Navneet Rana: जमानत क्यों न रद्द की जाए, नवनीत राणा से अदलात का सवाल, मीडिया से बात कर मोल ली मुसीबत? h3>
मुंबई: अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) और उनके पति रवि राणा की मुश्किलें दोबारा बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। अभी कुछ दिन पहले ही राणा दंपत्ति हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) मामले में जमानत पर जेल से बाहर आया है। लेकिन जेल से बाहर आते ही उन्होंने मीडिया से बातचीत कर दोबारा मुसीबत मोल ले ली है। उनके मीडिया से बात करने के खिलाफ विशेष सरकारी वकील प्रदीप घरात (Adv Pradeep Gharat) ने अदालत में शिकायती याचिका दायर की है। जिसका संज्ञान लेते हुए अदालत ने राणा दंपत्ति के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अदालत ने राणा दंपत्ति से पूछा है कि आखिर आप की जमानत रद्द क्यों न की जाए?
सरकारी वकील ने अदालत में क्या कहा?
विशेष सरकारी वकील प्रदीप घरात ने मुंबई सत्र न्यायालय में अर्जी देते हुए अपनी जिरह में कहा कि अदालत ने जिन शर्तों के तहत राणा दंपत्ति को जमानत पर रिहा किया था। उन्होंने उन शर्तों का उल्लंघन किया है। घरात ने कहा कि अदालत द्वारा लगाई गई शर्तों में, तीन नंबर की शर्त यह थी कि राणा दंपत्ति इस मामले से जुड़े किसी भी विषय पर मीडिया से बातचीत नहीं करेगा। यदि वे ऐसा करते हैं तो आगे चलकर उनकी जमानत रद्द की जा सकती है। लेकिन राणा दंपत्ति जब जेल से बाहर निकले तब उन्होंने यह बयान दिया कि हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए वह 14 साल तक जेल में जाने के लिए तैयार हैं। साथ ही एक बार फिर से राणा दंपत्ति ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला बोला है।
उद्धव ठाकरे को सबक सिखाएंगे
सरकारी वकील प्रदीप घरात ने राणा दंपत्ति पर आरोप लगाया कि जेल से बाहर निकलने के बाद उन्होंने कहा कि देश के हनुमान भक्त उद्धव ठाकरे को सबक सिखाएंगे। सरकारी वकील ने कहा कि अदालत को दोनों के खिलाफ जल्द से जल्द गैर जमानती वारंट जारी करना चाहिए। साथ ही दोनों को सरेंडर करने का आदेश भी देना चाहिए।
18 मई तक दें जवाब
मुंबई सत्र न्यायालय ने राणा दंपत्ति को नोटिस जारी करते हुए सरकारी वकील प्रदीप घरात की अर्जी पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। उन्हें यह जवाब 18 मई तक देना होगा। साथ ही सरकारी वकील ने अदालत में एक और अर्जी दी है। जिसमें यह मांग की गई है कि अगर समय पर राणा दंपत्ति अपना जवाब अदालत में नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया जाए।
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सरकारी वकील ने अदालत में क्या कहा?
विशेष सरकारी वकील प्रदीप घरात ने मुंबई सत्र न्यायालय में अर्जी देते हुए अपनी जिरह में कहा कि अदालत ने जिन शर्तों के तहत राणा दंपत्ति को जमानत पर रिहा किया था। उन्होंने उन शर्तों का उल्लंघन किया है। घरात ने कहा कि अदालत द्वारा लगाई गई शर्तों में, तीन नंबर की शर्त यह थी कि राणा दंपत्ति इस मामले से जुड़े किसी भी विषय पर मीडिया से बातचीत नहीं करेगा। यदि वे ऐसा करते हैं तो आगे चलकर उनकी जमानत रद्द की जा सकती है। लेकिन राणा दंपत्ति जब जेल से बाहर निकले तब उन्होंने यह बयान दिया कि हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए वह 14 साल तक जेल में जाने के लिए तैयार हैं। साथ ही एक बार फिर से राणा दंपत्ति ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला बोला है।
उद्धव ठाकरे को सबक सिखाएंगे
सरकारी वकील प्रदीप घरात ने राणा दंपत्ति पर आरोप लगाया कि जेल से बाहर निकलने के बाद उन्होंने कहा कि देश के हनुमान भक्त उद्धव ठाकरे को सबक सिखाएंगे। सरकारी वकील ने कहा कि अदालत को दोनों के खिलाफ जल्द से जल्द गैर जमानती वारंट जारी करना चाहिए। साथ ही दोनों को सरेंडर करने का आदेश भी देना चाहिए।
18 मई तक दें जवाब
मुंबई सत्र न्यायालय ने राणा दंपत्ति को नोटिस जारी करते हुए सरकारी वकील प्रदीप घरात की अर्जी पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। उन्हें यह जवाब 18 मई तक देना होगा। साथ ही सरकारी वकील ने अदालत में एक और अर्जी दी है। जिसमें यह मांग की गई है कि अगर समय पर राणा दंपत्ति अपना जवाब अदालत में नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया जाए।
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