नया खतराः दिल्ली के स्कूल में ‘टोमैटो फीवर’ के मामले, बच्चों को सेफ रखने के लिए एक्सपर्ट दे रहे हैं ये सलाह

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नया खतराः दिल्ली के स्कूल में ‘टोमैटो फीवर’ के मामले, बच्चों को सेफ रखने के लिए एक्सपर्ट दे रहे हैं ये सलाह

नया खतराः दिल्ली के स्कूल में ‘टोमैटो फीवर’ के मामले, बच्चों को सेफ रखने के लिए एक्सपर्ट दे रहे हैं ये सलाह

नई दिल्ली: ईस्ट दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (हैंड, फुट, माउथ डिजीज HFMD) के केस सामने आए हैं। बच्चों को होने वाली इस बीमारी के मामले का पता चलने के बाद प्रीत विहार के मदर्स ग्लोबल स्कूल ने उस क्लास का सेक्शन बंद कर दिया, जिसके ये स्टूडेंट्स हैं। बच्चों की तबियत ठीक है। हालांकि, इस बीमारी को लेकर उलझन के बीच कुछ पैरंट्स ने बच्चों को गुरुवार को स्कूल नहीं भेजा।

प्रीत विहार के मदर्स ग्लोबल स्कूल में क्लास 3 में ऐसे दो केस सामने आए हैं। स्कूल के प्रिंसिपल अर्चना मनोचा ने बताया कि बुधवार को हमें पता चला कि क्लास 3 के दो स्टूडेंट्स को हैंड, फुट, माउथ डिजीज हुई है। यह बच्चे दो-तीन दिन से स्कूल नहीं आ रहे थे। पैरंट्स से पता चलने के बाद हमने डॉक्टर से सलाह ली और क्लास 3 का यह सेक्शन बंद कर दिया गया। पांच दिन तक क्लास बंद रहेगी। इस बच्चों की क्लासेज ऑनलाइन मोड से हो रही हैं। बाकी स्कूल सैनेटाइजेशन पर पूरा ध्यान दे रहा है।

पिछले महीने भी मिले थे कई मामले

इससे पहले पिछले महीने मॉडल टाउन के सृजन स्कूल में भी इस बीमारी के कुछ मामले सामने आए थे, जिसके बाद स्कूल का जूनियर विंग बच्चों के पूरी तरह से ठीक होने तक कुछ दिनों के लिए बंद किया गया था और ऑनलाइन क्लासेज रखी गई थीं। पिछले महीने से इस बीमारी के कई मामले सामने आए हैं। संक्रमण की बीमारी होने की वजह से पैरंट्स इसे लेकर चिंतित हैं। स्कूल में अगर कोई केस सुनाई देता है तो वो चिंतित हैं कि स्कूल भेजे या नहीं या कब तक ना भेजें। बीमारी के लक्षण बुखार, शरीर में चकत्ते, दाने निकलते हैं।

लक्षण मंकीपॉक्स जैसे, लेकिन टोमैटो फ्लू अलग

फोर्टिस हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक्स डॉक्टर अरुण गुप्ता ने कहा है मंकीपॉक्स और टोमैटो फ्लू अलग हैं। इसे मंकीपॉक्स से न जोड़ें, यह मंकीपॉक्स नहीं है। मंकीपॉक्स में शरीर पर पानी भरे बड़े-बड़े दाने हो जाते हैं। इसमें ऐसा कुछ नहीं है। चूंकि यह भी संक्रामक बीमारी है, इसलिए बचाव पर ध्यान देना जरूरी है। माउथ डिजीज को ही टोमैटो फ्लू कहा जाता है। चूंकि शरीर पर दाने लाल-लाल होते हैं, इसलिए कुछ लोग आम भाषा में इसे टोमैटो फ्लू भी कहते हैं।

बच्चों में आइसोलेशन जरूरी

मणिपाल हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक्स डॉक्टर विकास तनेजा ने कहा कि यह बहुत संक्रामक बीमारी है। इसका वायरस बहुत तेजी से फैलता है। अगर किसी स्कूल में इसका संक्रमण है तो वायरस को फैलने से रोकने के लिए स्कूल बंद कर देना चाहिए ताकि संक्रमण फैलने पर रोक लगे। जिस भी बच्चे को यह बीमारी है, उसे पहले डॉक्टर को दिखाएं। इसके बाद मरीज को आइसोलेट करना जरूरी है, ताकि यह बाकी बच्चों में इसका संक्रमण न हो।

सफाई, सैनिटाइजेशन जरूरी

डॉक्टर अरुण गुप्ता ने कहा कि इस वायरस के संपर्क में आने से दूसरे बच्चे को बीमारी का खतरा है। सफाई का खास ध्यान रखें। हाइजीन मेंटेन रखें। डॉक्टर ने कहा है कि यह मंकीपॉक्स नहीं है। उससे काफी अलग है। फीवर और स्किन पर छाले होते हैं। केवल इस आधार पर दोनों बीमारी एक नहीं कहीं जा सकती है।

इसके लक्षणों के अनुसार ही होता है इलाज

डॉक्टर विकास तनेजा ने कहा कि इसके लक्षणों के अनुसार ही इलाज होता है। वायरस के खिलाफ कोई दवा नहीं है। अगर फीवर हो रहा है तो उसकी दवा दी जाती है। गले में दर्द हो रहा है तो उसके लिए दवा दी जाती है। अमूमन 5 से 7 दिनों में यह ठीक हो जाता है। डॉक्टर का कहना है कि यह बहुत पुरानी बीमारी है, कोई नई बीमारी नहीं है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। यह हर साल होती है।

क्या है HFMD

-hfmd
  • यह कोक्ससैकीय A16 वायरस नाम के एक वायरस की वजह से होती है।
  • हाथ, पैर और मुंह में ही लक्षण आता है। इसलिए इसे हैंड, फुट और माउथ डिजीज कहा जाता है।
  • यह सांस लेने वाली नली के जरिए ही फैलता है और हाथ, पैर और मुंह में अल्सर कर देता है।
  • इसमें सबसे ज्यादा मुंह के अंदर लाल-लाल छाले बन जाते है।
  • 10 साल से छोटे बच्चों में होती है, लेकिन अधिकतर 5 साल से छोटे बच्चों में यह बीमारी ज्यादा देखी जाती है।
  • सबसे पहले फीवर आता है। गले में दर्द होता है और बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है। इसमें हाथ, पैर और मुंह में फफोलेदार दाने बन जाते है।
  • सबसे ज्यादा दाने मुंह में बनते है। इसमें जीभ, तालु और गाल के अंदर दाने बनते हैं। बच्चे खाना खा नहीं पाते हैं।

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