहीं खरीदें सामान
कानपुर हिंसा का दूसरा मास्टरमाइंड पूर्व एसपी नेता निजाम कुरैशी के वॉट्सऐप ग्रुप से चैट वायरल हुई थी, जिसमें अपील की गई थी कि परेड चौराहे के आसपास जो भी खाने-पीने या घर में इस्तेमाल होनी सामाग्री वहां के लोगों से नहीं खरीदें। मुस्लमान इनकी हर चीजों को बायकॉट करें। खासकर दयाराम स्वीट्स नमकीन हाउस, बंसीलाला जनरल स्टोर, गुप्ता जी घास वाले, गुप्ता जी कूलर वाले, सुमित फल वाला आदि दुकानों से माल नहीं खरीदें। इस तरह की कई भड़काऊ बातें लिखी हुई थीं।
घटना के दिन मौजूद था निजाम
कानपुर कमिश्नरेट पुलिस पूर्व एसपी नेता निजाम कुरैशी से पूछताछ कर रही है। कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी से निजाम कुरैशी के घनिष्ठ संबंध हैं। निजाम कुरैशी ने एक जून को बाजार बंदी के लिए मीटिंग बुलाई थी, जिसमें जुमे की दिन तीन जून को बाजार बंदी की अपील की गई थी। तीन जून को भी निजाम कैरेशी परेड में मौजूद था, लेकिन एफआईआर में नाम आने के बाद से फरार चल रहा था।
पुलिस करा सकती है हयात से सामना
कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी दो दिन के लिए पुलिस रिमांड पर है। वहीं, पुलिस ने दूसरे मास्टरमाइंड को अरेस्ट कर लिया है। पुलिस हयात जफर हाशमी और निजाम कुरैशी का आमना-सामना भी करा सकती है। यदि दोनों का आमना-सामना हुआ तो गई राज खुलकर सामने आ सकते हैं।
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कौन है निजाम कुरैशी
कानपुर हिंसा के आरोपी निजाम कुरैशी के भी राजनीतिक संबंध हैं। निजाम कुरैशी एसपी का नगर सचिव रह चुका है। इसके साथ ही ऑल इंडिया जमीअतुल कुरैशी ऐक्शन कमेटी का जिला अध्यक्ष है। निजाम कुरैशी को बीते 22 मई को सपा नगर अध्यक्ष डॉ. इमरान ने बाहर का रास्ता दिखाया था। सपा नगर अध्यक्ष ने तर्क दिया था कि निजाम कुरैशी संगठन के कार्यों में रुचि नहीं ले रहे हैं, इसलिए उन्हे पार्टी से निष्कासित किया जाता है। निजाम कुरैशी की एसपी समेत मुस्लिम समुदाय के बीच जबर्दस्त पकड़ है।
निजाम कुरैशी के वॉट्सऐप ग्रुप में थे एसपी नेता
पूर्व एसपी नेता के मोबाइल फोन में ‘टीम निजाम कुरैशी’ नाम से वॉट्सऐप ग्रुप चल रहा था। इस वॉट्सऐप ग्रुप की चैट सोशल मीडिया पर कानपुर हिंसा के बाद वायरल हुई थी, जिसमें स्पष्ट होता है कि कानपुर का माहौल खराब करने की साजिश रची जा रही थी। टीम निजाम कुरैशी के वॉट्सऐप ग्रुप में एसपी के तीनों विधायक ग्रुप एडमिन थे। इसके साथ एसपी के महानगर अध्यक्ष डॉ. इमरान भी जुडे़ थे, लेकिन हिंसा के बाद सभी एसपी नेताओं ने उसके ग्रुप को छोड़ दिया था।
हिंदुओं की दुकानों से नहीं खरीदें सामान
कानपुर हिंसा का दूसरा मास्टरमाइंड पूर्व एसपी नेता निजाम कुरैशी के वॉट्सऐप ग्रुप से चैट वायरल हुई थी, जिसमें अपील की गई थी कि परेड चौराहे के आसपास जो भी खाने-पीने या घर में इस्तेमाल होनी सामाग्री वहां के लोगों से नहीं खरीदें। मुस्लमान इनकी हर चीजों को बायकॉट करें। खासकर दयाराम स्वीट्स नमकीन हाउस, बंसीलाला जनरल स्टोर, गुप्ता जी घास वाले, गुप्ता जी कूलर वाले, सुमित फल वाला आदि दुकानों से माल नहीं खरीदें। इस तरह की कई भड़काऊ बातें लिखी हुई थीं।
घटना के दिन मौजूद था निजाम
कानपुर कमिश्नरेट पुलिस पूर्व एसपी नेता निजाम कुरैशी से पूछताछ कर रही है। कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी से निजाम कुरैशी के घनिष्ठ संबंध हैं। निजाम कुरैशी ने एक जून को बाजार बंदी के लिए मीटिंग बुलाई थी, जिसमें जुमे की दिन तीन जून को बाजार बंदी की अपील की गई थी। तीन जून को भी निजाम कैरेशी परेड में मौजूद था, लेकिन एफआईआर में नाम आने के बाद से फरार चल रहा था।
पुलिस करा सकती है हयात से सामना
कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी दो दिन के लिए पुलिस रिमांड पर है। वहीं, पुलिस ने दूसरे मास्टरमाइंड को अरेस्ट कर लिया है। पुलिस हयात जफर हाशमी और निजाम कुरैशी का आमना-सामना भी करा सकती है। यदि दोनों का आमना-सामना हुआ तो गई राज खुलकर सामने आ सकते हैं।