प्रधानमंत्री आवास योजना में मकानों की बढ़ी लागत ।

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जीएसटी का असर प्रधानमंत्री आवास योजना पर भी पड़ा है। आवासीय योजना के तहत निर्माण की लागत में प्रति आवास करीब दो से ढाई हजार रूपये की बढ़ोतरी होने का अनुमान सरकारी आकलन में लगाया गया है। सरकार के सभी विभागों में इस तरह का आकलन करके विभिन्न योजनाओ पर खर्च का ढांचा नए सिरे से तैयार हो रहा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मंत्रालय के तहत आने वाली योजनाओ पीएम आवास योजना ग्रामीण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मनरेगा के तहत लागत का आकलन कराया है। सभी योजनाओं में थोड़ा बहुत अंतर पाया गया है।

वस्तुओं पर करों की दर बदलने से असर
ग्रामीण विकास मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि जीएसटी की वजह से वस्तुओं पर लगने वाले कर दरों में परिवर्तन आया है। कुछ वस्तुओं पर कर दरें बढ़ी है तो कुछ में कमी आई है। इसकी वजह से लागत का फिर से आकलन करना पड़ा है। आवास योजना के तहत सभी जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी दर का आकलन अलग-अलग करके समग्र मूल्यांकन कराया गया है। ईंट पर छह प्रतिशत की जगह जीएसटी बाद 12 फीसदी कर हो गया है। सीमेंट पर 30 की जगह 28 फीसदी, पत्थर पर 27.5 की जगह 28 फीसदी कर दरें हो गई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सभी वस्तुओं पर कर की दरों को जोड़ने के बाद यह अंतर ढाई से तीन हजार रूपये के बीच पाया गया।

केंद्र राज्य की भागीदारी से बन रहे आवास
आवास योजना के तहत एक लाभार्थी को एक लाख बीस हजार रूपये दिए जाने है। इसमें केंद्र और राज्य का अनुपात 60 और 40 प्रतिशत का है। इसके अलावा 12 हजार रूपये शौचालय बनाने के लिए दिए जा रहे है। मनरेगा के कोष से 18 हजार पारिश्रमिक के लिए आवास योजना में दिए जा रहे है। उज्ज्वला योजना के तहत बिजली का कनेक्शन भी दिया जा रहा है।